UP Economy Growth: उत्तर प्रदेश ने दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में लगाई बड़ी छलांग, जानें कैसे मिली नई पहचान

लखनऊ, BNM News। Uttar Pradesh Economy Growth: उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प की सिद्धि के लिए पूरा प्रदेश एकजुट होकर मिशन मोड में आगे बढ़ चुका है। इस लिहाज से साल 2023 कई बड़े मानक गढ़ने वाला रहा। मुख्यमंत्री के नियोजित प्रयासों से इस साल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल देखने को मिला और यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरा तो रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में राष्ट्रीय फलक पर यूपी को नई पहचान मिली। साल 2023 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विविध पहलुओं पर एक नजर-

दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

-उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। इन्वेस्टिंग और स्टॉक मार्केट पर नजर रखने वाले प्रमुख आनलाइन ब्लागिंग प्लेटफार्म एसओआइसी डाट इन ने सेंसेक्स और सीएलएसए (क्रेडिट लियोनिस सिक्योरिटीज एशिया) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। देश के जीडीपी में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 15.7 प्रतिशत है और वह पहले पायदान पर है। उत्तर प्रदेश 9.2 प्रतिशत भागीदारी के साथ दूसरे स्थान पर आ गया। उत्तर प्रदेश ने जीडीपी में हिस्सेदारी के मामले में तमिलनाडु (9.1 प्रतिशत), गुजरात (8.2 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (7.5 प्रतिशत) जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया। कर्नाटक (6.2 प्रतिशत), राजस्थान (5.5 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (4.9 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (4.6 प्रतिशत) जैसे राज्य यूपी से काफी पीछे हैं।

डिजिटल लेन-देन

-डिजिटल लेनदेन में यूपी में जबरदस्त वृद्धि हुई। केवल एक साल में यह करीब तीन गुना बढ़ गई है। पांच साल की बात करें तो यूपी वालों ने छह गुना रफ्तार से डिजिटल बैंकिंग को अपनाया है। प्रति व्यक्ति डिजिटल लेनदेन में यूपी देश में चौथे स्थान पर है।
-राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के मुताबिक पिछले वर्ष 426.68 करोड़ डिजिटल लेनदेन यूपी में हुए। इस साल ये संख्या बढ़कर 1174.32 करोड़ हो गई। एक साल की ये तेजी कोरोना काल से भी ज्यादा है। इसकी वजह डिजिटल बैंकिंग की आसान पहुंच, गांवों तक इंटरनेट, वित्तीय जागरूकता और उपकरणों की पर्याप्त संख्या है। समिति के मुताबिक कोविड काल लेनदेन के बाद कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने आधार और रुपे कार्ड आधारित जमा व भुगतान पर विशेष जोर दिया।
-डिजिटल रूप से पिछड़े आठ जिले बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र के लिए खास अभियान चलाया गया। नतीजतन फतेहपुर, चित्रकूट और सोनभद्र ने लक्ष्य से औसतन दोगुनी ज्यादा सफलता प्राप्त की।

सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP):-

-2016-17 में प्रदेश का GSDP 12.89 लाख करोड़ था।
-2023-2024 में प्रदेश का बजट अनुमानित GSDP रूपये 24,39,171 करोड़ है।
-वर्ष 2023 में प्रदेश का ऋण जमानुपात में 2.29 प्रतिशत वृद्धि के साथ 54.67 प्रतिशत हो गया।

जीएसटी संग्रह

-वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1,07,407 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करते हुए 20.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वर्ष 2023-24 में माह जून 2023 तक रु. 26802 करोड़ की प्राप्ति करते हुए 17.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
-वर्ष 2023-24 में जी.एस.टी./ वैट से संग्रह रु. 1,50,000 करोड़ अनुमानित।
-जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश के सभी राज्यों से सर्वाधिक

बैंकिग व्यवसाय

-वर्ष 2022-23 में प्रदेश के बैंकिंग व्यवसाय में 70000 करोड़ की वृद्धि के साथ रू. 22.06 लाख करोड़ हो गया।
-प्रदेश को सुगम बैंकिंग सेवायें प्रदान के उद्देश्य से संस्थागत वित्त विभाग के प्रभावी अनुश्रवण के फलस्वरूप वर्तमान में प्रदेश में बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) की 19705 शाखाओं, 144023 बैंक मित्र एवं प्रमाणित बीसी सखी तथा 19414 एटीएम के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
-बैंक व वित्तीय संस्थाओं से फंड आकर्षित करने में 16.2% निवेश में हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर। (RBI बुलेटिन,अगस्त 23)

पूँजीगत व्यय

-वर्ष 2011-2012 से 2016-2017 तक पूँजीगत व्यय कुल व्यय का औसतन 24 प्रतिशत रहा। वर्ष 2017-2018 से 2023-2024 तक यह औसतन 22 प्रतिशत रहा।
-2022-2023 में पूँजीगत परिव्यय GSDP का 6.18 प्रतिशत रहा जो देश में सर्वाधिक है। पूँजीगत परिव्यय में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है।

राजकोषीय प्रबंधन

– राजकोषीय प्रबंधन राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में 2.86% है जो कि राजकोषीय अनुशासन की तय सीमा के अंतर्गत है। राज्य का कुल ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में 29.34% है। साल दर साल इसमें कमी आ रही है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की सुधरती सेहत का प्रतीक है। 2020-21 में 33.91% की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष में 4 फ़ीसदी से अधिक की कमी आई।

राजस्व प्राप्तियाँ

2016-2017 में प्रदेश की राजस्व प्राप्तियाँ रूपये 2,56,875 करोड़ थी। 2022-23 में प्रदेश की राजस्व प्राप्तियाँ बढ़कर रूपये 4,15,820 करोड़ हो गई है तथा वर्ष 2023-2024 में रूपये 5,70,865 करोड़ अनुमानित।

आयकर रिटर्न

-आयकर रिटर्न फाइल करने की संख्या के पैमाने पर उत्तर प्रदेश, देश में दूसरा सबसे बड़ा राज्य। जून 2014 में 1.65 लाख आयकर रिटर्न उत्तर प्रदेश से फाइल होते थे, जून 2023 में बढ़कर 11.92 लाख ITR File हुए।

डीमैट अकाउंट

-अप्रैल 2023 में उत्तर प्रदेश से 1.26 लाख डीमैट खाते खुलवाए गए।

देश में शीर्ष स्थान (NSE) केंद्र सरकार से सहयोग

-केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न सामाजिक कल्याण उपायों और बुनियादी ढांचागत विकास योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राज्य सरकारों की मदद के लिए जारी कर हस्तांतरण राशि में सबसे बड़ा हिस्सा (₹13088.51 करोड़) उत्तर प्रदेश को मिला।

2023-24 में प्राप्तियां

-2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 5,70,866 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 19% अधिक है। इसमें से 2,73,416 करोड़ रुपए (48%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 2,97,450 करोड़ रुपए (52%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 32%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 20%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।

हस्तांतरण

2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 1,83,238 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है।
-राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तर प्रदेश का कुल कर राजस्व 2023-24 में 2,49,625 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 42% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2023-24 में 10.2% अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों (8.6%) से अधिक है। 2021-22 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 7.9% था।

 

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