गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव? किन दो नए नामों पर हो रही है चर्चा, जानें पूरा मामला

गाजियाबाद, BNM News। उत्तर प्रदेश में इलाहबाद समेत कई शहरों के नाम बदल चुके हैं। अब दिल्ली से सटे गाजियाबाद का नाम बदलने को लेकर भी चर्चा है। हिंदू संगठनों की तरफ से हुई मांग के बाद नगर निगम की बोर्ड मीटिंग बैठक में भी इस पर चर्चा हुई।

नगर निगम की बैठक में रखा गया प्रस्ताव

 

गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में भाजपा के एक पार्षद ने सोमवार को जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव सदन में रखा। इस दौरान अन्य लोगों की तरफ से सहमति बनी। गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि नाम बदलने का प्रस्ताव बीते कुछ समय से सामने आ रहा था। लेकिन ऐसा पहली बार होगा, जब कार्यकारी स्तर पर इसको लेकर चर्चा होगी। इसमें दो नामों को लेकर प्रस्ताव रखा गया, वे हैं- गजनगर और हरनंदी नगर।

2018 के बाद शहरों का नाम बदलने पर जोर

 

2018 में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या किया गया था, उसके बाद से और शहरों, कस्बों और गांवों के नाम बदलने की मांग बढ़ गई है। वार्ड संख्या 100 से भाजपा के पार्षद संजय सिंह ने आधिकारिक तौर पर यह प्रस्ताव प्रस्तावित किया। गाजियाबाद नगर निगम में फिलहाल भाजपा का बहुमत है।

सीएम योगी को मेमोरेंडम सौंपा

 

संजय ने बताया कि इतिहास में गाजियाबाद काफी समृद्ध रहा है। अब समय है कि शहर को उचित सम्मान मिले। 2022 में पार्षद ने दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी के प्रयास से मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मेमोरेंडम सौंपा था। उस मुलाकात के दौरान गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ, हरनंदीपुरम या दूधेश्वरनाथ नगर किए जाने का प्रस्ताव रखा था।

नाम के पीछे का कारण

उन्होंने गजप्रस्थ नाम के पीछे महाभारतकालीन हस्तिनापुर का जिक्र किया। जब यह पूरा क्षेत्र वन हुआ करता था और हाथी मुख्य जानवर था। इसके साथ ही यहां बहने वाली हिंडन नदी के आधार पर हरनंदी नगर और दूधेश्वर नाथ मंदिर से यह नाम रखे जाने का प्रस्ताव पेश किया गया।

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