Haryana ED Raids: पूर्व विधायक दिलबाग सिंह की गिरफ्तारी, भाई ने उठाया सवाल, बताया 4 दिन तक घर में क्या-क्या हुआ?
नरेंद्र सहारण, यमुनानगर। हरियाणा के यमुनानगर में 4 दिन की पूछताछ के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अवैध खनन मामले में आखिरकार पूर्व विधायक दिलबाग सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व विधायक को ईडी की टीम सात गाड़ियों के काफिले में गुरुग्राम ले गई। काफी संख्या में उनके कई समर्थक आवास के बाहर देखे गए। इस मामले में अब दिलबाग सिंह के भाई राजेंद्र सिंह ने कारवाई पर सवाल उठाए हैं। भाई राजेंद्र सिंह का कहना है कि ईडी की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उनके घर और जमीन की रजिस्ट्री सीज की गई है। गिरफ्तारी के बाद जो दस्तावेज ईडी ने उन्हें दिए हैं, उसमें नकदी, ज्वेलरी और विदेशी मुद्रा रिकवरी के नाम पर शून्य लिखा गया है। आपको बात दें कि ईडी ने गुरुवार को यमुनानगर जिले में दिलबाग सिंह और उनके सहयोगियों से जुड़े परिसरों के अलावा सोनीपत में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार और उनके सहयोगियों के घर, करनाल में भाजपा नेता मनोज वाधवा के आवास और हरियाणा में अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी पीएमएलए की धारा (1) और 1 (ए) के तहत यमुनानगर और राज्य के कुछ अन्य क्षेत्रों में अवैध खनन से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले के तहत की गई थी।
आगे की लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे
राजेंद्र सिंह ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी जबरदस्ती लगाया जा रहा है, जबकि दिलबाग के खाते में कहीं से कोई पैसा नहीं आया है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपने वकील से बात करेंगे और आगे की लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह राजनीतिक खेल है, मगर दिलबाग सिंह डरने वाला नहीं हैं।
दिलबाग राजनीति करते हैं, व्यापार नहीं
कार्रवाई में उनके परिवार के सदस्यों के मोबाइल सीज किए गए है। परिवार के लोगों की गाड़ियों के दस्तावेज सीज किए गए है। जो चीज रिकवर दिखाई गई है, मगर सीज नही की गई, उनमें बैंक की चेकबुक का विवरण है। राजेंद्र सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि अब उस रिकवरी की डिटेल कहां है, जो मीडिया में दिखाई जा रही है। अगर उनके करीबियों से कुछ आपत्तिजनक बरामद हो जाए तो उसमें दिलबाग की क्या जिम्मेदारी है? शुक्रवार को यमुनानगर पुलिस ने दिलबाग के खिलाफ प्रताप नगर पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे, जिसमें ईडी टीम द्वारा कथित तौर पर उसके एक फार्महाउस से पांच हथियार, 304 जिंदा कारतूस और 138 बोतल शराब की बरामदगी हुई थी, हालांकि राजेंद्र ने इस आरोप से इंकार किया है। जिन्होंने दावा किया कि यह संपत्ति दिलबाग की नहीं है। गंभीर आरोप लगाते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि किसी स्टोन क्रेशर में गलत खरीद को लेकर दिलबाग सिंह के नाम लगाया जा रहा है, जबकि दिलबाग सिंह केवल राजनीति करते हैं, वह व्यापार नहीं करते।
पिछले 4 दिनों में क्या क्या हुआ?
राजेंद्र सिंह ने कहा कि जिनके घर में सीआरपीएफ के 10 जवान बैठे हो और अन्य 10 अधिकारी बैठे हों, वह परिवार तनाव में होता है। एक तरह से उनका परिवार पिछले 4 दिनों से हिरासत में ही था। राजेंद्र सिंह ने कहा है कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। पहले 2019, फिर 2021 में आयकर विभाग की टीमें भी उनके सारे दस्तावेज खंगाल चुकी है। छापेमारी के जरिये विपक्ष को डराया जा रहा है।
हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया
दिलबाग सिंह को जब ईडी की टीमें अपने साथ ले जाने की तैयारी कर रही थी तो इसकी भनक उनके समर्थकों को भी लग गई और घर के आसपास के उनके समर्थक इकट्ठा होना शुरू हो गए। जैसे ही ईडी की गाड़ियां लेकर घर से निकली तो दिलबाग अपने समर्थकों को हाथ हिलाते हुए निकल गए।
हरियाणा में सबसे लंबी चली ईडी की छापेमारी
आपको बता दें कि गुरुवार सुबह से ही ईडी की टीमें यमुनानगर पहुंच गई थी। उसके बाद से लेकर सोमवार तक ईडी की छापेमारी जारी रही। हालांकि, दिलबाग सिंह के कमानी चौक के समीप कार्यालय, सेक्टर 18 स्थित कोठी, फ्रेंड्स कालोनी स्थित उनके निवास स्थान के अलावा कई ठिकानों पर ईडी ने एक साथ दबिश दी थी, मगर फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित निवास स्थान पर आखिरी दिन तक ईडी की टीमें रुकी रही।