Indian Army: सीमा पर घायल सैनिकों के इलाज और थकान मैनेजमेंट में एआई-मशीन लर्निंग का होगा इस्तेमाल

कानपुर, BNM News: सीमा पर सैनिकों की सुविधा के लिए एआइ तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। सीमा पर दुश्मनों की गोलियों व बम से घायल सैनिकों के इलाज व थकान मैनेजमेंट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) व मशीन लर्निंग (ML) का प्रयोग किया जाएगा। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों की टीम एआई व एमएल का प्रयोग कर ऐसे टूल विकसित करेगी, जिसका उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में किया जा सकेगा। इसको लेकर आईआईटी कानपुर में स्थापित गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और वायुसेना मेडिकल सर्विस के बीच जल्द एक समझौता होगा। जिसके तहत दोनों संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम रिसर्च कर भविष्य की चुनौतियों को तकनीक से निस्तारित किया जाएगा।

युद्ध की वर्तमान स्थिति के आधार पर भविष्य का मॉडल विकसित करेगा आईआईटी

आईआईटी कानपुर में स्थापित हो रहे गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में वैज्ञानिकों की टीम चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च कर रही है। संस्थान आईं वायुसेना की एयर मार्शल साधना एस नायर के साथ निदेशक प्रो. एस गणेश के बीच लंबी वार्ता हुई है। इस समझौते के बाद संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम ऐसे टूल विकसित करेगा, जिसकी मदद से सीमा पर चल रहे युद्ध की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य का मॉडल विकसित किया जाएगा।

कृत्रिम अंगों के विकास पर भी करेंगे रिसर्च

संस्थान के वैज्ञानिक कृत्रिम अंगों के निर्माण पर भी काम करेंगे। जिससे किसी घटना में सैनिकों को विषम परिस्थितियों में कृत्रिम अंगों की मदद से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। वार्ता के दौरान एयर मार्शल ने वायुयान में मौजूद एयरक्रू जल्द थकान महसूस करते हैं और उनकी थकान के बारे में पता नहीं चलता है। इसलिए संस्थान अत्याधुनिक तकनीक की मदद से इसका पता लगाने का टूल विकसित करेगा।

आईआईटी और वायु सेना के बीच होगा समझौता

दोनों संस्थानों के बीच हुए समझौते के तहत फैकल्टी एक्सचेंज हो सकेगी। साथ ही, दोनों संस्थान के वैज्ञानिक और वायुसेना मेडिकल सर्विस की टीम मिलकर किसी चुनौती का समाधान तकनीक की मदद से करेगी। संस्थान के निदेशक प्रो. एस गणेश ने बताया कि जल्द होने वाले समझौते के बाद हेल्थ सेक्टर में संयुक्त रिसर्च और एकेडमिक प्रोग्राम को बढ़ावा दिया जाएगा।

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