Bihar Political Crisis: बिहार में सियासी हलचल के बीच तेजस्वी का बड़ा बयान, कहा-आसानी से नहीं होने देंगे तख्तापलट

बिहार में जारी राजनीतिक संकट के बीच तेजस्वी यादव का बड़ा बयान

पटना, BNM News: Bihar Political Crisis News in Hindi : बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार कायम रहेगी या गिर जायेगी, इस पर आज तस्वीर साफ हो जाएगी। अटकलों की बाजार में कई सियासी गतिविधियों का एलान हो गया है। बिहार में सियासी घमासान जारी है। चर्चा है कि आज राजद और जदयू गठबंधन वाली सरकार टूट सकती है। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी दिखी। राजभवन में आयोजित टी पार्टी पर तेजस्वी यादव का नहीं जाना। नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के बीच मुस्कुराते हुए बातचीत करने वाली तस्वीर ने काफी कुछ स्पष्ट कर दिया है। आज भाजपा राजद और जदयू के विधायक को और सांसदों की पटना में बैठक है। तीनों दल अपने अपने विधायक और सांसदों के साथ पार्टी कार्यालय में बैठक करने वाले हैं। हालांकि में बैठक को यह लोग लोकसभा चुनाव की तैयारी का नाम दे रहे हैं लेकिन अटकलें लगाई जा रही है कि आज ही राजद और जदयू का गठबंधन टूट सकता है और अगले 24 घंटे में नई सरकार का एलान हो जायेगा।

तेजस्वी के बयान से चढ़ा सियासी पारा

वहीं, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि आसानी से तख्तापलट नहीं होने देंगे और इतनी आसानी से दोबारा ताजपोशी नहीं होने देंगे। कहा जा रहा है कि आरजेडी किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर सकती हैं। तेजस्वी के बयान पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हमारी तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया है इसका मतलब है कि उनके मन (आरजेडी) में चोर है। इन सबके बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सियासी संकट से निपटने के लिए आज 1 बजे तेजस्वी यादव के सरकारी आवास 5 सर्कुलर रोड आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। RJD उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भी नीतीश के रवैये से नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि कल नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा लेकिन अभी तक नहीं समय मिला है। हमने नीतीश से पूछा क्या बात है, मेरे लिये समय नहीं है। इस पर उन्होंने कहा कि आज बताते हैं। नीतीश कुमार इतिहास में किस तरह से नाम दर्ज करवाएंगे।

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लालू हुए बेचैन, नीतीश को 5 बार किए फोन

वहीं नीतीश के पाला बदलने की खबरों के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव काफी बेचैन नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि, लालू ने नीतीश को करीब 5 बार फोन किया लेकिन नीतीश ने लालू का फोन नहीं उठाया जिससे नीतीश ने साफ संदेश दे दिया है कि वो भाजपा के साथ जाने वाले हैं।

कांग्रेस ने कहा, हम किसी भी हालात के लिए तैयार है

कांग्रेस का बयान उधर, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। हम किसी भी हालात के लिए तैयार हैं। पहले भी विधायकों को तोड़ने की कोशिश हुई है। एक एमएलसी पार्टी छोड़कर गया था। क्या इसके बाद कोई गया। पूर्णिया में राहुल गांधी की रैली को लेकर उन्होंने बताया कि इसमें शामिल होने के लिए नीतीश कुमार को न्योता दिया गया है।

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भाजपा और नीतीश कुमार में डील फाइनल

कहा जा रहा है कि भाजपा और नीतीश कुमार में डील फाइनल हो चुकी है। भाजपा नीतीश को दोबारा गले लगाने की तैयारी में दिख रही है। राजनीतिक गलियारों में कई किस्म के फॉर्मूले उछल रहे हैं। एक फॉर्मूला ये है कि शायद विधानसभा भंग कर दी जाए लेकिन इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि नीतीश को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए भाजपा राजी है।

जानिए, क्या है बिहार का राजनीतिक समीकरण

बिहार विधानसभा का नंबर गेम बिहार विधानसभा के नंबर गेम की बात करें तो 243 सदस्यों वाले सदन में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 122 विधायकों का है। लालू यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी 79 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, वहीं भाजपा 78 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 45 विधायकों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी है। कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक हैं। आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट, तीनों के विधायकों की संख्या जोड़ लें तो कुल सदस्य संख्या 114 पहुंचती है जो बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े से आठ कम है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की बात करें तो गठबंधन की अगुवाई कर रही पार्टी के 78 विधायक हैं। जीतनराम मांझी की अगुवाई वाली हम पार्टी के 4 विधायक हैं। नीतीश कुमार को माइनस करके देखें तो एनडीए के विधायकों की संख्या 82 पहुंचती है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का भी एक विधायक है जो न तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन में। आंकड़ों के आइने में देखें तो एनडीए हो या महागठबंधन, नीतीश कुमार की पार्टी जिधर का रुख कर ले उधर आसानी से सरकार बन और बच जाएगी।

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