2023 में मथुरा के औद्योगिक जगत को मिली बड़ी आशाएं, बांके बिहारी कॉरिडोर बनने से धार्मिक पर्यटन को लगेंगे पंख

लखनऊ, BNM News। मथुरा के औद्योगिक जगत को गुजरा वर्ष 2023 बड़ी आशाएं और संभावनाएं देकर गया है। यहां इन्वेस्टर्स समिट से देश-विदेश के करीब 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव और छाता में डेढ दशक से बंद पड़ी शुगर मिल के शुरू होने से बड़ी संभावनाएं पैदा हुई हैं। वर्ष 2023 में तेजी से बढ़ा धार्मिक पर्यटन उद्योग भी नई ऊर्जा का संचार कर गया है। तीन दशक से टीटीजेड के प्रतिबंधों में सिसकते यहां के उद्योग धंधे को योगी सरकार में हुए इन्वेस्टर्स समिट के प्रस्तावों को धरातल पर उतरते देख बड़ी आशाएं जगी हैं। यहां करीब 28800 करोड़ रुपये के 363 निवेश प्रस्तावों में से आधे धरातल पर उतरने को तैयार है। इससे उद्यमियों को प्रतिबंधों में ढील की आशाएं हैं।

करीब 28,800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की बड़ी सौगात

वर्ष 2023 में हुए इन्वेस्टर समिट ने जिले को करीब 28,800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की बड़ी सौगात मिली है। इनमें देश के साथ यूएई, यूएसए आदि देशों के निवेशकों ने भी प्रस्ताव दिए हैं। इनमें होटल उद्योग, डेयरी एवं डेयरी प्रोडक्ट, चिकित्सा, एजुकेशन, फूड इंडस्ट्रीज आदि सेक्टर की इकाई स्थापना के प्रस्ताव है। इनमें से करीब नौ हजार करोड़ रुपये के 176 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रस्तावों को हरी झंडी भी मिल गई है। उन्हें फरह से छाता- कोसी तक हाईवे के दोनों ओर के क्षेत्र में विकसित किए जाने की तैयारी है। औद्योगिक इकाइयों के लिए यही क्षेत्र सर्वाधिक मुफीद माना जा रहा है।

बंद पड़ी छाता शुगर मिल का होगा शुभारंभ

इसी क्षेत्र में पहले से इंडस्ट्रियल एरिया हैं और परिवहन के सुगम संसाधन उद्यमियों को आकर्षित कर रहे हैं। यहां जैंत में भरतिया रोड पर 17.5 एकड़ एवं छाता गोवर्धन रोड पर करीब 18.5 एकड़ में दो औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। इनमें करीब पांच दर्जन से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हो सकेगी। इसमें मेटल, खाद्य उत्पाद, ठाकुर जी की श्रंगार पोशाक, कृषि उत्पाद, फूड एवं हैंडीक्राफ्ट की इकाइयां स्थापित होंगी। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इनमें कई हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी वर्ष यहां करीब डेढ़ दशक से बंद पड़ी छाता शुगर मिल के शुभारंभ की भी सौगात जिले को मिली है।

धार्मिक पर्यटन उद्योग का मिलेगा विस्तार

मथुरा का धार्मिक पर्यटन उद्योग यहां की लाइफलाइन है। इसे गुजरे वर्ष में वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के लिए बनाए जा रहे कॉरिडोर से इसे पंख लगने की उम्मीद है। धार्मिक पर्यटन उद्योग के साथ ही यहां श्रृंगार-पोशाक, माला-कंठी, धातु की मूर्ति-तस्वीर, होटल- गेस्ट हाउस, बस-टैक्सी आदि के तमाम कारोबार आश्रित हैं। कॉरिडोर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल गई है। इसके निर्माण के लिए अब सरकार ने भी कवायद शुरू कर दी है। इस परियोजना के आगामी वर्ष 2024 में ही शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

पर्यटन से हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

जिले के धार्मिक पर्यटन उद्योग के कारण होटल, गेस्ट हाउस, मठ, मंदिर धर्मशाला का बड़ा कारोबार है। यहां करीब 500 से ज्यादा होटल, तीन हजार गेस्ट हाउस और इससे भी ज्यादा संख्या में धर्मशालाएं हैं। वहीं साधु संतों के हजारों की संख्या में मठ, मंदिर, आश्रम आदि में भी श्रद्धालुओं के ठहरने के पर्याप्त इंतजाम हैं। शहर के अभिनंदन होटल के संचालक एवं लघु उद्योग भारती के मंडल अध्यक्ष सोनल अग्रवाल ने बताया कि होटल उद्योग को विभिन्न प्रकार के टैक्सों ने दबा रखा है। मथुरा के बृजवासी की मिठाई सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। इसके अलावा गिरिराज मिष्ठान भंडार, रमन मिठाई वाले, शंकर मिष्ठान भंडार, राधिका स्वीट्स आदि नामचीन दुकानों की मिठाई प्रसिद्ध है। मंदिरों में भोग प्रसाद लगाने के अलावा त्योहारों पर यहां प्रतिवर्ष करीब 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो जाता है।

स्वास्थ्य सेवाएं हुई बेहतर

-निजी क्षेत्र में एसकेएस कॉलेज को मिली मेडिकल कॉलेज की मान्यता
-जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में लाया गया सुधार
-देहात क्षेत्रों में मरीजों के लिए खुले 57 उपकेंद्र
-मांट एवं गोवर्धन केंद्र पर अल्ट्रासाउंड सेवा से मरीजों को मिल रहा लाभ

वर्ष 2023 जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर रहा। इस बार कोरोना, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों पर कंट्रोल रहा। पोषण अभियान एवं गर्भवती महिलाओं से जुड़े मामलों में प्रगति संतोष जनक रही। इस वर्ष कुछ नये अस्पतालों को मंजूरी मिली तो पहले से स्थापित अस्पतालों का स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उच्चीकरण हुआ। कोरोना, डेंगू, मलेरिया बीमारी काबू में रहीं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता रहा। गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन देहात के केंद्रों पर शुरू कराए गए। अल्ट्रासाउंड सेवा भी शुरू कराई जा रही हैं। दो केंद्रों पर सेवा चालू हो गई हैं। जिला अस्पताल में नया सिस्टम डेवलेपमेंट करने के लिए ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई। सेवाओं पर नजर रखने के लिए जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। ओपीडी के पर्चे ऑनलाइन बनवाने शुरू किए गए। अन्य सेवाओं में भी सुधार लाया गया।

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