बौखलाया पाकिस्तान पुंछ, राजौरी, उड़ी व कुपवाड़ा में नागरिक ठिकानों को बना रहा निशाना, चार बच्चों सहित 12 लोगों की मौत व 52 घायल

राजौरी/जम्मू/श्रीनगर : पाकिस्तानी सेना ने अपनी बौखलाहट और खीझ उतारते हुए जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बसे भारतीय नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाकर अंधाधुंध और भारी गोलाबारी शुरू कर दी। यह गोलाबारी मंगलवार देर रात से शुरू होकर बुधवार दोपहर तक रुक-रुक कर जारी रही, जिसने राजौरी, पुंछ के साथ-साथ कश्मीर के उड़ी और कुपवाड़ा सेक्टरों में आम नागरिकों के जीवन को नरक बना दिया। पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर रिहायशी इलाकों, बाजारों, घरों और यहां तक कि जम्मू-पुंछ जैसे महत्वपूर्ण राजमार्ग को भी निशाना बनाया, जो उनकी हताशा और अंतरराष्ट्रीय युद्ध नियमों के प्रति उनकी घोर उपेक्षा को दर्शाता है।
पुंछ: मौत और तबाही का मंजर
पाकिस्तानी गोलाबारी का सबसे वीभत्स और हृदयविदारक रूप पुंछ जिले में देखने को मिला, जहां नागरिक आबादी को जानबूझकर निशाना बनाया गया। पुंछ शहर के मुख्य बाजार को तोप के गोलों से इस कदर निशाना बनाया गया कि कई दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मलबे के ढेर में बदल गए। लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों में दुबके रहे, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने घरों को भी नहीं बख्शा। रिहायशी इलाकों पर भारी मोर्टार और तोप के गोले दागे गए, जिससे पुंछ शहर में अनेक मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए या पूरी तरह जमींदोज हो गए। सरकारी और निजी इमारतों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा।
इस बर्बर गोलाबारी में पुंछ जिले में ही, विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, चार मासूम बच्चों सहित कम से कम 12 निर्दोष नागरिकों की दर्दनाक मौत हो गई। मारे गए बच्चों में दो जुड़वां भाई-बहन भी शामिल थे, जिनकी अकाल मृत्यु ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। इस गोलाबारी में अकेले पुंछ में 41 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घायलों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, गंभीर रूप से घायल दो लोगों को बेहतर उपचार के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) जम्मू रेफर किया गया है। पुंछ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों जैसे सगरा, मेंढर, बालाकोट और मनकोट में भी भारी नुकसान की खबरें हैं, जहां लोगों के घर और मवेशी पाकिस्तानी गोलों का शिकार बने।
मारे गए नागरिकों की सूची :
10 वर्षीय मोहम्मद जान, निवासी पुंछ
11 वर्षीय अरूआ, निवासी पुंछ
12 वर्षीय अयान, निवासी पुंछ
12 वर्षीय जोया खान, निवासी पुंछ
36 वर्षीय मोहम्मद रफी, निवासी पुंछ
45 वर्षीय मोहम्मद इकबाल, निवासी पुंछ
55 वर्षीय मोहम्मद अकरम, निवासी पुंछ
मोहम्मद आदिल, निवासी सगरा, मेंढर (पुंछ)
सलीम हुसैन, निवासी बालाकोट, मेंढर (पुंछ)
रूबी कौर, निवासी, मनकोट, मेंढर (पुंछ)
अमरीक सिंह, निवासी मोहल्ला सैंडीगेट, पुंछ
रणजीत सिंह, निवासी सैंडीगेट, पुंछ
यह सूची प्रारंभिक है और मृतकों की संख्या में बदलाव संभव है क्योंकि बचाव और राहत कार्य जारी हैं।
राजौरी और उड़ी में भी नागरिक इलाके बने निशाना
पुंछ के अलावा राजौरी जिले में भी पाकिस्तानी सेना ने अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दिया। राजौरी शहर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गंभीर ब्राह्मणा गांव और इरवा खेत्र के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की गई। इस गोलाबारी में एक ही परिवार के चार सदस्य घायल हो गए, जिन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज राजौरी में भर्ती कराया गया। कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए, और ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इन गांवों के कुछ निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
चिंताजनक रूप से कुछ गोले राजौरी में जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी आकर गिरे। यह राजमार्ग नियंत्रण रेखा से लगभग आठ किलोमीटर अंदर भारतीय क्षेत्र में स्थित है, जो यह दर्शाता है कि पाकिस्तानी सेना जानबूझकर नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बना रही थी। हालांकि, गोलों के गिरने से राजमार्ग पर कुछ गड्ढे पड़ गए, लेकिन सौभाग्य से वाहनों की आवाजाही पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा।
कश्मीर घाटी के उड़ी सेक्टर में भी पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी की। इस गोलाबारी में सात नागरिक घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय चिकित्सालयों में उपचार प्रदान किया गया। कुपवाड़ा जिले के सीमावर्ती इलाकों से भी पाकिस्तानी गोलाबारी की खबरें मिलीं, हालांकि वहां से विस्तृत नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
भारतीय सेना का मुंहतोड़ जवाब और हाई अलर्ट
