104 करोड़ लोग ले रहे हैं DBT Scheme का लाभ, जानें किन योजनाओं में मिल रहा सबसे ज्यादा लाभ

नई दिल्ली, BNM News। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में 104.02 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से जुड़ी स्कीमों का लाभ रहे हैं। गत वित्त वर्ष 2022-23 में डीबीटी से जुड़ी केंद्र व राज्य की 1081 स्कीम के तहत 3.29 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। यानी कि एक लाभार्थी को औसतन डीबीटी स्कीम से 3163 रुपए का लाभ मिला। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से लेकर 30 नवंबर तक डीबीटी स्कीम के तहत 2.14 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। यानी कि अब तक औसतन एक लाभार्थी को 2057 रुपए का लाभ मिल चुका है। डीबीटी शुरू होने के बाद लाभार्थियों तक पूरी राशि पहुंचने लगी और उनके नाम पर होने वाले लिकेज को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। यही वजह है कि पिछले चार सालों में डीबीटी के तहत स्कीमों की संख्या दोगुनी हो गई।

2014-15 में डीबीटी से 56 स्कीम जुड़ी थी, अभी 1016 स्कीम

वित्त वर्ष 2014-15 में डीबीटी स्कीम को लांच किया गया था और तब से यह स्कीम लगातार प्रचलित होती जा रही है। तभी वित्त वर्ष 2014-15 में डीबीटी से सिर्फ 56 स्कीम जुड़ी हुई थी और चालू वित्त वर्ष में डीबीटी से 1016 स्कीम जुड़ी हुई है। हालांकि गत वित्त वर्ष में डीबीटी से 1081 स्कीम जुड़ी हुई थी। वित्त वर्ष 2014-15 में डीबीटी स्कीम के तहत लाभार्थियों को सिर्फ 0.6 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था।

सबसे अधिक लाभार्थी गैस सब्सिडी स्कीम से जुड़े

 

डीबीटी से जुड़ी स्कीम के तहत लाभार्थी को सीधे उनके खाते में सब्सिडी राशि दी जाती है और उसे ट्रैक भी किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक रोजाना औसतन 17,200 लाभार्थी को विभिन्न डीबीटी स्कीम के तहत भुगतान किया जाता है। डीबीटी से जुड़ी स्कीमों में सबसे अधिक लाभार्थी प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ (पहल) गैस सब्सिडी स्कीम से जुड़े हैं। इसके तहत 30 करोड़ से अधिक लाभार्थी है, जिन्हें चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक 8,142 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। डीबीटी से जुड़ी चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 37,844 करोड़ का भुगतान किसान लाभार्थियों को किया जा चुका है।

 

डीबीटी स्कीम की शुरुआत से लेकर अब तक ब्योरा

वित्त वर्ष ——– स्कीम की संख्या ——- कुल भुगतान

2014-15—— 56————— 0.06
2015-16——-90————- 0.22
2016-17——–162———–0.31
2017-18——–296———-0.90
2018-19——-414———1.39
2019-20——–507———2.46
2020-21—— 603———2.89
2021-22—–891——- 3.14
2022-23—–1081——3.29
2023-24—– 1016——2.14

(30 नवंबर तक)
सभी भुगतान लाख करोड़ में

स्त्रोत: वित्त मंत्रालय

 

 

You may have missed