JDU President : जानें क्यों माना जा रहा है जदयू में नेतृत्व बदलाव होना तय, बन चुका है संयोग

नई दिल्ली, BNM News। JDU President : लोकसभा चुनाव करीब आ गए हैं। ऐसे में बिहार की राजनीति में खूब उठापटक हो रही है। तीन दिन बाद दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय महत्व की बड़ी बैठक होने जा रही है। विपक्षी गठबंधन INDIA के घटक दलों के बीच बिहार में सीटों की दावेदारी और बंटवारा होना इसके बाद से ही आगे बढ़ेगा। किंतु इसके पहले जदयू एक बड़े बदलाव के दौर से गुजरने वाला है।

स्वयं ही अपने पद को त्याग करने की इच्छा जताई

दिल्ली में 28-29 दिसंबर को होने वाली जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं कार्य परिषद की बैठक के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के मुक्त होने का संयोग बन चुका है। भाजपा से निकटता के चलते आरसीपी सिंह को हटाकर ललन सिंह 31 जुलाई 2021 को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। दूसरी बार 5 दिसंबर को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित किया गया था। अब उन्होंने स्वयं ही अपने पद को त्याग करने की इच्छा जताई है।

लोकसभा चुनाव हैं अहम कारण

सूत्रों के अनुसार ललन ने नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना है और इसी दौरान विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे के लिए भी उन्हें सक्रिय रहना होग। ऐसे में पार्टी की राष्ट्रीय जिम्मेदारी और चुनावी तैयारियों के साथ वह न्याय नहीं कर पाएंगे। सूत्रों का दावा है कि ललन सिंह के आग्रह को लगभग मान लिया गया है। नीतीश कुमार के बेहद आत्मीय ललन सिंह अभी मुंगेर से सांसद हैं। इसके पहले राज्यसभा एवं बिहार विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं। बिहार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं।

अध्यक्ष को लेकर अन्य विकल्पों पर भी विचार

हालांकि जदयू के नए अध्यक्ष के बारे में सूत्रों का कहना है कि अभी तय नहीं है, किंतु हालात बता रहे हैं कि नीतीश कुमार के पास यह जिम्मेदारी आ सकती है। अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। बिहार सरकार के मंत्री एवं वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी, विजय कुमार चौधरी एवं राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर सहित अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है।

गठबंधन में बदलाव नहीं

इधर, नीतीश कुमार के प्रति बिहार भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाओं में हाल में आई नरमी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद का पक्ष लेते हुए ललन सिंह के कुछ बयानों के आधार पर महागठबंधन में परिवर्तन की बातें भी उछाली जाने लगी हैं। किंतु जदयू से जुड़े सूत्र इस तरह की संभावनाओं को खारिज करते हैं। सूत्रों का कहना है कि जदयू में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों के आधार पर ही इस तरह की बातों को हवा दी जा रही है।

 

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