पाकिस्तानी सेना की इस अकारण और बर्बर कार्रवाई का भारतीय सेना ने भी पूरी दृढ़ता और ताकत से जवाब दिया। एलओसी पर तैनात भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी चौकियों और उन स्थानों को निशाना बनाया जहां से भारतीय नागरिक क्षेत्रों पर गोले दागे जा रहे थे। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि वह अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसमें उनकी कई चौकियां और लॉन्चिंग पैड तबाह हो गए।
सीमा पर उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, मोर्चे पर तैनात भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सेना को जरूरत के हिसाब से तत्काल और प्रभावी जवाबी ऑपरेशन करने के लिए पूरी छूट दी गई है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं।
एहतियाती कदम
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए नागरिक सुरक्षा के तहत कई महत्वपूर्ण एहतियाती कदम उठाए गए हैं:
हवाई अड्डों को बंद करना: जम्मू, श्रीनगर और लेह स्थित हवाई अड्डों को एहतियात के तौर पर 9 मई तक यात्री विमानों के लिए बंद कर दिया गया है। बुधवार को इन हवाई अड्डों से आने-जाने वाली सभी नागरिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक जावेद अंजुम ने पुष्टि की कि हवाई अड्डे को वर्तमान स्थिति के मद्देनजर अस्थायी रूप से बंद रखा गया है। श्रीनगर हवाई अड्डे से प्रतिदिन औसतन 43-46 विमानों का संचालन होता है, जिनके रद्द होने से हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। यह कदम किसी भी आपात स्थिति में हवाई क्षेत्र को सैन्य उपयोग के लिए सुरक्षित रखने और नागरिक उड़ानों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए उठाया गया है।
शिक्षण संस्थानों को बंद करना: जम्मू-कश्मीर के आठ सीमावर्ती जिलों में सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों को बुधवार को बंद रखने का आदेश दिया गया। जम्मू संभाग के पांच जिलों – जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ – तथा कश्मीर घाटी के तीन जिलों – बारामुला, कुपवाड़ा और बांडीपोरा – में सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। इस संबंध में जम्मू और कश्मीर के मंडलायुक्तों द्वारा अलग-अलग आधिकारिक आदेश जारी किए गए। यह निर्णय बच्चों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया, क्योंकि अक्सर स्कूल पाकिस्तानी गोलाबारी के आसान लक्ष्य बन जाते हैं।
परीक्षाएं स्थगित: कश्मीर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर और जम्मू विश्वविद्यालय ने बुधवार को आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया। जम्मू विश्वविद्यालय का परिसर भी बंद रहा। इन जिलों में स्थित डिग्री कॉलेजों और निजी शिक्षण संस्थानों ने भी इस बंदी का पालन किया। परीक्षाओं के स्थगित होने से छात्रों की अकादमिक योजनाओं पर असर पड़ा है, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
मॉक ड्रिल स्थगित: भारत की ओर से मंगलवार रात को पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर की गई कार्रवाई के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में बुधवार शाम चार बजे होने वाली एक महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल को भी स्थगित कर दिया गया। यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 15 जिलों में 20 विभिन्न स्थानों पर आयोजित होनी थी, जिसका उद्देश्य विभिन्न आपदाओं और आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों का आकलन करना था। मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए इसे टालना आवश्यक समझा गया।
नागरिकों में भय और चिंता, प्रशासन द्वारा राहत के प्रयास
लगातार हो रही गोलाबारी से सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों में भय और असुरक्षा का माहौल है। लोग अपने घरों को छोड़ने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है और जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके लिए अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था की जा रही है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने और उनमें विश्वास बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, लगातार गोलाबारी के कारण राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की आशंकाएं
नियंत्रण रेखा पर बढ़े इस तनाव ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच नाजुक शांति प्रक्रिया को पटरी से उतार दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस घटना पर चिंता व्यक्त किए जाने और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील किए जाने की संभावना है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान को उसकी धरती से संचालित होने वाले आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए कहा है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन और आतंकियों को समर्थन जारी है।
मौजूदा स्थिति अत्यंत गंभीर है और यदि पाकिस्तान ने अपनी हरकतों पर लगाम नहीं लगाई तो यह तनाव और भी बढ़ सकता है, जिसके क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी। आने वाले दिन इस क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे, और यह देखना होगा कि पाकिस्तान भारत की दृढ़ता और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे झुकता है या तनाव को और बढ़ाता है।