रूस-यूक्रेन युद्ध में एक और भारतीय की मौत, धोखे से पुतिन की सेना में कराया गया था भर्ती

मास्को, एजेंसी : रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की सेना की ओर से सहायक के तौर पर लड़ रहे एक और भारतीय की मौत हो गई है। भारतीय दूतावास ने बुधवार को बताया कि उसके शव को स्वदेश भेजने का प्रयास किया जा रहा है। मृतक की शिनाख्त हैदराबाद निवासी मोहम्मद असफान (Mohammad Asfan) के रूप में हुई है। बता दें कि यूक्रेनी सेना के ड्रोन हमले में पिछले सप्ताह गुजरात के सूरत निवासी हेमिल मंगुकिया की मौत हो गई थी। वह भी रूसी सेना की ओर से जंग लड़ रहा था। बता दें कि कई भारतीयों को काम दिलाने का झांसा देकर रूस ले जाया गया है और वहां उन्हें रूस की ओर से युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया गया है।

शव को भारत लाने का प्रयास

 

भारतीय दूतावास ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हमें भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की मृत्यु के बारे में पता चला है। हम परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। हम उनके शव को भारत भेजने को प्रयासरत हैं। मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक रूसी सेना में सहायक के रूप में भर्ती किए गए कई भारतीयों को यूक्रेन से लगे रूस के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए मजबूर किया गया है।

20 भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए पूरी कोशिश

 

पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में कहा था कि अधिकारी रूसी सेना के सहायक कर्मचारी के रूप में काम कर रहे लगभग 20 भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा था कि हमारी जानकारी के अनुसार लगभग ऐसे 20 भारतीय हैं जो रूसी सेना में सहायक के रूप में काम करने के लिए वहां गए हैं। उधर, सूत्रों के अनुसार यूक्रेन के साथ जंग में रूस की ओर से करीब 100 भारतीय युवा लड़ रहे हैं। एजेंटों के गिरोह ने पैसों के लिए इन युवाओं के जीवन को खतरे में डाल दिया है।

 

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