कैथल में कोरोना को लेकर अलर्ट: स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारी, 18 वेंटिलेटर- आईसीयू तैयार

अस्पताल में तैयार किया गया वार्ड

नरेंद्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कुछ जिलों विशेषकर फरीदाबाद और गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण के मामलों की सुगबुगाहट के बीच कैथल जिला स्वास्थ्य विभाग किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क हो गया है। यद्यपि कैथल में अभी तक कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है, विभाग अत्यंत सूक्ष्म तैयारी के सिद्धांत पर चलते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस चुका है। पिछली लहरों के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण से बचाव और मरीजों के प्रभावी उपचार के लिए बहुस्तरीय तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि अगर संक्रमण फैलता भी है तो स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके और बहुमूल्य जानों को बचाया जा सके।

अतीत के सबक, भविष्य की तैयारी

 

कोरोना महामारी ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर जो तबाही मचाई है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। भारत और विशेष रूप से हरियाणा ने भी इसकी मार झेली है। पहली और दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेड की मारामारी और चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीरें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। इन्हीं अनुभवों ने स्वास्थ्य प्रणालियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए अधिक तैयार रहने का महत्वपूर्ण सबक सिखाया है। कैथल स्वास्थ्य विभाग की वर्तमान सक्रियता इसी दूरदर्शिता का परिचायक है। यह समझा जा रहा है कि वायरस अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और नए वेरिएंट्स के उभरने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसलिए, शांति काल में युद्ध की तैयारी की तर्ज पर विभाग किसी भी संभावित स्थिति से दो कदम आगे रहने का प्रयास कर रहा है।

जीवन रक्षक गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित

 

कोरोना संक्रमण की गंभीर अवस्था में मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन जीवन रक्षक साबित होती है। पिछली लहरों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत ने देश भर में हाहाकार मचा दिया था। इस त्रासदी से सीखते हुए, कैथल नागरिक अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट को पूरी तरह से क्रियाशील और तैयार अवस्था में रखा जा रहा है।

प्लांट का नियमित रखरखाव: प्लांट की मशीनों का नियमित निरीक्षण, सर्विसिंग और मॉक ड्रिल किए जा रहे हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर यह अपनी पूरी क्षमता से काम कर सके।
बैकअप व्यवस्था: सिलेंडर ऑक्सीजन का भी पर्याप्त बफर स्टॉक सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि प्लांट में किसी अप्रत्याशित तकनीकी खराबी की स्थिति में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित न हो।
पाइपलाइन नेटवर्क की जांच: अस्पताल के विभिन्न वार्डों और आईसीयू तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाली पाइपलाइन नेटवर्क की भी गहन जांच की गई है ताकि लीकेज या किसी अन्य बाधा को दूर किया जा सके। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी का सामना न करना पड़े, जैसा कि दुर्भाग्यवश पिछली बार देखा गया था।

विशेष वार्ड और आईसीयू तैयार

 

संक्रमण को फैलने से रोकने और गंभीर मरीजों को तत्काल तथा उचित उपचार प्रदान करने के लिए विशेषीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं का होना अत्यंत आवश्यक है।

पोर्टेबल अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड: नागरिक अस्पताल परिसर में स्थापित पोर्टेबल अस्पताल में विशेष रूप से 10 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। यह वार्ड मुख्य अस्पताल भवन से थोड़ा अलग होने के कारण संक्रमण नियंत्रण में अतिरिक्त मदद करेगा। यहां हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोरोना संदिग्ध या पुष्ट मरीजों को रखा जाएगा। इस वार्ड में मरीजों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं, जैसे समर्पित नर्सिंग स्टाफ, दवाएं, और निगरानी उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
12 बेड का आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट): गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों के लिए 12 बेड की एक अत्याधुनिक आईसीयू सुविधा को पूरी तरह से तैयार रखा गया है। इस आईसीयू में वेंटिलेटर, मल्टी-पैरा मॉनिटर, इन्फ्यूजन पंप और अन्य जीवन रक्षक उपकरण लगाए गए हैं।

18 वेंटिलेटर तैयार: कुल 18 वेंटिलेटर फंक्शनल अवस्था में हैं, जो गंभीर श्वसन संकट वाले मरीजों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन वेंटिलेटर्स को चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

दवाइयों और उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक

 

