Ahmedabad Plane Crash: एअर इंडिया विमान हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत, डिप्टी कमिश्नर ने की पुष्टि, पीड़ितों को एक करोड़ मुआवजा देगा टाटा ग्रुप

अहमदाबाद! Ahmedabad Plane Crash: गुरुवार की दोपहर गुजरात के अहमदाबाद के लिए एक ऐतिहासिक त्रासदी का दिन बन गई। सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, उड़ान भरने के महज़ दो मिनट के भीतर ही आग के गोले में तब्दील होकर ज़मीन पर आ गिरा। इस भयावह हादसे में विमान में सवार 12 क्रू सदस्यों और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 241 लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से केवल एक यात्री ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार इस विनाश से चमत्कारिक रूप से बच निकलने में सफल रहे हैं। इस हादसे ने न केवल भारत, बल्कि ब्रिटेन और पुर्तगाल समेत कई देशों को शोक में डुबो दिया है। अब तक इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई है, डिप्टी कमिश्नर ने इसकी पुष्टि की है! शुक्रवार सुबह 8:30 बजे पीएम मोदी घटनास्थल पर जाएंगे!
कैसे मौत की उड़ान बनी AI-171?
एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 ने गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे के रनवे से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे, जो एक लंबी और आरामदायक यात्रा की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन उनकी उम्मीदें और सपने, उड़ान भरने के ठीक 120 सेकंड बाद, दोपहर 1:40 बजे धुएं और आग के गुबार में विलीन हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विमान ने अभी पूरी ऊंचाई भी हासिल नहीं की थी कि उसके एक इंजन से तेज़ धमाके की आवाज़ आई और देखते ही देखते विमान आग की लपटों से घिर गया। संतुलन खो चुका विमान तेज़ी से नीचे की ओर आया और हवाई अड्डे की चारदीवारी के पास स्थित, सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के लिए बने एक रिहायशी अपार्टमेंट परिसर से जा टकराया। टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि विमान के परखच्चे उड़ गए और पूरा इलाका मीलों दूर से दिखाई देने वाले काले धुएं के गुबार से भर गया। विमान का ईंधन आग में घी का काम कर रहा था, जिससे घटनास्थल पर एक प्रलयकारी दृश्य उत्पन्न हो गया।
एक स्थानीय निवासी जो उस समय अपनी छत पर थे ने कांपती हुई आवाज में बताया, मैंने अपनी आँखों के सामने एक विमान को आग के गोले में बदलते देखा। आवाज इतनी तेज़ थी जैसे कोई बहुत बड़ा बम फटा हो। कुछ सेकंड के लिए तो मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। जब मैं दौड़ा तो हर तरफ़ सिर्फ़ आग, धुआं और चीख-पुकार थी।”
एक चमत्कार: सीट नंबर 11-A का यात्री रमेश विश्वास कुमार
इस महा-विनाश के बीच एक अविश्वसनीय चमत्कार भी हुआ। विमान की सीट संख्या 11-A पर बैठे भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक, रमेश विश्वास कुमार, इस हादसे में जीवित बच गए हैं। बचाव दल जब आग की लपटों और मलबे के बीच ज़िन्दगी के निशान तलाश रहे थे, तब उन्हें रमेश कुमार गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले। उन्हें तत्काल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखरेख कर रही है।
उनका एक संक्षिप्त वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह सदमे की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, विमान का अगला हिस्सा टक्कर के बाद मुख्य धड़ से अलग हो गया था और शायद यही कारण है कि रमेश कुमार प्रभाव के सबसे घातक हिस्से से बच गए। हालांकि वह गंभीर रूप से जले हुए हैं और कई फ्रैक्चर का शिकार हुए हैं, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। यह ख़बर इस भीषण त्रासदी में एकमात्र उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन
इस हादसे ने गुजरात और पूरे देश को एक गहरा राजनीतिक और व्यक्तिगत आघात भी दिया है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, श्री विजय रूपाणी भी इसी विमान में सवार थे और इस दुर्घटना में उनका निधन हो गया। वह एक आधिकारिक दौरे पर लंदन जा रहे थे। उनके निधन की ख़बर आते ही राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, और विभिन्न दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। विजय रूपाणी अपनी सादगी और ज़मीन से जुड़े नेतृत्व के लिए जाने जाते थे। उनका इस तरह आकस्मिक निधन राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
ज़मीन पर तबाही: डॉक्टरों का आवास बना मलबे का ढेर
विमान सिर्फ अपने यात्रियों के लिए ही काल नहीं बना, बल्कि उसने ज़मीन पर भी तबाही मचाई। विमान का एक बड़ा हिस्सा जिस रिहायशी इमारत पर गिरा, वह अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों और उनके परिवारों का आवास था। जानकारी के मुताबिक, हादसे के समय इमारत के विभिन्न फ्लैटों में 50 से 60 डॉक्टर और उनके परिजन मौजूद थे। इस टक्कर में 15 से ज़्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। इन डॉक्टरों को तत्काल उसी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ वे स्वयं मरीजों की सेवा करते हैं। यह विडंबना है कि जीवन बचाने वाले हाथ आज स्वयं सहायता के लिए मजबूर थे। हादसे के बाद से अब तक विमान और इमारत के मलबे से कुल 265 शव बरामद होने की खबरें हैं, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि ज़मीन पर भी कई लोगों की मौत हुई है। डिप्टी कमिश्नर ने 265 मौतों की पुष्टि की है, जिसमें विमान के यात्री और जमीनी लोग शामिल हो सकते हैं।
