Greater Noida News: बीडीएस की छात्रा ने प्रोफेसर पर उत्पीड़न का आरोप लगा दी जान, एचओडी को जड़ा थप्पड़, दो प्रोफेसर गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा, बीएनएम न्‍यूज : Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ने प्रोफेसर के बार-बार छात्रों के सामने तंज कसने और उत्पीड़न से परेशान होकर जान दे दी। यह बात छात्रा द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट से सामने आई है, जिसमें उसने दोनों प्रोफेसरों को जिम्मेदार बताते हुए जेल भेजने की मांग की है। छात्रा की मौत से गुस्साए स्वजन व विश्वविद्यालय के छात्रों ने शनिवार सुबह प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। छात्रा की मां ने एचओडी को थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद विश्वविद्यालय के बाउंसरों और छात्रों के बीच धक्की-मुक्की शुरू हो गई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने बल प्रयोग कर छात्रों को खदेड़ा। इसमें एक छात्र दीवार से टकराकर चोटिल हो गया। छात्रा के पिता रमेश जांगड़ा की शिकायत पर पुलिस ने विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर सैरी, महेंद्र, अनुराग अवस्थी, सुरभि, डीन डाक्टर एम. सिद्धार्थ व आशीष चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। महिला प्रोफेसर सैरी व महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।

छात्रा के परिजनों का हंगामा

 

गुरुग्राम के अशोक विहार ब्लाक सी फेज तीन ब्लाक संख्या बी -6 निवासी रमेश जांगड़ा की 21 वर्षीय बेटी ज्योति शर्मा ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। शुक्रवार की रात करीब नौ बजे ज्योति ने छात्रावास के कमरे में चुन्नी का फंदा गले में डालकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर देर रात छात्रा के परिजन विश्वविद्यालय पहुंचे और प्रबंधन को मौके पर बुलाने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। उस समय पुलिस ने किसी तरह उन्हें समझाकर शांत किया। शनिवार सुबह छात्रा के परिजन के साथ ही बड़ी संख्या में छात्र एकत्र हो गए और आरोप प्रोफेसरों पर कड़ी कार्रवाई और प्रबंधन को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।

इस पर एचओडी आशीष चौधरी मौके पर बुलाया गया। छात्रा की मां सविता ने नोकझोक के दौरान एचओडी को थप्पड़ जड़ दिया। उनके बचाव में आए विश्वविद्यालय के बाउंसरों और छात्रों के बीच भी धक्कामुक्की शुरू हो गई। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने बल प्रयोग कर छात्रों को मौके से खदेड़ा। घटना का वीडियो भी प्रसारित हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी छात्रों को पीटते दिख रहे हैं। इधर, छात्रा के स्वजन ने विश्वविद्यालय के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोपहर बाद पुलिस ने पीड़ित परिजन की विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ वार्ता कराई। करीब डेढ़ घंटे चली वार्ता के बाद परिजन ने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए पांच दिन का समय देते हुए धरना समाप्त किया।

प्रोफेसर पर परिजन ने लगाए ये आरोप

 

परिजन का आरोप है कि विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर सैरी और महेंद्र उनकी बेटी पर दो असाइनमेंट पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाकर एक सप्ताह से मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे। छात्रा ने फोन करके पिता रमेश जांगड़ा को यह बात बताई। इसके बाद रमेश जांगड़ा ने विश्वविद्यालय आकर डीन एम सिद्धार्थ सहित अन्य प्रोफेसर से माफी मांगी थी। आरोप है कि इसके बावजूद प्रोफेसर कक्षा में पढ़ाई के दौरान छात्रा पर तंज कसने के साथ ही अभद्र व्यवहार किया जा रहा था। 11 असाइनमेंट दोबारा मांगे जा रहे थे। अपमान और उत्पीड़न से परेशान होकर ज्योति ने यह कदम उठाया।

पिता बोले, बेटी का शव घसीटकर ले गए अस्पताल

 

छात्रा के पिता रमेश का आरोप है कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पुलिस और परिजन को जानकारी दिए बिना ज्योति को फंदे से उतारकर शव को घसीटते हुए शारदा अस्पताल पहुंचाया। आरोप है कि सुसाइड नोट भी फ्रीज के नीचे छिपा दिया गया था, जो कि बाद में बरामद हुआ।

महेंद्र सर और सैरी मैम है जिम्मेदार

 

छात्रा ने सुसाइड नोट में महेंद्र सर और सैरी मैम पर इसका जिम्मेदार बताया है, नोट में छात्रा ने लिखा, “अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए पीसीपीडेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे। महेंद्र सर और सैरी मैम मेरी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे अपमानित किया, उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं। मैं चाहती हूं कि उन्हें भी यही सब सहना पड़े, सॉरी… मैं अब और नहीं जी सकती।’

मौत पर प्रबंधन को गहरा दुख

 

विश्वविद्यालय के निदेशक पीआर अजीत कुमार का कहना है कि छात्रा की मौत पर विवि प्रबंधन को गहरा दुख है। हम स्वजन के साथ खड़े हैं। छात्रा ने जिन प्रोफेसरों पर आरोप लगाए हैं, उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बना दी है। पांच दिन में कमेटी रिपोर्ट देगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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