Indian Economy: 2024 में भी सबसे तेजी से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था, OECD के मुताबिक इस दर से विकास करेगा भारत
नई दिल्ली, एजेंसी। Indian Economy: वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं होने के बावजूद स्थिर ब्याज दर, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और बढ़ती मांग के चलते भारत 2024 में भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विकसित देशों में व्यापक निराशा और भू-राजनीतिक तनाव के बाद भी भारत में मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत की विकास दर हासिल की। जून तिमाही में विकास दर बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई और सितंबर तिमाही में यह 7.6 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में विकास दर की बात करें तो यह 7.7 प्रतिशत रही। दिसंबर तिमाही में भी विकास दर में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद। इससे भारत चीन से कहीं आगे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।
चीन और ब्राजील से अधिक होगी विकास दर
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD ) के नवीनतम विकास अनुमानों के अनुसार, 2023 में भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत रहेगी जो चीन और ब्राजील के क्रमश: 5.2 प्रतिशत और तीन प्रतिशत से कहीं ज्यादा है। 2024 के लिए OECD को उम्मीद है कि भारत 6.1 प्रतिशत की दर से विकास करेगा जबकि चीन की विकास दर 4.7 प्रतिशत रहेगी। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में 2024 में या तो मंदी आ सकती है और बहुत ही मामलू वृद्धि होगी। वैश्विक परिपेक्ष्य में देखें तो 2023 में आर्थिक मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन और भी बेहतर दिखाई देता है।
आगे भी भारत की विकास दर अच्छी रहेगी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के विश्व आर्थिक आउटलुक के अनुसार, वैश्विक विकास दर 2022 के 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान है। आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी लचीलापन दिखाया है। यह बढ़ती आर्थिक विविधता और झटकों को कम करने के लिए तैयार की गई नीतियों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि 2024 और उसके बाद भारत की विकास दर अच्छी रहेगी।
6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था: क्रिसिल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भू-राजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग के लचीलेपन का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में विकास दर 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़गी जो मौजूदा वित्त वर्ष के मुकाबले थोड़ी कम है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी और वैश्विक मंदी का प्रभाव प्रमुख बाधाएं होंगी। आरबीआइ द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक हालिया लेख में कहा गया है, ‘महत्वपूर्ण वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था रही।’