हरियाणा में आखिरी सांसें गिनने लगे सरकारी स्कूल, 800 स्कूलों को बंद करने की तैयारी

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। अब हरियाणा में सरकारी स्कूल अपनी आखिरी सांस से गिन रहे हैं। सरकार ने स्कूलों की दुर्दशा को देखते हुए उन्हें बंद करने का फैसला ही ले लिया है। सरकार कम बच्चे और जर्जर स्कूली इमारतों का हवाला दे रही है। मनोहर सरकार हरियाणा के 800 सरकारी स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। हजारों बच्चे शिफ्ट होंगे। शिक्षा विभाग ने शिफ्ट होने वाले जिन बच्चों की लिस्ट जारी की गई है, उनमें कई बच्चे ऐसे हैं जिनकी पहले स्कूल और दूसरे स्कूल के बीच की दूरी एक किलोमीटर से अधिक है। इन बच्चों को सीएम मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने ऐसे बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने का ऐलान किया है।

7 हजार छात्र दूसरे सरकारी स्कूलों में होंगे शिफ्ट

प्रदेश में कम छात्र-छात्राओं वाले 832 प्राइमरी स्कूलों की पहचान हुई है। सरकार अब इन स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। इन स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। करीब 7 हजार छात्रों को पास के दूसरे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। अगर स्कूल की दूरी एक किलोमीटर से ज्यादा है तो स्कूल जाने के लिए बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। शिक्षा विभाग ने जिलास्तर पर उन स्कूलों की जानकारी मांगी थी, जहां पर 20 से कम छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। अब प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले 832 प्राइमरी स्कूलों की पहचान हुई है। हालांकि बाद में MIS पर इनका डाटा अपडेट होने के बाद स्कूलों की संख्या में कमी भी आई थी।

छात्रों की संख्या 20 से कम होने के कारण लिया फैसला

शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि 800 सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या 20 से कम होने के कारण सरकार ने इन स्कूलों के बच्चों को पास के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले दूसरे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। सरकार ने ऐसे 7349 बच्चों की सूची जारी की है, जिन्हें पास के सरकारी- स्कूल में शिफ्ट किया जाना है।

कई स्कूलों में शिक्षक न होने से बच्चे नहीं लेते दाखिला

जानकारी के मुताबिक, स्कूल में पढ़ने वालों बच्चों की संख्या में लगातार कमी के पीछे की वजह यह है कि कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों की कमी है, जिससे सभी बच्चों का ध्यान शिक्षक नहीं दे पाते हैं। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल में दाखिला नहीं करवाते हैं। हालांकि, कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनकी काफी समय से मरम्मत नहीं की गई है। इसके चलते खतरा बना रहता है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए। हालांकि सरकार दावा करती है कि उसने प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों की मरम्मत करवाई है, जिनकी हालत जर्जर हो गई है। बता दें कि प्रदेश में स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते हाल में ही हाईकोर्ट की तरफ से सरकार को 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

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