राजस्थान के आसमान में गरजेगी वायुसेना: आधुनिक लड़ाकू विमानों का शक्ति प्रदर्शन, पाकिस्तान सीमा पर हाई अलर्ट

राफेल विमान।

नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज:  पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी जवाबी कार्रवाई के बीच भारतीय वायुसेना ने अपनी सैन्य तैयारियों को और धार देने का संकेत दिया है। बुधवार-गुरुवार की रात वायुसेना राजस्थान में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रही है। जम्मू-कश्मीर के बजाय राजस्थान सीमा पर इस युद्धाभ्यास का आयोजन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पाकिस्तान को भारत की ओर से किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई के लिए उच्च स्तर की तत्परता का स्पष्ट संदेश देगा।

आधुनिक लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन

 

इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन करेगी, जिसमें राफेल की घातक क्षमता के साथ-साथ सुखोई-30 एमकेआई की मारक क्षमता, जगुआर की अचूक निशाना लगाने की क्षमता और मिग श्रृंखला के अन्य लड़ाकू विमान शामिल होंगे। इन अत्याधुनिक विमानों की गर्जना राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में सुनाई देगी, जो भारतीय वायुसेना की शक्ति और संकल्प का प्रतीक होगी।

‘नो फ्लाइंग जोन’  घोषित

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वायुसेना ने इस बड़े युद्धाभ्यास के लिए मंगलवार शाम को ही ‘नोटिस टू एयरमैन’ (NOTAM) जारी कर दिया था। यह नोटिस विमान चालकों को हवाई क्षेत्र में संभावित खतरों या प्रतिबंधों के बारे में सूचित करता है। इसके साथ ही, वायुसेना ने बुधवार-गुरुवार की रात इस इलाके के एक बड़े वायु क्षेत्र को ‘नो फ्लाइंग जोन’ (No Flying Zone) घोषित कर दिया है, जिसके तहत सभी प्रकार के नागरिक और वाणिज्यिक विमानों की उड़ान को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह कदम युद्धाभ्यास के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए उठाया गया है।

आतंकवादी ठिकानों पर अचूक हमले

 

गौरतलब है कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर अचूक हमले किए हैं। इस ऑपरेशन में पीओजेके के बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में स्थित कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल थे। इन हमलों के बाद वायुसेना का यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान पर और अधिक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने और उसे यह स्पष्ट संदेश देने के लिए महत्वपूर्ण है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

वायुसेना का यह युद्धाभ्यास सामान्य सैन्य अभ्यासों से इस मायने में अलग है कि यह पाकिस्तान से लगी एक विस्तृत अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। आमतौर पर इस तरह के युद्धाभ्यास देश के अंदरूनी हिस्सों में या नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सीमित क्षेत्रों में होते हैं। राजस्थान सीमा पर इस बड़े पैमाने के युद्धाभ्यास का उद्देश्य वायुसेना के लड़ाकू विमानों को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में अपनी युद्धक तैयारियों का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करना है।

लगातार छह घंटे तक चलेगा युद्धाभ्यास

 

अनुमान है कि वायुसेना यह महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास बुधवार रात नौ बजे शुरू करेगी और यह लगातार छह घंटे तक चलेगा, जिसका समापन गुरुवार तड़के तीन बजे होगा। इस अवधि के दौरान, अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास के हवाई क्षेत्र में किसी भी अन्य विमान के उड़ान भरने या उतरने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। यह कदम युद्धाभ्यास की गोपनीयता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

कई कूटनीतिक कदम

 

पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठा रही है।  इस परिदृश्य में तीनों भारतीय सेनाएं – थलसेना, वायुसेना और नौसेना  अपने-अपने स्तर पर किसी भी संभावित सामरिक कार्रवाई के लिए तैयारियों को मजबूत कर रही हैं। वायुसेना का यह युद्धाभ्यास इसी व्यापक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश

 

वायुसेना का यह शक्ति प्रदर्शन स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश देने का प्रयास है कि भारत पहलगाम जैसी घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। यह भारत के दृढ़ संकल्प और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

थलसेना भी अग्रिम मोर्चों पर अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर रही है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहलगाम हमले के तत्काल बाद श्रीनगर का दौरा किया था, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ वर्तमान सुरक्षा स्थिति और संभावित रणनीतियों पर गहन चर्चा की थी। उनकी यह यात्रा क्षेत्र में सुरक्षा बलों की उच्च स्तर की तैयारियों और सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।

आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध

 

यह भी उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग-अलग मुलाकात की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और किसी भी आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

भारतीय नौसेना भी हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी युद्धक तैयारियों का प्रदर्शन पिछले दिनों कर चुकी है। यह सभी तीनों सेनाओं द्वारा एक समन्वित प्रयास है ताकि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए एकजुट है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

राजस्थान में वायुसेना का यह युद्धाभ्यास न केवल पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश देगा, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के पायलटों और अन्य कर्मियों को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में अभ्यास करने का महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करेगा। इस तरह के युद्धाभ्यास से उनकी युद्धक क्षमता और समन्वय में वृद्धि होती है, जो किसी भी भविष्य के संघर्ष में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

निर्णायक लड़ाई

 

यह युद्धाभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब भारत आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। सरकार ने सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले तत्वों पर दबाव बनाने के लिए कई कूटनीतिक और आर्थिक कदम उठाए हैं। वायुसेना का यह शक्ति प्रदर्शन इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण सैन्य पहलू है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी भारत की इस स्थिति को समझ रहा है कि उसे अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है। पहलगाम में जिस तरह से निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया, उसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में, भारत की जवाबी कार्रवाई को कई देशों का मौन समर्थन मिलने की उम्मीद है।

हालांकि, पाकिस्तान हमेशा की तरह इस युद्धाभ्यास को भी नकारात्मक रूप से पेश करने की कोशिश कर सकता है और इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बता सकता है। लेकिन भारत के पास यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त तर्क और सबूत हैं कि उसकी सभी कार्रवाइयां आत्मरक्षा में और आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि भारत अपनी सैन्य तैयारियों को उच्च स्तर पर बनाए रखे और पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाए रखे ताकि वह अपनी धरती से आतंकवाद को समाप्त करने के लिए मजबूर हो जाए। वायुसेना का यह युद्धाभ्यास इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत की सख्त जवाबी कार्रवाई

 

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का यह बड़ा युद्धाभ्यास पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सख्त जवाबी कार्रवाई की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। राफेल, सुखोई और जगुआर जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का यह शक्ति प्रदर्शन न केवल भारतीय वायुसेना की क्षमता का परिचय देगा, बल्कि पाकिस्तान को भी यह स्पष्ट संदेश देगा कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सजग है और किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। यह युद्धाभ्यास भारतीय सेनाओं के बीच समन्वय और उच्च स्तर की तैयारियों को भी दर्शाता है, जो देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में, यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस स्पष्ट संदेश को किस तरह से लेता है और क्या वह अपनी धरती से आतंकवाद को समाप्त करने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है। भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

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