ईरान ने बंद किया होर्मुज स्ट्रेट तो दुनिया में मचेगी खलबली… भारत भी होगा प्रभावित, जानें इतना महत्वपूर्ण क्यों है ये जलमार्ग?

ईरान की संसद ने होर्मुज जलमार्ग को बंद करने को मंजूरी दी!
तेहरान : ईरान की संसद ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें उसने परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का समर्थन किया है। यह कदम सीधे तौर पर विश्व के सबसे महत्वपूर्ण तेल व्यापार मार्गों में से एक को बंद करने का संकेत है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था, तेल की कीमतें, और क्षेत्रीय सुरक्षा पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय देश की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और अयातुल्ला अली खामेनेई की सहमति पर निर्भर करेगा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य ईरान के द्वारा अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों का संरक्षण करना है, लेकिन इसकी परिणति वैश्विक स्तर पर कई जटिलताओं और अस्थिरताओं को जन्म दे सकती है।
होर्मुज जलडमरूमध्य: विश्व के ऊर्जा और वाणिज्य का महत्वपूर्ण केंद्र
होर्मुज जलडमरूमध्य, जिसे अक्सर “तेल का नाकाबंदी” कहा जाता है, विश्व के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। यह संकरा जलमार्ग फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है, और इसकी महत्ता इस तथ्य से स्पष्ट होती है कि वैश्विक तेल की लगभग 20 प्रतिशत आपूर्ति इसी मार्ग से गुजरती है। इस जलडमरूमध्य का मार्ग अत्यंत संकरा होने के कारण कोई भी असामान्य घटना या रणनीतिक कदम यहां से गुजरने वाले जहाजों की आवाजाही को बाधित कर सकता है, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव आ सकता है।
यह जलमार्ग उत्तरी तट पर ईरान और दक्षिण में मुसन्दम प्रायद्वीप के बीच स्थित है, जो ओमान और संयुक्त अरब अमीरात का हिस्सा है। इस क्षेत्र का भूगोलिक और रणनीतिक महत्व उसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा के जटिल जाल में फंसा देता है। ईरान लंबे समय से यह संकेत देता आ रहा है कि यदि उसकी सुरक्षा या हितों को खतरा महसूस हुआ तो वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है जो एक अंतिम उपाय माना जाता है। यह कदम क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों स्तर पर तनाव पैदा कर सकता है क्योंकि इससे तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रभावित हो सकता है।
ईरान का प्रस्ताव और संसद की कार्रवाई
ईरान की संसद ने रविवार को एक सर्वसम्मति से मतदान किया, जिसमें होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का समर्थन किया गया। इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह संकेत देना था कि यदि ईरान को और दबाव या सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ा, तो वह अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठा सकता है। संसद के सदस्य और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर इस्माइल कोवसारी ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह आवश्यक हो सकता है कि जलडमरूमध्य को बंद कर दिया जाए, लेकिन अंतिम निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को लेना है। यह कदम विश्वव्यापी स्तर पर अस्थिरता और आर्थिक संकट को जन्म दे सकता है, खासकर तब जब तेल की कीमतें पहले से ही उच्च स्तर पर हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव
यदि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर देता है तो इसके परिणामस्वरूप वैश्विक व्यापार और ऊर्जा बाजार में गंभीर बाधाएं आएंगी। तेल की आपूर्ति में भारी कमी हो सकती है जिससे कीमतें आसमान छू सकती हैं। दुनिया का करीब 20 प्रतिशत तेल इसी मार्ग से गुजरता है और यदि यह मार्ग बंद हो जाता है तो तेल की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। इससे न केवल ईरान की अर्थव्यवस्था बल्कि विश्व की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं भी प्रभावित होंगी।
यह कदम मध्य पूर्व में और अधिक अस्थिरता का कारण बन सकता है, जहां पहले से ही तनाव और युद्ध की स्थिति बनी हुई है। गाजा, लेबनान, सीरिया और इराक जैसे देशों में युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के चलते क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है। यदि होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हो जाता है, तो न केवल तेल की आपूर्ति बाधित होगी, बल्कि क्षेत्रीय संघर्ष भी भड़क सकते हैं, जिससे शांति और स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है।
अमेरिका का रुख और चीन का दृष्टिकोण
अमेरिका इस स्थिति पर गहरी नजर रख रहा है। विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने रविवार को चीन से आग्रह किया कि वह ईरान को होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ईरान ऐसा कदम उठाता है, तो यह उसकी आर्थिक आत्महत्या होगी, क्योंकि इससे उसकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचेगा। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि जलडमरूमध्य को बंद करना एक बहुत बड़ा कदम होगा, जिसके जवाब में अमेरिका और अन्य शक्तियां कड़े कदम उठा सकते हैं।
चीन, जो अपने तेल आयात के लिए इस मार्ग पर निर्भर है, इस स्थिति को बहुत ही सावधानी से देख रहा है। चीन का दृष्टिकोण यह है कि किसी भी तरह का तनाव या संघर्ष उसकी आर्थिक हितों को प्रभावित कर सकता है। चीन ने इस मामले में संवाद और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है, लेकिन वह भी यह स्पष्ट कर चुका है कि वह अपने तेल आयात को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा का परिदृश्य
ईरान की इस घोषणा से क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यदि होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हो जाता है, तो यह न केवल तेल की आपूर्ति को बाधित करेगा, बल्कि यह क्षेत्र में और अधिक सैन्य संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता का कारण भी बन सकता है। अमेरिका और उनके सहयोगी पहले ही क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा चुके हैं, और इस कदम से स्थिति और भी जटिल हो सकती है।
इसके साथ ही ईरान का यह कदम क्षेत्रीय ताकतों जैसे सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, और ओमान को भी अपनी रणनीतियों में बदलाव करने पर मजबूर कर सकता है। वे भी अपनी सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कदम उठा सकते हैं, जिससे क्षेत्र में शक्ति का असंतुलन और अधिक बढ़ेगा। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि इससे विश्व अर्थव्यवस्था और ऊर्जा बाजारों पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
जटिल और संवेदनशील स्थिति
ईरान की संसद का यह प्रस्ताव और उसके पीछे की रणनीति एक बहुत ही संवेदनशील और जटिल स्थिति को दर्शाता है। होर्मुज जलडमरूमध्य का बंद होना विश्व के ऊर्जा बाजार, क्षेत्रीय सुरक्षा, और वैश्विक राजनीति के लिए एक बड़ा खतरा है। इस कदम के परिणामस्वरूप तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं, क्षेत्र में युद्ध और संघर्ष बढ़ सकते हैं, और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संबंधित देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति के माध्यम से इस संघर्ष को हल करने का प्रयास करें। चीन, अमेरिका, यूरोपीय देश, और ईरान जैसे प्रमुख खिलाड़ियों को जिम्मेदारी का परिचय देते हुए स्थिरता बनाए रखने के प्रयास करने चाहिए। केवल तभी इस जटिल स्थिति का समाधान संभव हो सकेगा, और विश्व शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।