Aakash Deep: जानें किन मुश्किलों से लड़कर आकाश में दीपक की तरह चमके ‘आकाशदीप’

रांची, BNM News: Aakash Deep: हर क्रिकेटर का सपना देश के लिए खेलना होता है और जब उसे यह मौका मिलता है तो वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाता। कुछ ऐसा ही हाल भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करने वाले आकाशदीप (Aakash deep) का था। जब टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने शुक्रवार को जब आकाशदीप को टेस्ट कैप दी तो वह सीधे मैदान के बाहर खड़ी अपनी मां के पास पहुंचे। उन्होंने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान वहां मौजूद उनका परिवार बेहद ही भावुक नजर आ रहा था। यह कुछ ऐसा ही था, जैसा कुछ दिन पहले राजकोट में सरफराज खान के लिए उनके परिवार की आंखों में देखने को मिला था। मां ने भी अपने लाडले को गले लगाया और सिर पर हाथ फेर कर ही सबकुछ कह दिया। अपने बेटे की उपलब्धि पर मां का गला भर आया और वह कुछ भी बोलने में असमर्थ नजर आईं।

यह सफर तय करना कतई आसान नहीं

 

आकाशदीप के लिए भारतीय टीम तक का यह सफर तय करना कतई आसान नहीं रहा। एक समय ऐसा था जब उन्होंने अपने घर को चलाने के लिए क्रिकेट से दूरी बना ली थी और क्रिकेट को छोड़ दिया था। बिहार के सासाराम से आने वाले आकाशदीप का लगाव क्रिकेट से काफी अधिक रहा है। उनके पिता रामजी सिंह को यह पसंद नहीं था। बताया गया कि आकाश दीप नौकरी ढूंढने के बहाने दुर्गापुर गए और वहीं एक अकादमी में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने लगे, लेकिन इस दौरान पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के दो महीने बाद ही आकाश के बड़े भाई की भी मौत हो गई। इन दो घटनाओं से परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई और सारी जिम्मेदारी आकाशदीप के कंधों पर ही आ गई। 3 साल तक उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था। इस दौरान वह पूरी तरीके से घर की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठा लिया।

तीन साल बाद बंगाल की ओर रूख किया

 

कुछ समय बाद आकाशदीप ने फिर क्रिकेट खेलना शुरू किया। बिहार पर प्रतिबंध लगे रहने के कारण  बंगाल का रुख किया और फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बता दें कि 2020 की आइपीएल नीलामी में आकाशदीप को रायल चैलेंज बेंगलुरु की टीम ने 20 लाख रुपये में खरीदा था। आकाशदीप के नाम लिस्ट ए के 28 मैचों में 42 विकेट है। वहीं 30 फर्स्ट क्लास मैचों में आकाश के नाम 104 विकेट हैं।

पिता को समर्पित किया प्रदर्शन

 

आकाशदीप ने कहा कि एक साल के अंदर पिता और बड़े भाई को गंवा देने के बाद मैं कुछ करना चाहता था और मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। मेरे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था, बस कुछ हासिल ही कर सकता था। मैं इस प्रदर्शन को अपने पिता को समर्पित करता हूं क्योंकि उनका सपना था कि उनका बेटा जीवन में कुछ करे। जब वह जीवित थे तो मैं कुछ नहीं कर सका इसलिये यह प्रदर्शन मेरे पिता के लिए है।

बुमराह की सलाह काम आई : आकाशदीप

 

आकाशदीप ने अपने प्रदर्शन का श्रेय जसप्रीत बुमराह को दिया। पहले दिन के खेल समाप्त होने के बाद आकाशदीप ने बताया कि वह पदार्पण को लेकर नर्वस नहीं थे। मैंने अपने कोच से बात की थी इसलिए मुझे इस मैच से पहले किसी तरह का दबाव महसूस नहीं हुआ। आगे क्या होगा, यह मैं नहीं जानता। मैं अपने हर मैच को आखिरी मैच की तरह लेता हूं और मेरी कोशिश अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की होती है। आकाशदीप ने बताया कि जसप्रीत बुमराह की सलाह मेरे काफी काम आई। बुमराह भाई ने बताया कि मुझे लेंथ थोड़ी छोटी रखनी चाहिए, इससे बल्लेबाजों को परेशानी होगी। मैंने वही किया। इसका लाभ भी मुझे मिला। कहा कि शुरुआत में पिच से थोड़ी मदद मिल रही थी, लेकिन बाद में पिच स्लो हो गई।

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