पहचान की चुनौती और 1000 DNA टेस्ट
घटनास्थल पर बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती मृतकों की पहचान करना है। विमान के जलते हुए ईंधन के कारण तापमान इतना अधिक था कि ज़्यादातर शव बुरी तरह से झुलस चुके हैं और उनकी पहचान करना लगभग असंभव है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा किया और एक उच्च-स्तरीय बैठक की। उन्होंने घोषणा की कि मृतकों की पहचान के लिए एक वृहद डीएनए परीक्षण अभियान चलाया जाएगा।
शाह ने कहा, “यह एक अविश्वसनीय रूप से दर्दनाक घटना है। विमान में सवार 242 में से 241 लोगों का निधन हो गया है। उनकी पहचान केवल डीएनए परीक्षण के माध्यम से ही संभव है। हमने सभी यात्रियों के परिजनों से संपर्क करना शुरू कर दिया है ताकि उनके डीएनए सैंपल लिए जा सकें। विदेश में रहने वाले परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है। शवों के डीएनए सैंपल भी एकत्र किए गए हैं। इस प्रक्रिया में 1000 से ज़्यादा डीएनए टेस्ट किए जाएंगे, और मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गुजरात के पास इतनी बड़ी संख्या में परीक्षण करने की क्षमता और विशेषज्ञता है।” उन्होंने यह भी बताया कि जलते हुए ईंधन के कारण विमान के अंदर का तापमान असहनीय रूप से उच्च था, जिससे किसी के भी बचने की संभावना लगभग शून्य थी।
यात्रियों का विवरण: कहां-कहां से थे लोग?
एअर इंडिया की यह उड़ान विभिन्न राष्ट्रीयताओं के लोगों को एक साथ लेकर जा रही थी। प्रारंभिक यात्री सूची के अनुसार, विमान में 230 यात्री सवार थे, जिनमें शामिल हैं:
169 भारतीय नागरिक
53 ब्रिटिश नागरिक
7 पुर्तगाली नागरिक
1 कनाडाई नागरिक
इन यात्रियों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शिशु शामिल थे। बाकी 12 लोग चालक दल के सदस्य थे, जो सभी भारतीय थे। यह उड़ान अक्सर छात्रों, पर्यटकों, व्यापारिक यात्रियों और ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा उपयोग की जाती है।
टाटा समूह का मानवीय कदम
एअर इंडिया का स्वामित्व अब टाटा समूह के पास है। इस दुखद घटना के बाद टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एक बयान जारी कर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि टाटा समूह इस त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, “इस हादसे से हम सभी स्तब्ध और दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया है। टाटा समूह की ओर से, हम प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, हादसे में घायल हुए सभी लोगों के इलाज का पूरा खर्च टाटा समूह उठाएगा और उन्हें हर संभव मदद और देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।” चंद्रशेखरन ने यह भी घोषणा की कि हादसे में क्षतिग्रस्त हुए बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास (डॉक्टरों के आवास) के पुनर्निर्माण में भी टाटा समूह पूरी मदद करेगा।
विमान का इतिहास और सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा जिस विमान के साथ हुआ, वह बोइंग का 787-8 ड्रीमलाइनर मॉडल था। यह विमान अपनी अत्याधुनिक तकनीक, लंबी दूरी की क्षमता और ईंधन दक्षता के लिए जाना जाता है। हालांकि, अपने शुरुआती दिनों में इस विमान की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। विशेष रूप से, इसकी लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद, 2013 में दुनियाभर में इसके पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर तीन महीने के लिए रोक लगा दी गई थी। हालांकि बाद में डिज़ाइन में सुधार कर इसे फिर से सेवा में लाया गया था, लेकिन यह हादसा एक बार फिर इस उन्नत विमान की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। विमान का ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) बरामद करना जांचकर्ताओं की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि दुर्घटना के अंतिम क्षणों का सटीक कारण पता चल सके।
जब 2020 में केरल में हुआ था हादसा
यह हाल के वर्षों में भारत में हुआ दूसरा बड़ा विमान हादसा है। इससे पहले 7 अगस्त, 2020 को केरल के कोझिकोड में एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान भारी बारिश के बीच रनवे पर फिसलकर खाई में गिर गया था। उस हादसे में 21 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 110 लोग घायल हुए थे। वह विमान कोरोना महामारी के दौरान ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत दुबई से भारतीयों को वापस ला रहा था।
अहमदाबाद की यह त्रासदी उस हादसे से भी कहीं ज़्यादा बड़ी और विनाशकारी है, जिसने एक बार फिर देश में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर बहस छेड़ दी है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस दुर्घटना के कारणों का खुलासा होगा, लेकिन जो जानें चली गई हैं, उनकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। आज पूरा देश उन 241 आत्माओं के लिए शोक मना रहा है, जिनकी लंदन की उड़ान मौत के एक ऐसे सफ़र में बदल गई जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।