माकपा नेता सीताराम येचुरी और वृंदा कारत का राम मंदिर समारोह में जाने से इन्कार, केंद्रीय मंत्री ने कसा तंज

नई दिल्ली, एएनआइ : Ayodhya Ram Mandir: माकपा के 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इन्कार करने पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अप्रत्यक्ष प्रहार करते हुए कहा, ‘जिन्हें भगवान राम बुलाएंगे केवल वही जा पाएंगे।’ माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को निमंत्रण मिलने के बावजूद पहले येचुरी और फिर वरिष्ठ माकपा नेता वृंदा करात रामजन्म भूमि समारोह में जाने से साफ मना कर दिया है। माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने भी कहा कि उनकी पार्टी राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी। उनकी पार्टी धर्म और राजनीति का घालमेल नहीं करती है।

जिन्हें राम बुलाएंगे केवल वही जा पाएंगे : मीनाक्षी लेखी

इस पर भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का सभी को निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन पहुंचेंगे वही लोग जिन्हें भगवान राम ने बुलाया है। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर पोस्ट करके माकपा नेता सीताराम येचुरी की खिंचाई करते हुए कहा कि यह उन्हीं के फायदे में है कि वह राम, रामत्व और भारत की ओर लौट आएं। ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि जिनका नाम सीताराम है, वह अयोध्या धाम नहीं आ रहे हैं। राजनीतिक विरोध समझा जा सकता है लेकिन अगर किसी को अपने ही नाम से इतनी नफरत है तो वह सिर्फ वामपंथी हो सकता है। विहिप नेता ने कहा कि देश राम और रामत्व की ओर लौट रहा है, आप कितने समय तक उनका विरोध करेंगे। अब आपके हित में वापस आना ही होगा, वरना जनता जानती है कि कैसे उत्तर देना है।

माकपा ने कहा, धर्म निजी पसंद है

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को ठुकराने के संबंध में वामपंथी दल माकपा ने कहा कि उनका मानना है कि धर्म एक निजी पसंद का विषय है। माकपा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, हमारी नीति धार्मिक विश्वासों का आदर करना है और हर व्यक्ति को उसके विश्वास का पालन करने का अधिकार देना है। धर्म व्यक्तिगत पसंद है और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। पार्टी के पोलित ब्यूरो ने कहा कि येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है, लेकिन हम इसमें शामिल नहीं होंगे। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस धार्मिक समारोह को सरकार प्रायोजित एक आयोजन में बदल रहे हैं। इसीलिए इसमें प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सरकारी पदों पर बैठे अन्य लोगों को आमंत्रित किया गया है।

 

 

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