Aaj Ka Panchang 10 December: आज का पंचांग, देखें तिथि, ग्रह, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
10 December 2023 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: रविवार, 10 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। राष्ट्रीय मिति मार्गशीर्ष 19, शक संवत 1945, मार्गशीर्ष कृष्ण, त्रयोदशी, रविवार, विक्रम संवत 2080। सौर मार्गशीर्ष मास प्रविष्टे 25, जमादि-उल्लावल-25, हिजरी 1445 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 10 दिसंबर सन् 2023 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, हेमन्त ऋतु।
राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक।
त्रयोदशी तिथि अगले दिन प्रातः 07 बजकर 11 मिनट तक उपरांत चतुर्दशी तिथि का आरंभ। स्वाति नक्षत्र पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट तक उपरांत विशाखा नक्षत्र का आरंभ। अतिगण्ड योग रात्रि 10 बजकर 34 मिनट तक उपरांत सुकर्मा योग का आरंभ।
विजय मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से दोपहर में 2 बजकर 39 मिनट तक। गर करण सायं 07 बजकर 13 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। चन्द्रमा अगले दिन सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक तुला उपरांत वृश्चिक राशि पर संचार करेगा।
पंचांग के पांच अंग
तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है।
तिथि के नाम- प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।
नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं – सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।