Haryana News: अवैध इमीग्रेशन पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा के ट्रैवल एजेंटों पर कसेगा शिकंजा, नए कानून को मिली मंजूरी

नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निर्दोष और बेरोजगार युवाओं को अवैध आप्रवासन (इमीग्रेशन) रैकेट का शिकार होने से बचाने के लिए ‘हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024’ को स्वीकृति प्रदान की गई। अप्रवासन से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधियों में लगे भ्रष्ट ट्रैवल एजेंटों द्वारा धोखा दिए जाने वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा राज्यों से, की परेशानी को कम करने के लिए यह साहसिक पहल की गई है। इस विधेयक की मुख्य विशेषताओं में यह शामिल है कि कोई भी व्यक्ति अधिनियम के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ट्रैवल एजेंट का पेशा नहीं कर सकता।
ट्रैवल एजेंटों के प्रमाणपत्र को पुलिस द्वारा किया किया जाएगा सत्यापित
आवेदन सक्षम प्राधिकारी को निर्दिष्ट समय के भीतर आवश्यक दस्तावेजों, शुल्क के साथ प्रस्तुत करना होगा। सक्षम प्राधिकारी आवेदन विवरण को सत्यापित करने के बाद पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कर सकता है। विधेयक के अनुसार प्रमाणपत्र तब तक जारी नहीं किया जाता, जब तक कि पुलिस द्वारा विवरण सत्यापित नहीं किया जाता है। पंजीकरण प्रमाणपत्र की वैधता तीन साल के लिए होती है, जिसे निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार नवीनीकृत किया जाता है। इसके अलावा, नया कार्यालय या शाखा खोलने के लिए नया पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करना आवश्यक है।
पंजीकरण किया सकता है रद
विधेयक में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सक्षम प्राधिकारी विभिन्न कारणों जैसे दिवालियापन, आपराधिक गतिविधियों, शर्तों का उल्लंघन आदि के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र रद कर सकता है। रद करने से पहले, कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और ट्रैवल एजेंट को स्पष्टीकरण देने का मौका मिलता है। यहां यह भी उल्लेख किया गया है कि रद करने पर विचार लंबित रहने तक एक निर्दिष्ट अवधि के लिए निलंबन किया जा सकता है।
दस साल तक की कैद और 2-5 लाख रुपये तक के जुर्माने प्रावधान
रद किया गया पंजीकरण ट्रैवल एजेंट को एक निर्धारित अवधि के लिए पेशे से वंचित कर देता है। अधिनियम में यह भी उल्लेख किया गया है कि अदालत, इस अधिनियम के तहत अपराधों को संबोधित करते हुए, अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की जब्ती का आदेश दे सकती है, मानव तस्करी या जाली दस्तावेजों में शामिल व्यक्तियों को दस साल तक की कैद और 2-5 लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित उपकरणों का उपयोग करने पर सात साल तक की कैद और दो से पांच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
हरियाणा सरकार अपने नागरिकों को अवैध आप्रवासन घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रस्तावित कानून ट्रैवल एजेंटों को विनियमित करने, आप्रवासन से संबंधित सेवाओं में पारदर्शिता, वैधता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण दर्शाता है। सरकार सभी हितधारकों से आग्रह करती है कि वे विदेश में अवसर तलाशने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने हेतु इस पहल का समर्थन करें।
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