बिहार में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल, एक विद्यालय में ब्लैकबोर्ड पर एक साथ पढ़ाये जाते तीन विषय

पश्चिम चंपारण, BNM News। Bihar Education System: बिहार के सरकारी स्कूलों का बुरा हाल है। यहां के एक विद्यालय में संसाधनों का इतना अभाव है कि यहां एक ही ब्लैकबोर्ड पर एक साथ तीन विषय पढ़ाए जाते हैं। तीन कक्षाओं के बच्चे भी एक ही साथ बैठते हैं। ब्लैकबोर्ड पर एक लाइन खींचकर तीनों विषयों को बांट दिया जाता है। एक तरफ हिंदी, बीच में गणित और तीसरी में सामान्य ज्ञान पढ़ाया जा रहा है। सामने बैठे तीसरी, चौथी और पांचवीं के बच्चे हर रोज अपनी-अपनी कक्षा के विषयों को समझने की जद्दोजहद करते हैं। यह दृश्य बगहा-दो प्रखंड की खरहट त्रिभौनी पंचायत के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, तोनवा में देखने को मिल जाता है। कक्षा एक से पांचवीं तक के 300 बच्चे दो दशक से इसी तरह पढ़ाई करते आ रहे हैं। दो कमरों में पांच कक्षाओं के बच्चे एक साथ तीन-तीन विषयों की पढ़ाई करते हैं। ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चे किस विषय को कितना समझते और कितना पढ़ते होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

(यह फोटो प्रतीकात्मक रूप से ली गई है। यह फोटो बिहार के कटिहार के आदर्श मध्य विद्यालय की है।)

300 बच्चों के लिए 2 कमरे

1985 में जब स्कूल की स्थापना हुई थी, तब झोपड़ी में संचालन होता था। वर्ष 2003-04 में भवन का निर्माण हुआ। स्कूल के नाम पर दो कट्ठा जमीन है, लेकिन फंड के अभाव में दो कमरा, एक रसोईघर और शौचालय का ही निर्माण हो पाया। बाकी जमीन खाली है। कक्षा पांच की छात्रा संगीता व अंजली बताती हैं कि हम लोगों को बहुत सी बातें समझ में नहीं आती हैं। तीन मैडम, तीन विषय एक साथ बोर्ड पर पढ़ाती हैं। इससे ध्यान भटकता रहता है। शिक्षिका अर्चना कुमारी और पुनीता देवी का भी कहना है कि पढ़ाने में समस्या होती है। एक मैडम बच्चों को कुछ समझा रही होती हैं तो दूसरी को चुप रहना पड़ता है। बच्चों को पाठ समझाना कठिन हो जाता है, अलग से पढ़ाना पड़ता है। तीन सौ में से दो सौ बच्चे ही रोजाना आते हैं। विद्यालय की प्रधान शिक्षिका कदांबिनी देवी कहती हैं कि विद्यालय में संसाधन की काफी कमी है। संबंधित पदाधिकारी से कई बार शिकायत की गई, आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता।

अधिकारी की खानापूर्ति

बगहा-एक की प्रभारी बीईओ पूनम कुमारी का कहना है कि इस विद्यालय की समस्या के बारे में जानकारी है। वरीय पदाधिकारी को समस्या के निदान के लिए पत्र लिखा गया है। शीघ्र ही इसका समाधान होगा।

 

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