अमित शाह ने संसद में भी हुंकार, कहा- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा है, इसे हमसे कोई छीन नहीं सकता
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। अनुच्छेद 370 निरस्त करने को संवैधानिक बताने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पाक अधिकृत कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा करार दिया। जम्मू-कश्मीर में ओबीसी को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण और विधानसभा में विस्थापितों में से तीन सदस्य नामित किए जाने से संबंधित संशोधन विधेयकों पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए शाह ने साफ किया कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा है और इसे हमसे कोई छीन नहीं सकता। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि आज वह हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलतियों के कारण। लोकसभा में ये दोनों संशोधन विधेयक पहले ही पास हो चुके हैं। राज्यसभा में पास होने के साथ ही इन पर संसद की मुहर लग गई और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ये कानून बन जाएंगे।
नेहरू की गलती को स्वीकार करने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कांग्रेस की ओर से अनुच्छेद 370 खत्म करने की प्रक्रिया को गलत बताने पर अमित शाह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सरकार की मंशा, अनुच्छेद 370 निरस्त करने की प्रक्रिया और संसद व राष्ट्रपति के अधिकार को सही ठहरा चुका है, लेकिन कांग्रेस पार्टी अपने नेता जवाहरलाल नेहरू की गलती को स्वीकार करने के लिए अब भी तैयार नहीं है। जबकि जवाहरलाल नेहरू खुद अपनी गलती स्वीकार कर चुके थे। उन्होंने कहा कि गलती हो सकती है, लेकिन इसे स्वीकार कर सुधार भी करना जरूरी है। उन्होंने कांग्रेस को अब भी सुधर जाने की चेतावनी देते हुए कहा कि जनता सब कुछ देख रही है। अब भी वापस आ जाओ, वरना जितनी बची है, उतनी भी नहीं बचेगी।
राजद सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का एक भी प्रतिनिधि नहीं होने के राजद सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शाह ने साफ किया कि विपक्षी सदस्य भले ही खुद को कश्मीर का प्रतिनिधि नहीं मानते हों, लेकिन ऐसा सत्ता पक्ष के सदस्यों के लिए नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने साफ किया कि हम कश्मीर का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोग कश्मीर को अपना मानते हैं और कश्मीरी पूरे देश को अपना मानते हैं।
सिर्फ एक समस्या कश्मीर की नहीं सुलझ सकी
अमित शाह ने एक बार फिर कश्मीर और आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 और जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने हैदराबाद, जूनागढ़, लक्षद्वीप, जोधपुर जैसे रियासतों के विलय का उदाहरण देते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद सफलतापूर्वक इनका विलय कर लिया गया। सिर्फ एक समस्या कश्मीर की नहीं सुलझ सकी, क्योंकि इसे खुद जवाहरलाल नेहरू देख रहे थे।
विपक्षी सदस्यों को अपना चश्मा बदलने की सलाह दी
विपक्ष के शोर शराबे के बीच शाह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में मुद्दे को ले जाने और युद्ध विराम की घोषणा का जवाहरलाल नेहरू का फैसला गलत था। यदि तीन दिन और युद्ध विराम की घोषणा नहीं होती तो पाक अधिकृत कश्मीर भी तिरंगे के नीचे होता। शाह ने विपक्षी सदस्यों को अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में हालात नहीं बदलने के आरोपों को लेकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने पिछले चार वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में आई कमी और विकास और शांति का हवाला देते हुए विपक्षी सदस्यों को अपना चश्मा बदलने की सलाह दी।
विपक्ष के वाकआउट पर शाह ने कांग्रेस को ओबीसी विरोधी करार दिया
विधेयकों को पास कराने के पहले ही वाकआउट करने को लेकर अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस को ओबीसी विरोधी पार्टी बताते हुए कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में ओबीसी को हक दिलाने का विधेयक पास होने वाला है, तो वह यहां टिक नहीं सकती है। उन्होंने राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए कटाक्ष किया कि सिर्फ ओबीसी-ओबीसी करने से कुछ नहीं होता है। हकीकत यह है कि काका कालेलकर से मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने तक कांग्रेस ओबीसी वर्ग के खिलाफ रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाला यह संशोधन विधेयक अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मूल विधेयक का ही हिस्सा है। इसका विरोध असल में ओबीसी वर्ग का विरोध है।