झारखंड में आदिवासियों और दलितों को 50 वर्ष से ही मिलेगी पेंशन, CM ने की घोषणा
रांची, BNM News। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को राज्य के आदिवासियों और दलितों के लिए बड़ी घोषणा की। रांची में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों और दलितों को अब 60 वर्ष की जगह 50 वर्ष पूरे होने पर ही पेंशन का लाभ देगी। उन्होंने कहा कि 50 वर्ष होने के बाद इन्हें काम नहीं मिलता, इसलिए उन्हें इस आयु से ही पेंशन का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों के 20 वर्ष के कार्यकाल की तुलना अपने चार वर्ष के कार्यकाल से करते हुए उपलब्धियां गिनाईं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के साथ जहां 4,547.69 करोड़ रुपये की कुल 343 योजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास किया, वहीं युवाओं के बीच नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में केंद्र पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस राज्य में डबल इंजन की सरकार नहीं होती, उसके साथ सौतेला व्यवहार होता है। यह भी कहा कि कोयला हमारा, लेकिन बिजली दूसरे राज्यों को दी जाती है। हमारी छवि खराब करने के लिए डीवीसी उस समय हमारी बिजली काट देता है, जब राष्ट्रपति झारखंड आई होती हैं।
विपक्ष पर कामकाज में बाधा डालने का लगाया आरोप
उन्होंने विपक्ष पर सरकार के कामकाज में बाधा डालने का भी आरोप लगाया। कहा, ये राज्यपाल से कानाफूसी कर कान भर आते हैं। दूसरे राज्यों में कानून लागू करने से राज्यपालों को आपत्ति नहीं, झारखंड में तकलीफ होती है। उनका इशारा 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति तथा आरक्षण सीमा को बढ़ाने की ओर था। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राज्य में 19 वर्षों में पूर्ववर्ती सरकारों ने 16 लाख गरीबों को ही पेंशन दिया था। हमारी सरकार ने चार वर्ष में ही 36.20 लाख परिवारों को पेंशन देने का काम किया। उन्होंने कहा कि बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ में 250 से 350 रुपये ही पेंशन मिलती है। हम एक हजार रुपये पेंशन देते हैं।
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