UP Politics: भाजपा में जारी खींचतान के बीच अखिलेश यादव का बड़ा ऑफर, ‘सौ विधायक लाओ, सरकार बनाओ!’
लखनऊ, बीएनएम न्यूजः उत्तर प्रदेश के शीर्ष भाजपा नेताओं की दिल्ली में सियासी मुलाकातों को लेकर लग रही अटकलों के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा में राजनीतिक चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर कहा है कि मानसून ऑफर है-100 लाओ और सरकार बनाओ।
मानसून ऑफ़र: सौ लाओ, सरकार बनाओ!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, अगर भाजपा में कोई भी नेता 100 विधायकों का समर्थन जुटा लेता है तो सपा मुख्यमंत्री पद के लिए उसे समर्थन दे सकती है। इसे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच दिल्ली से केशव के लखनऊ लौटने पर अखिलेश ने कटाक्ष भी किया है- लौट के बुद्धू घर को आए।
यहां बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य ने भी बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक्स के जरिये हमला बोलते हुए उन्हें सपा बहादुर की संज्ञा देते हुए कहा था कि यूपी और केंद्र दोनों ही जगह मजबूत सरकार है। 2017 की तरह 2027 में भी हम यूपी में सरकार बनाएंगे। उन्होंने सपा के पीडीए को धोखा करार दिया था।
अखिलेश के बयान पर केशव का पलटवार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मौजूदा हालात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई में उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। सपा प्रमुख के बुधवार को एक्स पर किए गए पोस्ट के करीब चार घंटे बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया। मौर्य ने अपनी पोस्ट में अखिलेश यादव का नाम लेते हुए लिखा, उत्तर प्रदेश में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी। भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है।
भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही
सपा प्रमुख ने भाजपा की अंदरूनी सियासत पर चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा-तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वह अपने दल के अंदर कर रही है। इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचने वाला भाजपा में कोई नहीं है।
अखिलेश ने भाजपा पर साधा निशाना
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने इसे और हवा देते हुए लिखा-दिन प्रतिदिन कमजोर होती भाजपा में टकराव और भटकाव का दौर शुरू हो गया है। भाजपा खेमों में बंट गई है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बैकफुट पर जाने की जरूरत नहीं है, जो उछल-कूद कर रहे हैं, वो बिठा दिए जाएंगे। कोई कह रहा है कि संगठन सरकार से बड़ा है तो कोई सहयोगी दल हार की वजह दिल्ली-लखनऊ नेतृत्व के ऊपर डाल रहा है। भाजपा में एक-दूसरे को कमतर दिखाने के लिए कठपुतली का खेल खेला जा रहा है। सबकी डोरी अलग-अलग हाथों में है। भाजपा में पर्दे के पीछे की लड़ाई सरेआम हो गई है। इंजन ही नहीं अब तो डिब्बे भी आपस में टकरा रहे हैं।
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