इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, पत्नी के काम में दखल नहीं दे सकेंगे प्रधानपति, जानें- कोर्ट ने क्या कहा

प्रयागराज, BNM News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गांव सभा के कार्य में प्रधानपतियों के हस्तक्षेप पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को सर्कुलर जारी कर कहा कि भविष्य में नामांकन के समय प्रत्याशी से हलफनामा लिया जाए कि महिला ग्राम प्रधान के काम में प्रधानपति या अन्य किसी का हस्तक्षेप नहीं होगा। कोर्ट ने प्रमुख सचिव पंचायत राज को भी यह आदेश सभी ग्राम प्रधानों को प्रेषित करने का निर्देश दिया है।

याचिका दायर करने के लिए गांव सभा द्वारा अधिकृत करने के प्रस्ताव के बिना महिला ग्राम प्रधान के मार्फत प्रधानपति के हलफनामे से दाखिल गांव सभा की याचिका 10 हजार रुपए हर्जाना लगाते हुए खारिज कर दी है और कहा है कि प्रधान व प्रधानपति दोनों पांच पांच हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट दो हफ्ते में महानिबंधक कार्यालय में जमा करेंगे।

उत्तर प्रदेश में प्रधानपति बहुत लोकप्रिय शब्द हो गया है
कोर्ट ने जिलाधिकारी बिजनौर को निर्देश दिया है कि नगीना तहसील की मदपुरी गांव सभा के कार्य में प्रधानपति सुखदेव सिंह हस्तक्षेप न करने पाये।सारे काम महिला प्रधान करमजीत कौर द्वारा किया जाय। यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने गांव सभा मदपुरी की तरफ से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानपति बहुत लोकप्रिय शब्द हो गया है। व्यापक पैमाने पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। बिना किसी अधिकार के प्रधानपति महिला ग्राम प्रधान की शक्तियों का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। महिला प्रधान एक रबर स्टैम्प की तरह रह गयी है। गांव सभा के सभी निर्णय प्रधानपति लेते हैं। चुना हुआ जनप्रतिनिधि मूक दर्शक बना रहता है। यह याचिका इसका सटीक उदाहरण है।

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