40 घंटे बाद रांची पहुंचे हेमंत सोरेन, खोज रही है ईडी, राज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी को बुलाया

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं

नई दिल्ली, BNM News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को करीब 40 घंटे बाद रांची पहुंच गए हैं। वे अचानक दिल्ली से गायब हो गए थे। प्रवर्तन निदेशालय कथित जमीन धोखाधड़ी केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत से पूछताछ करना चाहती है। ईडी अब तक 10 समन जारी कर चुकी है। चर्चा है कि ईडी, हेमंत की गिरफ्तारी कर सकती है। इसी से बचने के लिए वो कानूनी रास्ते तलाश रहे हैं और अचानक गायब हो गए थे। वहीं, बीजेपी ने इस मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। यहां तक कि हेमंत के गुमशुदा के पोस्टर शेयर किए हैं और इनाम तक की घोषणा कर दी है। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि हम मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है। राज्यपाल ने मुख्य सचिव और डीजीपी को भी तलब किया और जानकारी मांगी है। डीजीपी अजय कुमार सिंह, गृह सचिव और मुख्य सचिव मंगलवार को राजभवन पहुंचे।

मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के आसपास धारा 144 लगाई गई है। तीनों जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इधर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खोजकर लाएं।

जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम 29 जनवरी की सुबह करीब सात बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साउथ दिल्ली स्थित आवास (5/1 शांति निकेतन) पहुंची, लेकिन वे नहीं मिले थे। तलाशी के बाद जांच एजेंसी ने उनकी BMW कार भी जब्त कर ली और अपने साथ ले गए। मंगलवार सुबह भी मुख्यमंत्री हाउस के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नहीं लौटे हैं। रांची से भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा-मुझे याद नहीं है कि झारखंड में कभी कोई मुख्यमंत्री इस तरह 24 घंटे से ज्यादा समय से लापता रहा हो। आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति है। यह तो मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं वह किस गुप्त अभियान में गए थे। मैं राज्य का नागरिक होने के नाते, एक विधायक होने के नाते मैं भी चिंतित हूं, सीएम कहां हैं।

परिवार के संपर्क में हैं हेमंत सोरेन!

सूत्रों ने दावा किया कि सोरेन ‘‘लापता” हैं और जांच एजेंसी उनसे संपर्क नहीं कर पाई है, लेकिन सोरेन के परिवार के एक सदस्य ने इस पूरे घटनाक्रम को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता को बदनाम करने की ‘नियोजित’ साजिश करार दिया। पहचान सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर परिवार के सदस्य ने से कहा कि सोरेन ईडी से निरंतर संचार किया है और 31 जनवरी को दोपहर एक बजे अपने आवास पर बयान दर्ज कराने की इच्छा जता चुके हैं, इसके बावजूद माहौल तैयार किया जा रहा है।

रात 10 बजे घर से बाहर निकली ED टीम

प्रवर्तन निदेशालय की टीम के अधिकारी दिल्ली पुलिस कर्मियों के साथ सुबह करीब नौ बजे दक्षिण दिल्ली में 5/1 शांति निकेतन भवन पहुंचे। इस दौरान कई मीडियाकर्मी बाहर खड़े रहे। ईडी के कई अधिकारियों को रात करीब साढ़े 10 बजे परिसर से बाहर निकलते हुए देखा गया. सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने सोरेन के आवास से हरियाणा के पंजीकरण नम्बर वाली एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की है और इसके अलावा आवास की तलाशी के दौरान मिले कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।

 27 जनवरी को रांची से दिल्ली रवाना हुए थे हेमंत

हेमंत सोरेन 27 जनवरी को रांची से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। उनकी पार्टी ने सोमवार को कहा कि वह निजी काम से गए हैं और वह लौट आएंगे। हालांकि, भाजपा की झारखंड इकाई ने सोमवार को दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के डर से पिछले 18 घंटे से ‘फरार’ हैं और उसने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि झारखंड की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा दांव पर है।

दिल्‍ली स्थित कई जगह हेमंत सोरेन की तलाश !

दिल्ली में ईडी अधिकारी रात करीब आठ बजे कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री के आवास से बाहर निकले और बाहर खड़ी एक बीएमडब्ल्यू कार की जांच की। हालांकि, वे मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना वापस अंदर चले गए। एक सूत्र ने कहा कि हम उनसे (सोरेन) पूछताछ करने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर आए, लेकिन वह यहां नहीं हैं। ईडी की टीम झारखंड भवन और कुछ अन्य स्थानों पर भी गईं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं मिले। ईडी के कुछ अधिकारियों को बाद में रात करीब साढ़े 10 बजे परिसर से बाहर निकलते हुए देखा गया।

समय आने पर फैसला लूंगा- झारखंड के राज्यपाल

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने घटनाक्रम पर जहां चुप्पी साधे रखी, वहीं, झारखंड के राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन मिलने के मद्देनजर राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पत्रकारों ने राज्यपाल से पूछा कि राज्य में राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर क्या राजभवन के लिए सभी विकल्प खुले हैं, तो उन्होंने कहा कि मैं संविधान के रक्षक के रूप में पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हूं. यह राज्यपाल का कर्तव्य है और मैं इसे निभा रहा हूं. समय आने पर फैसला लूंगा। झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और केंद्र सरकार के कार्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी।

यह कदम राजनीति से प्रेरित- झामुमो महासचिव

झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कुछ निजी काम से दिल्ली गए थे और वह वापस आ जाएंगे। लेकिन, ईडी की कार्रवाई अनावश्यक और असंवैधानिक है। ऐसा लगता है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है। बहरहाल, भाजपा नेताओं ने पूछा कि मुख्यमंत्री कहां हैं?

 भाजपा ने हेमंत सोरेन पर कसा तंज

भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि मीडिया सूत्रों के मुताबिक, देर रात हेमंत जी चप्पल पहनकर और चादर से अपना चेहरा ढंककर दिल्ली स्थित अपने आवास से पैदल ही निकल गए। उनके साथ दिल्ली गए विशेष शाखा के सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी लापता हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने कहा कि उन दोनों के मोबाइल फोन भी बंद हैं। इसके बाद से ही ईडी और दिल्ली पुलिस उनकी तलाश कर रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता।

चर्चा तेज क्या सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन बनेंगी मुख्यमंत्री

कांग्रेस विधायकों को राज्य के मौजूदा हालात को देखते हुए रांची में रहने का आदेश दिया गया है। कई विधायक सर्किट हाउस में मौजूद हैं। इस बीच निशिकांत दुबे का एक ट्वीट फिर राजनीतिक चर्चाओं में आ गया है। इस ट्वीट में निशिकांत ने लिखा है कि हेमंत सोरेन जी ने अपने सहयोगी विधायकों को राँची में समान के साथ बुलाया है । सूचना अनुसार कल्पना सोरेन जी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने सूचना दी है कि ईडी की पूछताछ के डर से वे सड़क मार्ग से रॉंची पहुँचकर अपने अवतरित होने की घोषणा करेंगे।

क्या है हेमंत सोरेन का मामला 

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि यह जांच झारखंड में ‘‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन से जुड़े एक बड़े रैकेट” से संबंधित है। ईडी ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं। वह राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।

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