Wheat Farming Advise: गेहूं की फसल की अच्छी शाखाएं एवं बाली के लिए क्या करें, कृषि विशेषज्ञों से जानिए
नरेंद्र सहारण, कैथल। Wheat Farming Advise: रबी सीजन में गेहूं की खेती अधिक होती है। गेहूं का भाव अच्छा होने के कारण किसानों का गेहूं की खेती के प्रति रुझान बड़ा है। गेहूं की फसल इस समय अच्छी स्थिति में है। लेकिन कई किसानों की समस्या है कि गेहूं में खाद एवं सिंचाई समय पर करने के बाद भी गेहूं की कल्ले (शाखाएं) नहीं बन रहे हैं एवं बाली भी नहीं हो रहा है। किसान साथी बताते हैं कि गेहूं में सब कुछ डालने के बाद भी कल्ले (शाखाएं) नहीं बन रहे हैं। गेहूं में कल्ले नहीं बनने एवं फूटाव नहीं होने के कारण गेहूं की पैदावार पर प्रभाव पड़ेगा। आइए कृषि विशेषज्ञों से इस समस्या का समाधान जानते हैं..
गेहूं की फसल के लिए यह जरूरी Wheat Farming Advise
गेहूं में अधिक पैदावार लेने के लिए हमें उसमें उर्वरकों के साथ-साथ न्यूट्रिशन का प्रयोग करना पड़ता है। इसके अलावा समय पर सिंचाई करना अति आवश्यक है, जिससे उसमें कल्लों का फुटाव और बढ़वार भी अधिक हो। खादों और न्यूट्रिशन को समय पर प्रयोग करना भी उतना ही आवश्यक होता है, जितना कि उन्हें खेत में डालना। अगर आप समय पर खादों और न्यूट्रिशन का प्रयोग नहीं करोगे तो आप तो वह पूरी तरह से आपके खेत में का नहीं करेंगे। लेकिन अगर यह सब करने के बाद भी आपकी गेहूं की फसल में कल्लों का फुटाव ना हो, तो इसके लिए आप उसमें नीचे बताई गई कुछ कार्य कर सकते हैं। जिससे उसमें कल्लों का फुटाव अधिक मात्रा में होगा।
गेहूं की फसल में अच्छे कल्लों एवं फुटाव के लिए यह करें किसान साथी
जब आप गेहूं की फसल में जिंक, सल्फर, मैग्नीशियम या अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग कर लेते हो। लेकिन उसके बाद भी आपकी फसल में कुछ खास तरह की ग्रोथ देखने को नहीं मिलती। तो इसका मुख्य कारण होता है कि आपके खेत में ऑर्गेनिक कार्बन की कमी होती है। ऑर्गेनिक कार्बन जमीन में पड़े तत्वों को पौधे तक पहुंचाने का काम करता है। इसके लिए आप कुछ नीचे बताए गए काम कर सकते हैं।
गेहूं में मैग्नीशियम का प्रयोग करें
Wheat farming advise : कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि गेहूं अगर कल्ले नहीं बन रहे, तो उसमें आप कैल्शियम नाइट्रेट का प्रयोग कर सकते हैं। कैल्शियम की कमी होने से भी पौधे जमीन से पोषक तत्वों को नहीं ले पाते और कल्लों का फुटाव अच्छे से नहीं होता। इसलिए आप गेहूं की फसल में 10 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट प्रति एकड़ प्रयोग करें। इसके साथ-साथ यह ध्यान रखें की खेत में वर्ष में एक बार गोबर की गली सड़ी खाद या फिर वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग अवश्य करें। गेहूं की फसल में आप ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा को बढ़ाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट, ह्यूमिक एसिड या फिर सीवीड जो सागरिका के नाम से बाजार में आता है। उसका प्रयोग कर सकते हैं। यह आपके जमीन में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा को बढ़ाते हैं। और जमीन में पड़े तत्वों को पौधे तक पहुंचाने का काम करते हैं।
Wheat farming advise : फसल में कल्लों के फुटाव से लेकर हरापन लाने तक के बहुत सारे काम में मैग्नीशियम के द्वारा किए जाते हैं। मैग्नीशियम आपको बाजार में मैग्नीशियम सल्फेट के नाम से देखने को मिलता है। इसमें मैग्नीशियम और सल्फर पाए जाते हैं। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा 9.5% और सल्फर की मात्रा 12% पाई जाती है। मैग्नीशियम की कमी के लक्षण और इसको कब और कितनी मात्रा में प्रयोग करना चाहिए, यह सब जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
गेहूं में मैग्नीशियम की कमी आपको हमेशा नीचे वाले पत्तों में देखने को मिलेगी। इसकी कमी से नीचे वाले पत्ते हल्के पीले रंग के नजर आएंगे। इसका मुख्य कारण है, कि मैग्नीशियम पौधे में सक्रिय रहता है। यह नीचे से ऊपर की ओर जाता है। इसलिए ऊपर के पत्तों में मैग्नीशियम की कमी देखने को नहीं मिलती। क्योंकि वह नीचे वाले पत्तों से मैग्नीशियम को खींच लेते हैं।
गेहूं में मैग्नीशियम के कार्य
मैग्नीशियम प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ाने में पौधे की मदद करता है,जिससे पौधे में हरापन आता है। यह फास्फोरस को सक्रिय करने की भूमिका निभाता है। फास्फोरस पौधे में एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी तक पहुंचाने में महत्वूर्ण भूमिका निभाता है। मैग्नीशियम कल्लों के फुटाव में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि यह जमीन में पड़े तत्वों को पौधे तक पहुंचाने का काम करता है। मैग्नीशियम का प्रयोग करने से आपके खेत में सल्फर की कमी भी कुछ मात्रा में पूरी हो जाती है। क्यूंकि इसमें सल्फर भी पायी जाती है।
गेहूं में मैग्नीशियम की मात्रा
मैग्नीशियम का प्रयोग आपको मिट्टी की जांच करके ही करना चाहिए। जितनी मात्रा वैज्ञानिकों द्वारा मिट्टी की जांच में बताया जाता है। उतना ही प्रयोग करें। लेकिन आमतौर पर 6 से कम ph वाली मिट्टी में मैग्नीशियम की कमी पाई जाती है। मैग्नीशियम का प्रयोग हम मिट्टी में और स्प्रे द्वारा सीधा पौधे में दोनों प्रकार से प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप मिट्टी में मैग्नीशियम सलफेट का प्रयोग करना चाहते हैं। तो आपको 10 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करनी है। अगर आप स्प्रे में मैग्नीशियम का प्रयोग करते हैं। तो आपको 1 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करनी चाहिए। मैग्नीशियम को आप यूरिया और अन्य खादों के साथ मिलकर भी प्रयोग कर सकते है।