भगवान कृष्ण से प्रबंधन कौशल का पाठ सीखेंगे छात्र , जानें कैसे होगी पढ़ाई
प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने ऐसे प्रबंधन विद्यार्थी तैयार करेगा जो वैदिक प्रबंधन के ज्ञान के आधार पर वर्तमान परस्थितियों की आवश्यकताओं के अनुसार सटीक निर्णय लेने में सक्षम होंगे। प्रबंधन के विद्यार्थी श्रीमद्भगवद्गीता के जरिये भगवान कृष्ण के प्रबंधन के मंत्रों को सीखेंगे। रामायण और उपनिषदों में वर्णित प्रबंधन ज्ञान को जानेंगे और कौटिल्य की नीतियों से सीख लेंगे। पहली बार विद्यार्थी जेआरडी टाटा, अजीम प्रेमजी, धीरूभाई अंबानी, नारायण मूर्ति, सुनील मित्तल और बिरला जैसे बड़े भारतीय उद्योगपतियों के कुशल प्रबंधकीय निर्णयों की भी पढ़ाई करेंगे। यह सब सत्र 2023-24 से शुरू हुए पांच वर्षीय बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।
पाठ्यक्रम समन्वयक डा. शेफाली नंदन ने बताया कि इंडियन मैनेजमेंट थाट एंड प्रैक्टिसेस पेपर में प्रबंधन के विद्यार्थियों को विषय की परंपरागत पढ़ाई के साथ अध्यात्म एवं प्रबंधन, सांस्कृतिक लोकाचार, मानवीय मूल्य और प्रबंधन, अध्यात्म की अवधारणा, योग एवं प्रबंधन का अनुप्रयोग, अष्टांग योग जीवन का समग्र दृष्टिकोण और ध्यान तथा तनाव का प्रबंधन भी पढ़ाया जाएगा। वैदिक प्रबंधन के आयाम में छात्र श्रीमद्भगवद्गीता, रामायण, उपनिषद और कौटिल्य प्रबंधन माडल के साथ विवेकानंद और सीके प्रह्लाद जैसे भारतीय चिंतकों को भी शामिल किया गया है। डा. शेफाली के अनुसार, श्रीमद्भगवद्गीता़, रामायण व उपनिषद मनुष्य की अधिकांश समस्याओं को हल करने के लिए प्रबंधन का एक बड़ा स्रोत है। विद्यार्थी इनमें वर्णित प्रबंधन के सिद्धांत और उनका प्रयोग सीखेंगे।