रामलला की पूजा और स्तुति में भी बदलाव की तैयारी , माता सीता की पूजा पर उठा सवाल

अयोध्या, BNM News : राम मंदिर में रामलला के विग्रह की स्थापना के साथ उनकी पूजा और स्तुति में भी बदलाव की तैयारी की जा रही है। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास के अनुसार अभी तक रामानंदीय परंपरा के अनुसार श्रीराम के साथ सीता की भी पूजा-स्तुति होती थी, किंतु रामलला के प्राधान्य को ध्यान में रखकर अब माता सीता के साथ संयोजित स्तुति नहीं होगी। यह निर्णय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के निर्देशानुसार है।

सीता की उपस्थिति और अर्चना का प्रतिपादन औचित्यविहीन

 

ट्रस्ट ने उपासना के विशेषज्ञ संतों से विमर्श के बाद तय किया है कि मुख्य गर्भगृह में रामलला के साथ भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के बाल रूप सहित हनुमान जी, सरयू मैया तथा अयोध्यानाथ का आह्वान किया जाएगा। इसके साथ ही स्तुति में भी इस तरह की सजगता सुनिश्चित होगी। यहां वस्तुत: सीता की उपासना एक चूक के रूप में इंगित हुई है। मूल गर्भगृह में श्रीराम का विग्रह पांच वर्षीय बालक के रूप में स्थापित किया जाएगा और ऐसे में उनके साथ सीता की उपस्थिति और अर्चना का प्रतिपादन औचित्यविहीन होगा। भूतल पर स्थित मूल गर्भगृह में मां सीता की उपासना न होने की भरपाई प्रथम तल के गर्भगृह से होने की संभावना है। इस गर्भगृह में श्रीराम और सीता सहित संपूर्ण रामदरबार की स्थापना की जाएगी। इसमें भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न सहित हनुमान जी की भी प्रतिमा होगी।

 

 

 

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