ड्रग की लत में पड़े युवाओं को सही राह पर लाने के लिए डीजीपी की पहल पर कलायत पहुंची नशा मुक्ति टीम

नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News : हरियाणा को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से पुलिस विभाग ने एक नई और व्यापक रणनीति के तहत अभियान की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य न केवल नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाना है बल्कि प्रभावित युवाओं की पहचान कर उन्हें सही उपचार एवं परामर्श तक पहुंचाना भी है। इस महत्कांक्षी अभियान की शुरुआत पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के मार्गदर्शन में हुई है, जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्ययोजनाएं बनाई हैं। इस क्रम में विभिन्न जिलों में विशेष टीमों का गठन कर उनके प्रशिक्षण और कार्यान्वयन पर जोर दिया गया है।
अभियान का मूल उद्देश्य और परिप्रेक्ष्य
हरियाणा में नशे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो युवा वर्ग, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों को प्रभावित कर रही है। नशा का सेवन शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित करता है और अपराध की प्रवृत्ति को भी जन्म देता है। ऐसे में सरकार और पुलिस विभाग ने इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए एक समर्पित अभियान शुरू किया है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य
नशा पीड़ित युवाओं और वयस्कों की पहचान करना।
नशामुक्ति के लिए जागरूकता फैलाना।
नशा मुक्त गांव और शहर का निर्माण करना।
नशा से संबंधित अपराधों को रोकना।
नशा मुक्ति के लिए प्रभावी उपचार एवं काउंसलिंग का प्रबंध करना।
पुलिस महानिदेशक का नेतृत्व और रणनीति
शत्रुजीत कपूर ने इस अभियान की रूपरेखा बनाते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति का यह मिशन केवल पुलिस का कार्य नहीं है, बल्कि इसमें समाज, स्वास्थ्य विभाग, स्वयंसेवी संस्थान और ग्रामीण-शहरी समुदाय की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए हर जिले में नशा मुक्ति टीम का गठन किया जाएगा, जो गांव-गांव जाकर सर्वे, जागरूकता, और उपचार का कार्य करेगी।
टीम का गठन और प्रशिक्षण प्रक्रिया
अभियान की पहली कड़ी में प्रत्येक जिले में नशा मुक्ति पुलिस टीम का गठन किया गया है। इस टीम का नेतृत्व एक अनुभवी अधिकारी करेगा, जिसके साथ पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य कर्मचारी, मनोवैज्ञानिक और समाजसेवी भी शामिल हैं। इन टीमों को उनके काम में दक्ष बनाने के लिए एक दिन का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें नशा प्रभावित युवाओं की पहचान, सर्वेक्षण, काउंसलिंग, उपचार और रिकार्ड प्रबंधन के तरीके सिखाए गए।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य
गांव में सर्वे कार्य का संचालन।
नशा प्रभावित युवाओं की पहचान।
पीड़ितों व उनके परिवारों से संवाद स्थापित करना।
उन्हें उपचार के लिए प्रेरित करना।
रिकार्ड मैनेजमेंट और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया।
साइकोलॉजिस्ट और साइकैटरिस्ट की भूमिका
अभियान की विशिष्टता यह है कि इसमें मनोवैज्ञानिक और मनोरोग विशेषज्ञों का सहयोग लिया गया है। सेमिनार और कार्यशालाओं के माध्यम से इन विशेषज्ञों ने टीमों को यह समझाया कि नशा पीड़ित व्यक्ति की नेचर क्या हो सकती है, उसकी मनोवृत्ति क्या है, और किस तरह से सही सहायता दी जा सकती है। इन विशेषज्ञों का सुझाव था कि नशा पीड़ितों को संपूर्ण मनोवैज्ञानिक समर्थन देना जरूरी है ताकि उनका पुनर्वास संभव हो सके।
गांव-गांव में जागरूकता अभियान
कलायत के सज्जन सिंह एएसआई के नेतृत्व में नशा मुक्ति टीम ने रविदास रोड पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि स्थानीय निवासियों को नशे की लत के खतरों से अवगत कराया जाए और उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी मोहल्लों में भी आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
नशे के दुष्परिणाम और स्वास्थ्य संबंधी खतरे।
नशा मुक्त जीवन के लाभ।
निकटतम उपचार केंद्रों की जानकारी।
परिवार, समाज और विद्यालयों की भूमिका।
डोर टू डोर सर्वे और नशा पीड़ितों की पहचान
इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक टीम ने अपने क्षेत्र में डोर टू डोर सर्वे का कार्य शुरू किया। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य था:
नशा का सेवन कर रहे युवाओं और वयस्कों की पहचान।
नशा के कारणों का पता लगाना।
प्रभावित परिवारों का सर्वेक्षण कर उन्हें सहायता प्रदान करना।
सर्वे के दौरान मिले आंकड़ों के आधार पर, उनका डेटा रिकार्ड किया गया और आवश्यकतानुसार तत्काल काउंसलिंग की गई। इस प्रक्रिया से न सिर्फ नशा पीड़ितों की संख्या का आकलन हुआ, बल्कि उनके परिवारों को भी जागरूक किया गया कि वे किस तरह से उनके साथ सहयोग करें।
उपचार और काउंसलिंग सुविधाओं का विस्तार
अभियान के तहत नशा पीड़ितों को उपचार के लिए प्रेरित करने और उन्हें सही संसाधनों से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है। इसके लिए जिले के नागरिक अस्पतालों में विशेष नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों में मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और काउंसलर मौजूद हैं, जो पीड़ितों का मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक उपचार कर रहे हैं।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर सौभाग्य ने इस अभियान में विशेष भूमिका निभाई है। उन्होंने टीमों को नशा पीड़ित व्यक्तियों के लक्षण, उपचार के तरीके और मनोवैज्ञानिक सहायता के महत्त्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जागरूकता और सही उपचार से नशा की आदत को आसानी से छोड़ा जा सकता है।
रिकार्ड प्रबंधन और रिपोर्टिंग
अभियान की सफलता के लिए रिकार्ड प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। टीमों को यह सिखाया गया कि सर्वे के आंकड़ों, काउंसलिंग रिकॉर्ड, उपचार की प्रगति और फॉलोअप डेटा का सही ढंग से संधारण किया जाए। इससे नशामुक्ति अभियान का प्रभाव मापा जा सकता है और आवश्यकतानुसार सुधार किया जा सकता है।
गांव को नशामुक्त बनाने का मापदंड
अभियान के अंतर्गत यह तय किया गया है कि नशामुक्त गांव का पैमाना क्या होगा। इसमें शामिल हैं:
गांव में नशा करने वालों की संख्या में कमी।
जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या।
नशा मुक्त परिवारों की संख्या।
नशा पीड़ितों का उपचार प्राप्त करना।
समुदाय का सक्रिय भागीदारी।
इस मानक के आधार पर, प्रत्येक गांव का मूल्यांकन किया जाएगा और नशामुक्ति के लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।
अन्य जिलों में भी अभियान का विस्तार
करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे जिलों में भी इसी तरह की टीमों का गठन किया गया है। इन जिलों में भी नशा मुक्ति के लिए जागरूकता, सर्वे, काउंसलिंग और उपचार का कार्य चल रहा है। करनाल जिले में विशेष रूप से मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर सौभाग्य की उपस्थिति में टीमों को प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में अनेक प्रश्न पूछे गए और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर देकर पूरी जानकारी प्रदान की।
मौजूदा स्थिति और भविष्य की दिशा
अभी तक इस अभियान के तहत अनेक गांवों में जागरूकता फैलाने, पीड़ितों की पहचान करने और उपचार शुरू करने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। आने वाले दिनों में अभियान की गति और अधिक तेज की जाएगी। सरकार और पुलिस विभाग का उद्देश्य है कि 2024 तक हर जिले में नशामुक्ति का लक्ष्य हासिल किया जाए। इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थानों में भी नशामुक्ति के विषय पर सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित किए जाएंगे। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा।
हरियाणा में नशा मुक्ति के इस व्यापक अभियान का उद्देश्य न सिर्फ नशे की प्रवृत्ति को नियंत्रित करना है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाकर एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन शैली को प्रोत्साहित करना है। इस मिशन के सफल होने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, समाजसेवी संस्थान और आम जनता की भागीदारी आवश्यक है। इस अभियान की शुरुआत से ही उम्मीद की जा रही है कि हरियाणा प्रदेश नशामुक्ति की दिशा में एक मिसाल कायम करेगा और युवा शक्ति को नशे से मुक्त कर एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगा।