Kaithal News: कैथल के युवक को अमेरिका भेजने के नाम पर ठगी:49 लाख लेकर अवैध तरीके से भेजा; हुआ डिपोर्ट

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में एक युवक के साथ अमेरिका भेजने के नाम पर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में आरोपी नरेश कुमार को पुलिस की इकनॉमिक सेल ने गिरफ्तार किया है। नरेश कुमार और उसके साथियों ने युवक को अमेरिका भेजने का झांसा देकर उससे 49 लाख रुपये ठग लिए। उल्लेखनीय है कि युवक को अमेरिका की बजाय दुबई भेजा गया, जहां उसे दो महीने तक रखा गया और पैसे की लगातार मांग की गई।
युवक की पहचान
गांव स्यूं माजरा निवासी मनदीप सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने और उसके पिता ने कैसे इस धोखाधड़ी का शिकार हुए। मनदीप ने बताया कि उसे गांव के ही दो लोग, जरनैल सिंह और बंटी ने बताया कि वे उसे अमेरिका भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जान-पहचान एक एजेंट से है, जो इस काम में मदद कर सकता है। मनदीप और उसके पिता की विश्वास की चिंगारी तभी लगी जब उन्होंने देखा कि ये लोग कितने आत्मविश्वास के साथ बात कर रहे हैं।
धोखाधड़ी का प्रारंभ
मनदीप और उसके पिता ने इन दोनों व्यक्तियों की बातों में आकर उन्हें विश्वास किया। इसके बाद उन्हें चीका में एक एजेंट के पास ले जाया गया। वहां उन्हें नरेश कुमार और सतपाल नामक व्यक्तियों से मिलवाया गया। नरेश और सतपाल ने उन्हें बताया कि अमेरिका भेजने का खर्चा 40 लाख रुपये होगा। उनके इस प्रस्ताव को सुनकर मनदीप के पिता ने तुरंत पैसे जुटाने की योजना बनाई।
दुबई में ठहरना
मनदीप के परिवार ने 40 लाख रुपये के लिए उधार लिया और अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार किए। नोटिस में यह भी आया कि आरोपियों ने उन्हें विश्वास दिलाने के लिए कई बार दावे किए कि सब कुछ उनके कंट्रोल में है। मनदीप को आखिरकार दुबई भेज दिया गया। लेकिन दुबई पहुँचने पर उसे पता चला कि वह अमेरिका नहीं बल्कि वहां के ठगों के पंजे में फंस गया है।
जब मनदीप दुबई पहुँचा, तो उसे किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं दी गई। वह वहां दो महीने रुका रहा और आरोपियों ने उससे लगातार पैसे की मांग की। उन्होंने कहा कि उसे अमेरिका भेजने के लिए और पैसे की आवश्यकता है।
लगातार पैसे की डिमांड
दुबई में मनदीप को यह समझ नहीं आ रहा था कि वह किस प्रकार से इस स्थिति से बाहर निकले। उसे बार-बार पैसे की डिमांड की जाती रही। ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसका हर कदम उस ठगी का भागीदार बनाता जा रहा हो। मनदीप ने अपने पिता से संपर्क किया, जो बेचैनी में थे। उन्होंने मनदीप से वादा किया कि वे उसे वापस लाने के लिए और पैसे जुटाएंगे। मनदीप की स्थिति को देखकर उसके पिता ने अपनी सारी जमा-पूंजी जुटाई और आरोपियों को 20 लाख रुपये देने का फैसला किया।
जान का खतरा
हालात और भी बिगड़ गए जब आरोपियों ने मनदीप के पिता से कहा कि यदि वे बाकी पैसे नहीं देंगे, तो उनकी बेटे को मार दिया जाएगा। इस डर के साए में मनदीप के पिता ने फिर से पैसे दिए, लेकिन आरोपियों ने और पैसे की मांग की। यह एक अंतहीन चक्र बन गया, जिसमें वे दोनों लगातार दबाव में सामना कर रहे थे।
अमेरिका जाने का प्रयास और गिरफ्तारी
आखिरकार मनदीप को दुबई से वापस भारत बुला लिया गया और फिर से उसे यूरोप के रास्ते मेक्सिको भेजने का विचार किया गया। इस बार भी उसके पिता से पैसे की मांग की गई। जब मनदीप ने वहां की सीमा पार करने का प्रयास किया, तो उसे अमेरिका पुलिस ने पकड़ लिया। उसने अमेरिका की दीवार पार की, लेकिन उसकी किस्मत ने धोखा दिया और वह अमेरिका के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। उसे लगभग 20 दिनों तक हिरासत में रखा गया और बाद में भारत डिपोर्ट कर दिया गया।
भारत लौटने पर धमकी
जब मनदीप भारत लौट आया तो उसने ठगों से पैसे लौटाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें जान से मारने की धमकी मिली। मनदीप और उसके पिता ने अपराधियों को नियंत्रित करने के लिए इकनॉमिक सेल में जाकर शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की गई और आरोपी नरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस कार्रवाई
इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए पुलिस की इकनॉमिक सेल ने त्वरित कार्रवाई की। इकनॉमिक सेल के प्रभारी पीएसआई संदीप कुमार ने कहा कि नरेश कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और बाकी आरोपियों की भी पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह केवल एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया गया है, बल्कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जिसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं।
लालच और विश्वास के नाम पर ठगी
यह मामला न केवल एक युवक के जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि यह समाज के अन्य युवाओं को भी बताता है कि ऐसे ठगों से सावधान रहना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और सही जानकारी के साथ ही ऐसे मामलों में आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है। मनदीप की कहानी एक चेतावनी है कि कैसे लालच और विश्वास के नाम पर ठगी की जा सकती है। पुलिस की कार्रवाई और समाज की जागरूकता इन मामलों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।