पंजाब से पानी के मुद्दे पर हरियाणा में ‘आप’ के बदले सुर, केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग

आप के हरियाणा प्रमुख सुशील गुप्ता
नरेन्द्र सहारण, कैथल: पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी (आप) के सुर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। पानी के मुद्दे पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने एक नया रुख अख्तियार किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कभी यह नहीं कहा कि वह हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं देंगे। बल्कि, उनका कहना है कि वह पंजाब का पानी हरियाणा को नहीं देंगे। इस बयान ने हरियाणा में पानी के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद को और भी उलझा दिया है।
कैथल में पार्टी के जिला कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर डॉ. सुशील गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पानी के मुद्दे पर अपनी पार्टी का पक्ष रखा। उन्होंने सीधे तौर पर इस सवाल को सिंधु जल संधि से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में 27 निहत्थों की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को पानी रोकने की घोषणा की थी। अगर सिंधु नदी का पानी रोका गया है, तो वह पानी कहां गया? उसे हरियाणा को क्यों नहीं दिया जा रहा? गुप्ता ने कहा कि सिंधु का पानी रोकने का दावा खोखला है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2013 में रेवाड़ी में एक रैली में भी ऐसा ही दावा किया था।
केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग
डॉ. सुशील गुप्ता ने जोर देकर कहा कि अगर घर के दो भाइयों के बीच बंटवारे में कोई झगड़ा होता है, तो घर के मुखिया को बैठना चाहिए और मामले को सुलझाना चाहिए। इसी तरह, देश के प्रधानमंत्री को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री अभी तक इस मुद्दे पर क्यों नहीं बैठे? गुप्ता ने कहा कि पानी का बंटवारा भाखड़ा बांध से होता है, जो केंद्र सरकार के अधीन है। इसलिए, केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी दिलाए, और पंजाब और राजस्थान को भी उनके हिस्से का पानी मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दो बार अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और अब तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। हरियाणा को उसका हक मिलना चाहिए, और यह केंद्र सरकार का काम है।
पंजाब में चुनाव और पानी का मुद्दा
पंजाब में चुनाव नजदीक होने के कारण पानी रोकने के सवाल पर डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में भाई-भाई का रिश्ता है। अगर राज्यों के बीच कोई बात है और पानी को लेकर कोई मसला है, तो प्रधानमंत्री को अभी तक इसका समाधान करवाना चाहिए था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हरियाणा के लोग सिर्फ वोट देने के लिए हैं? हरियाणा कोई मंगता (भिखारी) नहीं है। हरियाणा को भी अपना हिस्सा चाहिए।
हरियाणा में ‘आप’ का बदला रुख
आम आदमी पार्टी का यह बदला हुआ रुख हरियाणा में पानी के मुद्दे पर एक नया मोड़ लेकर आया है। पहले, पार्टी पंजाब के रुख का समर्थन करती हुई नजर आ रही थी, लेकिन अब उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करके एक अलग रास्ता अपनाया है। यह बदलाव हरियाणा में पार्टी की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि वे राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।
सिंधु जल संधि और पानी का बंटवारा
डॉ. सुशील गुप्ता ने सिंधु जल संधि का जिक्र करके पानी के मुद्दे को और भी जटिल बना दिया है। सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता है, जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे से संबंधित है। गुप्ता ने सवाल उठाया कि अगर पाकिस्तान को पानी रोका गया है, तो वह पानी हरियाणा को क्यों नहीं दिया जा रहा?
भाखड़ा बांध और केंद्र सरकार की भूमिका
भाखड़ा बांध से पानी का बंटवारा केंद्र सरकार के अधीन है, और डॉ. सुशील गुप्ता ने इसी बात पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को उनके हिस्से का पानी मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
हरियाणा के लोगों की भावनाएं
डॉ. सुशील गुप्ता ने यह भी कहा कि हरियाणा के लोग सिर्फ वोट देने के लिए नहीं हैं। उन्हें भी उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा कुछ मांगता नहीं है और उन्हें अपने हिस्से का पानी चाहिए। यह बयान हरियाणा के लोगों की भावनाओं को दर्शाता है, जो अपने पानी के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं।
राजनीतिक परिदृश्य और आगे की राह
पानी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के बदले हुए सुरों ने हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य को और भी दिलचस्प बना दिया है। यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और हरियाणा को उसका हक मिलता है या नहीं। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है और इसका समाधान केवल बातचीत और सहयोग से ही संभव है।
संवेदनशील मुद्दा
पानी के मुद्दे पर हरियाणा में आम आदमी पार्टी का बदला हुआ रुख एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। पार्टी ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करके एक नया रास्ता अपनाया है। सिंधु जल संधि और भाखड़ा बांध के मुद्दे को उठाकर उन्होंने इस विवाद को और भी जटिल बना दिया है। यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और हरियाणा को उसका हक मिलता है या नहीं। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है और इसका समाधान केवल बातचीत और सहयोग से ही संभव है। हरियाणा के लोगों की भावनाएं भी इस मुद्दे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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