किसी भी स्वास्थ्य आपातकाल में दवाइयों और आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता महत्वपूर्ण होती है।

आवश्यक दवाइयां उपलब्ध: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना के उपचार में प्रयुक्त होने वाली अधिकांश आवश्यक दवाइयां, जैसे एंटीवायरल, एंटीबायोटिक्स (सेकेंडरी इन्फेक्शन के लिए), स्टेरॉयड्स, बुखार और दर्द निवारक दवाएं अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
वेयरहाउस से अतिरिक्त खरीद की योजना: यदि मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होती है और दवाइयों की मांग बढ़ती है, तो इसके लिए भी विभाग ने योजना तैयार रखी है। वेयरहाउस से तत्काल और अधिक दवाइयां खरीदने की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी स्तर पर कमी न आए।
मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट: संक्रमण से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार मास्क और सैनिटाइजर हैं। अस्पताल में मरीजों, उनके परिचारकों और विशेष रूप से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया गया है।

मानव संसाधन: प्रशिक्षित और सतर्क स्वास्थ्यकर्मी

 

किसी भी स्वास्थ्य सुविधा की रीढ़ उसके डॉक्टर, नर्स और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ होते हैं।

अधिकारियों-कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश: नागरिक अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर (पीएमओ) डॉ. सचिन मांडले ने बताया कि विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना की किसी भी संभावित स्थिति को लेकर सतर्क रहने और सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।
प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण: समय-समय पर स्वास्थ्यकर्मियों के लिए कोरोना प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल और नए उपचार दिशानिर्देशों पर प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
टीमों का गठन: विभिन्न स्तरों पर रैपिड रिस्पांस टीमों और डेडिकेटेड कोविड टीमों का गठन किया गया है ताकि मरीजों को त्वरित और समन्वित देखभाल प्रदान की जा सके।

जन-जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी

 

स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कोरोना से जंग केवल अस्पतालों में नहीं, बल्कि समुदाय के सहयोग से ही जीती जा सकती है।

लक्षण दिखने पर तत्काल जांच की अपील: पीएमओ डॉ. सचिन मांडले ने जिले के सभी निवासियों से अपील की है कि यदि किसी भी व्यक्ति को कोरोना से संबंधित लक्षण जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द, स्वाद या गंध का जाना आदि महसूस हों, तो वे इसे नजरअंदाज न करें। ऐसे व्यक्ति को तुरंत नागरिक अस्पताल या अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर अपनी कोरोना जांच करवानी चाहिए। प्रारंभिक चरण में पहचान और उपचार से बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है।
कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन: हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है, फिर भी सभी से आग्रह किया गया है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें, नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग करें, और सामाजिक दूरी के नियमों का यथासंभव पालन करें।

आसपास सफाई का विशेष ध्यान: अपने घरों और आसपास के वातावरण में सफाई का विशेष ध्यान रखने की भी अपील की गई है, क्योंकि स्वच्छता कई प्रकार के संक्रमणों को रोकने में सहायक होती है।
अफवाहों से बचाव: स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से यह भी अपील की है कि वे कोरोना से संबंधित किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।

 भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा की नींव

 

कैथल स्वास्थ्य विभाग की यह सक्रियता रणनीति न केवल कोरोना बल्कि भविष्य में किसी भी प्रकार के संक्रामक रोग के प्रकोप से निपटने में एक मॉडल का काम कर सकती है। यह दर्शाता है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। ऑक्सीजन प्लांट की आत्मनिर्भरता, आईसीयू बेड की उपलब्धता, और प्रशिक्षित मानव संसाधन न केवल कोरोना बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए भी एक मजबूत स्वास्थ्य कवच प्रदान करेंगे।

हालांकि अभी कैथल में कोरोना का कोई मामला नहीं है, जो एक राहत की बात है, लेकिन गुरुग्राम और फरीदाबाद में बढ़ते मामले एक चेतावनी हैं कि हमें निश्चिंत नहीं बैठना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की यह तैयारी “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” की कहावत को चरितार्थ करती है। उम्मीद है कि इन तैयारियों और जन-सहयोग से कैथल जिला किसी भी संभावित स्वास्थ्य संकट का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम होगा। यह सामूहिक प्रयास और सतर्कता ही हमें सुरक्षित रख सकती है।

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