कैथल में बिजली चोरी पकड़ने गई टीम पर हमला:एसडीओ और जेई के सिर पर मारे डंडे, लाइनमैन का हाथ तोड़ने का प्रयास

नरेंद्र सहारण, कैथल: Kaithal News: कैथल जिले के गांव फरियाबाद में बिजली चोरी की जांच के दौरान हुई हिंसा ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की गंभीर चुनौती प्रस्तुत कर दी है। इस घटना में बिजली निगम के एसडीओ योगेश कुमार, जेई साहब सिंह, लाइनमैन परमेश और पुलिस टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने घातक हमला किया, जिसमें अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं और उनकी कपड़े फाड़ दिए गए। इस घटना के बाद संबंधित अधिकारियों ने तुरंत शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने पांच नामजद सहित अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
यह घटना 17 जून की रात करीब 8:45 बजे की है जब बिजली चोरी की जांच के लिए निगम की टीम और पुलिस बल गांव फरियाबाद पहुंची। इस रिपोर्ट में हम इस घटना की विस्तृत जानकारी, आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी, स्थानीय स्थिति, प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया, और भविष्य में इससे निपटने के उपायों का विश्लेषण करेंगे।
संक्षिप्त विवरण और प्रारंभिक घटनाक्रम
गांव फरियाबाद में बिजली चोरी की शिकायत के आधार पर बिजली विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने 17 जून की रात को जांच अभियान चलाया। एसडीओ योगेश कुमार के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्तियों ने बिजली चोरी कर रखी है और यह शिकायत भी दर्ज कराई गई थी कि उनके परिवार के सदस्य बलदेव के नाम पर बिजली चोरी के मामले में फंसे हैं।
शिकायत के आधार पर, टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान, आरोपियों ने मुंह को कपड़े से ढक रखा था और भारी संख्या में पहुंचकर टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान, आरोपियों ने डंडे, लाठी, लात-घूसों का इस्तेमाल कर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया।
एसडीओ योगेश कुमार का कहना है कि, “जब हम बिजली चोरी की पुष्टि कर रहे थे, तभी गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक हमला कर दिया। उन्होंने हमारे सिर और कंधों पर डंडे से वार किए और कपड़े फाड़ दिए।”
आरोपियों का व्यवहार और हमले की प्रकृति
गांव के इन व्यक्तियों ने न केवल अधिकारियों पर हमला किया, बल्कि उनके कपड़ों को फाड़कर उनके सम्मान को भी ठेस पहुंचाई। आरोप है कि, “हमलावरों ने हमारे सिर, चेहरे और कंधों पर गंभीर चोटें पहुंचाई हैं। इसके अलावा, उन्होंने हमारे साथ मारपीट भी की।”
साथ ही जेई साहब सिंह का कहना है कि, “हमारे कार्य को बाधित करने के उद्देश्य से आरोपियों ने हमारे साथ मारपीट की और हमारे कपड़े फाड़ दिए। वे बिजली चोरी के खिलाफ हमारे अभियान को रोकने का प्रयास कर रहे थे।”
लाइनमैन परमेश को भी डंडे से पीटकर उसके हाथ को तोड़ने का प्रयास किया गया, जिससे उसकी चोटें गंभीर हैं।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। थाना एसएचओ राजकुमार ने बताया कि, “हमें शिकायत मिली है कि बिजली विभाग और पुलिस के अधिकारियों पर हमला किया गया है। हमने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।”
इसके अतिरिक्त, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें धारा 147 (लड़ाई झगड़ा), 323 (स्वेच्छा से मारपीट), 324 (घातक हथियार से वार), 307 (हत्या का प्रयास), 427 (नुकसान पहुंचाना), 186 (प्रशासनिक कार्य में बाधा) और 353 (सरकारी कार्य में बाधा) शामिल हैं।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज और जांच
राजौंद थाना के एसएचओ राजकुमार का कहना है कि, “हमने पांच नामजद सहित अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों की पहचान गांव के ही कुछ व्यक्तियों के रूप में हुई है। हम पुलिस टीम द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही घटना के कारणों और आरोपितों की भूमिका की विस्तृत जांच की जाएगी।”
पीड़ित अधिकारियों का बयान और उनकी स्थिति
घटना में घायल हुए अधिकारियों में एसडीओ योगेश कुमार, जेई साहब सिंह और लाइनमैन परमेश शामिल हैं। योगेश कुमार का कहना है कि, “मुझे सिर और कंधों पर गंभीर चोटें आई हैं। मैं अभी भी दर्द से निपट रहा हूं, लेकिन यह घटना हमारे कार्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को नहीं डिगा सकती।” साहब सिंह ने कहा कि, “मेरे चेहरे और आंखों में चोटें आई हैं। इस घटना ने हमें बहुत डराया है, लेकिन हम अपने कार्य से पीछे हटने वाले नहीं हैं।” परमेश का दावा है कि, “मेरे हाथ को तोड़ने का प्रयास किया गया, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैं वापस अपने काम में जुटना चाहता हूं।”
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह घटना स्पष्ट करती है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी रोकने के प्रयास कितने संवेदनशील और जटिल हो सकते हैं। आरोप है कि, अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ही स्थानीय लोगों का एक वर्ग प्रशासन के विरुद्ध खड़ा हो जाता है, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाती है।
यह घटना इस बात का भी संकेत है कि बिना सुरक्षा के कार्रवाई करने से अधिकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, और इससे प्रशासनिक कार्यवाही प्रभावित हो सकती है।
भविष्य में निपटने के उपाय
इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक है कि:
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए: बिजली विभाग और पुलिस की टीम के साथ सुरक्षा बलों की तैनाती हो, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
स्थानीय जनमत और जागरूकता अभियान: ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी के दुष्परिणाम और सरकारी कार्रवाई के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जाए।
कानूनी सजा और सख्त कार्रवाई: दोषियों को कड़ी सजा दी जाए और अवैध गतिविधियों के खिलाफ कड़ा संदेश फैलाया जाए।
संवाद और समन्वय: स्थानीय समुदाय के साथ संवाद स्थापित किया जाए ताकि उनका भरोसा जीता जा सके और विरोध कम किया जा सके।
सुरक्षा का विशेष ध्यान: अधिकारियों को कार्रवाई के दौरान विशेष सुरक्षा दी जाए, ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
गंभीर चुनौती
गांव फरियाबाद में बिजली चोरी की जांच के दौरान हुई हिंसा एक गंभीर चुनौती है, जो ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा करती है। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और जन जागरूकता के, सरकारी अधिकारियों को अवैध गतिविधियों से निपटना मुश्किल हो सकता है।
आवश्यक है कि संबंधित सरकार और प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, ग्रामीण समुदाय में भी जागरूकता और स्वच्छता का प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अवैध गतिविधियों को रोकने के साथ ही जनता का भरोसा भी जीता जा सके।
इस घटना से सीख लेते हुए, हमें अपने समाज में कानून का सम्मान करने और सरकारी कार्यवाही का समर्थन करने की भावना विकसित करनी होगी, तभी हम एक सुरक्षित और व्यवस्थित समाज का निर्माण कर सकते हैं।