India Bloc Meeting: नीतीश कुमार ने लिया हिंदी का पक्ष, अनुवाद करने से रोका; दक्षिण भारत के नेताओं को दी नसीहत

नई दिल्ली, एजेंसी। India Bloc Meeting: राष्ट्रभाषा के प्रबल समर्थक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आइएनडीआइए की बैठक (India Meeting) में भी हिंदी का पक्ष लिया और अपने संबोधन को अंग्रेजी में अनुवाद करने से मना कर दिया। साथ ही दक्षिण भारत के नेताओं को नसीहत दी कि हमारा देश हिंदुस्तान है तो हम सबको हिंदी की जानकारी भी होनी चाहिए। नीतीश की आपत्ति के बाद उनके भाषण का अनुवाद नहीं किया जा सका।

द्रमुक नेता से कहा, हमारा देश हिंदुस्तान है तो हिंदी भी आनी चाहिए

बात मंगलवार की उस वक्त की है, जब दिल्ली में संयुक्त विपक्ष की बैठक हो रही थी। अपनी बारी के दौरान नीतीश कुमार ने हिंदी में बोलना शुरू किया तो द्रमुक नेता टीआर बालू ने राजद नेता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा से अंग्रेजी में अनुवाद का आग्रह किया। इस पर मनोज झा ने संबोधन के बीच में ही नीतीश कुमार से इजाजत मांगी।

नीतीश कुमार ने सख्त आपत्ति जताई

बैठक में शामिल सूत्रों का कहना है कि मनोज झा के इस आग्रह पर नीतीश कुमार ने सख्त आपत्ति जताई और कहा कि हिंदी हमारे देश की राष्ट्रभाषा एवं आमजन की भाषा है। इसलिए हिंदुस्तान के प्रत्येक निवासी को हिंदी की जानकारी और समझ होनी चाहिए। उन्होंने ब्रिटिशकाल और आजादी की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी हिंदी की उपेक्षा कर आम लोगों पर अंग्रेजी थोपने का प्रयास किया जाता था, किंतु हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इसका विरोध किया था। नीतीश ने कहा कि वह सरल हिंदी में अपनी बात रख रहे हैं। फिर भी कुछ लोगों को समझने में दिक्कत हो रही है।

अंग्रेजी बोलने वाले अधिकारियों को कई बार टोक चुके हैं नीतीश कुमार

उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार हिंदी के प्रबल पक्षधर हैं। बिहार में भी कई कार्यक्रमों में उन्होंने अंग्रेजी बोलने वाले अधिकारियों को टोका है और उन्हें हिंदी में बोलने का निर्देश दिया है। बैठक में मौजूद नेताओं ने हस्तक्षेप किया और कहा कि आपसी बातचीत में हमें भाषा संबंधी विवाद को नहीं आने देना चाहिए।

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