Haryana News: हत्या से पहले ससुर ने किया था दुष्कर्म, साजिश और पुलिस की लापरवाही से खुलासा , जानें क्या है मामला

नरेंद्र सहारण, फरीदाबाद : Haryana News: फरीदाबाद के पल्ला थाना क्षेत्र में एक विवाहिता की हत्या का मामला जिले ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में सनसनी फैलाने वाला बन गया था। इस जघन्य अपराध की पूरी कहानी ने हर किसी को हैरान कर दिया। शुरुआत में मामला सामान्य मानकर पुलिस ने जांच की, लेकिन जब असली सच्चाई सामने आई, तो हर किसी के होश उड़ गए। आरोपितों का आपराधिक खेल, उनके बीच की गहरी साजिश, दुष्कर्म की घटनाएं और पुलिस की लापरवाही इन सभी पहलुओं ने इस केस को और भी जटिल बना दिया। यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे अपराध का पर्दाफाश तब होता है जब सही जांच और साहसिक कदम उठाए जाते हैं। साथ ही यह भी दिखाती है कि किस तरह से परिवार के भीतर का षड्यंत्र और सामाजिक दबाव अपराध को छुपाने का काम करते हैं।
विवाहिता का अचानक लापता होना और परिवार का रिएक्शन
यह मामला 21 अप्रैल 2025 का है, जब फरीदाबाद के पल्ला थाना क्षेत्र में रहने वाली 25 वर्षीय विवाहिता अंजली (बदला हुआ नाम) अचानक घर से लापता हो गई। वह अपने पति, ससुराल वालों और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच रहती थी। विवाह के बाद से ही उसके और पति के बीच अनबन की बातें चर्चाओं में थीं, लेकिन यह घटना किसी ने भी नहीं सोची थी कि यह लापरवाही या अनबन का परिणाम नहीं बल्कि इस महिला की हत्या की सोची-समझी साजिश का परिणाम होगी।
जब परिवार ने उसकी तलाश शुरू की तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने शुरुआती जाaच में पाया कि विवाहिता का मोबाइल फोन और घर के आसपास का इलाका खंगालने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच परिवार ने कई बार पुलिस से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन घटना की गहराई को समझने के बजाय पुलिस की ओर से मामूली जांच ही हुई।
पुलिस की पहली चूक: गहरी लापरवाही और खामोशी
मामला जब मीडिया और स्थानीय लोगों के बीच पहुंचा तो सवाल उठने लगे कि पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया। परिवार वालों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही के कारण इस महिला का पता नहीं चल पाया। घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी जब परिवार को उसकी कोई खबर नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस से दबाव बनाना शुरू किया।
इसके बावजूद पुलिस की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई। गड्ढे की खुदाई और आसपास के इलाकों में तलाशी का काम भी ढीला पड़ा रहा। परिवार का आरोप था कि पुलिस ने न तो गड्ढे की जांच सही तरीके से की और न ही परिवार को जरूरी सुरक्षा प्रदान की।
गड्ढे का खुलासा और हत्या का खौफनाक सच
आखिरकार 24 अप्रैल 2025 को क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक गड्ढे की खुदाई कराई, जिसमें शव मिला। शव की हालत देखकर साफ पता चल रहा था कि हत्या बहुत ही जघन्य तरीके से की गई है। शुरूआत में यह हत्या आत्महत्या का मामला समझा गया, लेकिन जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच रिपोर्ट आई तो मामला पूरी तरह से बदल गया। पुलिस की जांच में पता चला कि मृतक महिला का नाम अंजली था और उसकी हत्या का मुख्य मकसद पारिवारिक विवाद और उसकी जिंदगी से खतरा था।
साजिश, दुष्कर्म और हत्या की पूरी कहानी
जांच में यह बात सामने आई कि घटना से पहले ही 15 अप्रैल 2025 को, परिवार ने मिलकर एक साजिश रची थी। साजिश का मुख्य उद्देश्य था उस महिला को रास्ते से हटा देना, ताकि परिवार में कोई बखेड़ा न खड़ा हो।
15 अप्रैल की रात की साजिश
साजिश के तहत परिवार ने तय किया था कि महिला को नींद की गोलियां देकर बेहोश कर दिया जाएगा। इसके लिए उसके पति और ससुर मिलकर घटना को अंजाम देंगे। उस दिन महिला को गन्ने के रस में मिलाकर नींद की गोलियां दी गईं। वह बेसुध होकर अपने कमरे में सो गई।
उस वक्त ससुर ने अपने मकसद के तहत पत्नी की हत्या का निशाना बनाया। उसने उसकी गर्दन को चुन्नी से घोंटने की कोशिश की। लेकिन अपराध के दौरान उसकी नियत बिगड़ गई और उसने हत्या से पहले ही महिला के साथ दुष्कर्म भी कर दिया। यह बात उसने अपने बेटे और पत्नी को नहीं बताई।
दुष्कर्म, हत्या और शव का गड्ढे में दफन
नींद की गोलियों के कारण महिला गहरी नींद में थी, लिहाजा, हत्या के दौरान कोई आवाज नहीं हुई। आरोपी ससुर ने महिला का गला घोंटने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर दोनों ने शव को सीढ़ियों से नीचे उतारा और पहले से खोदे गए गड्ढे में फेंक दिया। मृतका का शव गड्ढे में डालने के बाद ऊपर से ईंट और मिट्टी डाल दी गई। यह गड्ढा पहले ही शव दफनाने के लिए खोदा गया था। परिवार ने आसपास के लोगों को यह बताया कि यह गड्ढा सीवरेज के लिए है।
परिवार का झूठ और अफवाह फैलाना
अगले ही दिन, 22 अप्रैल को, परिवार ने इलाके में अफवाह फैला दी कि महिला कहीं गायब हो गई है। परिवार ने उसकी तलाश में जुटे रहने का नाटक किया। समाज में इस घटना को छुपाने और जांच से बचने के लिए परिवार ने झूठी कहानी बनाई। 24 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दी गई कि महिला गुमशुदा हो गई है। बाद में, पुलिस ने शव बरामद कर लिया, तो मामला साफ हो गया कि महिला की हत्या की गई है।
परिवार का मुखिया और उसकी भूमिका
पुलिस की जांच में पता चला कि इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड, यानी मुख्य आरोपी उसकी सास और उसका बेटा था। ससुर, जो कि मुख्य हत्यारा था, उसने हत्या का आदेश दिया था। ससुर का मकसद था महिला को रास्ते से हटाना ताकि उसकी शादी टूट जाए या फिर परिवार में फंसने का खतरा टल जाए।
पुलिस की दूसरी चूक
मामले में सबसे बड़ी चूक पुलिस की जांच में हुई। जब महिला गायब हुई तो परिवार ने पुलिस को सूचित किया। लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने गड्ढा खोलने और शव बरामद करने में देरी की। इतना ही नहीं दो दिन के रिमांड पर पुलिस ने केवल ससुर को ही आरोपी माना और उसकी पूछताछ में लापरवाही बरती। इससे असल अपराधियों का पता नहीं चल पाया। पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि, घटना का मुख्य कारण पारिवारिक विवाद और महिला का रास्ते से हटाना था।
कोर्ट का फैसला और अभियोजन प्रक्रिया
आखिरकार, क्राइम ब्रांच ने आरोपित सास को गिरफ्तार किया और उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपित ससुर को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पुलिस ने सच्चाई का पता लगाया। फिलहाल, ससुर और सास जेल में हैं, जबकि पति अभी फरार है। पुलिस ने यह भी जांच शुरू कर दी है कि, क्या बहन या ननद की भी भूमिका इस हत्याकांड में है।
सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण
यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है कि पारिवारिक विवाद और घरेलू हिंसा को हल्के में नहीं लेना चाहिए। साथ ही, पुलिस को चाहिए कि जांच में तेजी और निष्पक्षता बरते, ताकि अपराधी जल्दी पकड़े जाएं। सामाजिक स्तर पर भी हमें यह समझना चाहिए कि परिवार के भीतर का षड्यंत्र और दबाव अपराध को जन्म देते हैं।
न्याय की उम्मीद और सुधार की दिशा
यह जघन्य हत्याकांड हमें सिखाता है कि न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही बढ़ाई जाए। साथ ही, परिवारिक विवादों और घरेलू हिंसा के मामलों में समाज और सरकार को मिलकर जागरूकता फैलानी चाहिए। अंत में हमें यह भी याद रखना चाहिए कि समाज के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने परिवार और समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखे। तभी हम ऐसी क्रूर घटनाओं से बच सकते हैं।
न्याय का संघर्ष और समाज में बदलाव की दिशा
यह मामला एक कड़वी सच्चाई का आईना है कि कैसे परिवार का आंतरिक षड्यंत्र, घरेलू हिंसा और पुलिस की लापरवाही एक जघन्य अपराध को जन्म दे सकती है। मौजूदा समय में, हमें चाहिए कि हम समाज में जागरूकता बढ़ाएं, घरेलू हिंसा को रोकें और कानून का सम्मान करें। तभी हम एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।