स्वामी प्रसाद और पल्लवी के बाद एक और बड़े नेता ने खोला मोर्चा, कहा पार्टी नहीं संभाल पा रहे अखिलेश यादव

लखनऊ, BNM News: पूर्व मंत्री व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य और विधायक पल्लवी पटेल के बाद अब पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने पार्टी पर पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों (पीडीए) की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी को संभाल नहीं पा रहे हैं। किसी भी हालत में वह सपा के राज्यसभा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे। उन्होंने 50 प्रतिशत सपा विधायकों के भी उनके साथ होने का दावा किया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के खासमखास व तिंदवारी से पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने भी मोर्चा खोल दिया है। उनका दावा है कि पीडीए समर्थक सपा के विधायक राज्यसभा प्रत्याशी आलोक रंजन और जया बच्चन को वोट नहीं देंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी विधायकों में फूट का भी दावा किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ बोले जाने वाले शब्दों पर सपा नेतृत्व अंकुश नहीं लगा पा रहा है।

पल्लवी पटेल भी अपनाए हुए हैं बगावती तेवर

सपा की विधायक पल्लवी पटेल भी राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों को वोट न देने का एलान कर चुकी हैं। उन्होंने भी प्रत्याशी तय करने में पीडीए का ख्याल न रखने का आरोप लगाया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की न्याय यात्रा में रायबरेली में शामिल होने का निर्णय लिया है, जबकि पल्लवी शनिवार को ही वाराणसी में इस यात्रा में शामिल हुईं। स्वामी प्रसाद मौर्य भी रविवार को प्रयागराज में इस यात्रा में शामिल होंगे।

सपा के 4-5 विधायक भाजपा के संपर्क में

राज्यसभा चुनाव के मतदान से पहले सपा में बगावत की सुगबुगाहट नजर आने लगी है। सपा विधायक इंद्रजीत सरोज समेत 4-5 विधायकों के भाजपा में संपर्क की चर्चाएं हैं। सपा विधायक पल्लवी पटेल खुला एलान कर चुकी हैं कि वह सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगी, क्योंकि इन्हें तय करने में पीडीए का ख्याल नहीं रखा गया। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक इंद्रजीत सरोज समेत सपा के 4-5 विधायक भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं। ये सभी वे विधायक हैं, जिन्हें इंद्रजीत सरोज ने ही वर्ष 2022 में पैरवी करके सपा का टिकट दिलवाया था। उनके भी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की संभावना जताई जा रही है।  यहां बता दें कि सपा विधायक इंद्रजीत सरोज और भाजपा एमएलसी रामचंद्र प्रधान करीब ढाई महीने पहले ही समधी बने हैं। हालांकि, इस संबंध में इंद्रजीत सरोज से संपर्क की कोशिश की, पर उनका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ था।

सपा के अंतर्कलह का भाजपा को मिलेगा फायदा

जानकारों का मानना है कि सपा के अंतर्कलह का फायदा भाजपा राज्यसभा चुनाव में उठा सकती है। यूपी में राज्यसभा के 10 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में भाजपा को 7 और सामजवादी पार्टी को 2 सीटे मिलना तय है। जबकि एक सीट पर कांटे की लड़ाई है। इसके लिए दोनों दलों के पास संख्याबल पूरा नही है। सपा के बगावत का फायदा उठाने के लिए ही भाजपा ने आठवां उम्मीदवार मैदान में उतारा है।

भाजपा फैला रही पाला बदलने की अफवाह

सपा के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इंद्रजीत सरोज बहुत ही समझदार और पार्टी के निष्ठावान नेता हैं। उनके पाला बदलने की अफवाह भाजपा षड्यंत्र के तहत फैला रही है। बृजेश प्रजापति के बयान के बारे में मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

 

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