Arvind Kejriwal: सुप्रीम कोर्ट ने ED से पूछा- लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को क्यों गिरफ्तार किया

नई दिल्ली, एजेंसी : Arvind Kejriwal: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाले के आरोप में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के दौरान गिरफ्तार किए जाने पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) से सवाल किया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है और ईडी को गिरफ्तारी के समय पर जवाब देना होगा। साथ ही गिरफ्तारी और जब्ती व उससे अरविंद केजरीवाल के संबंध पर भी अपना पक्ष रखने को कहा है। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए गिरफ्तारी को वैध ठहराया था। उसके बाद ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।

ईडी के वकील से पांच सवाल पूछे

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की ओर से बहस पूरी होने के बाद ईडी के वकील से पांच सवाल पूछे और कहा कि शुक्रवार को वे इन पर तैयारी के साथ बहस के लिए आएं। मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के वकील की ओर से दो घंटे बहस की गई। इस दौरान उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन गवाहियों और सामग्री को आधार बनाते हुए अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है, वह ईडी के पास पिछले नौ महीने से थी तो फिर इस समय गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी? सिंघवी ने जब उनके खिलाफ गवाही देने वाले दो गवाहों के राजनैतिक संबंध बताते हुए कहा कि एक टीडीपी पार्टी से चुनाव लड़ रहा है तो दूसरा भाजपा से लड़ रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इन दलों का गठबंधन बहुत बाद में हुआ है और इन दलीलों का यहां कोई मतलब नहीं है। सिंघवी की दलीलें पूरी होने के बाद पीठ ने आगे सुनवाई के लिए शुक्रवार की तिथि तय की और ईडी की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से पांच सवालों का जवाब देने को कहा है।

गिरफ्तारी और जब्ती का केजरीवाल के साथ संबंध बताना होगा

कोर्ट ने ईडी से पूछा कि बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के क्या आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है? कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के मामले में अभी तक जब्ती की कार्रवाई नहीं हुई है। अगर हुई भी है तो उसका केजरीवाल से क्या संबंध है। ईडी को गिरफ्तारी और जब्ती का केजरीवाल से संबंध बताना होगा। कोर्ट ने इस संबंध में विजय मदनलाल चौधरी और अन्य फैसलों में दिए गए फैसलों का उल्लेख किया और उसे देखते हुए जवाब देने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने ईडी से सवाल किया कि मनीष सिसोदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो भाग हैं एक पक्ष में और दूसरा जो पक्ष में नहीं है।

PMLA की धारा 19 की व्याख्या कैसे की जाए

इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि अरविंद केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है। कोर्ट ने ईडी से यह भी सवाल किया कि प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 19 की व्याख्या कैसे की जाए, क्योंकि अरविंद केजरीवाल का कहना है कि धारा 19 में अभियोजन पक्ष पर भारी जिम्मेदारी डाली गई है न कि आरोपित पर। अगर वह जमानत मांगने जाएंगे तो धारा 45 के तहत निर्दोष साबित करने की जिम्मेदारी उन पर आ जाएगी। कोर्ट ने ईडी से पूछा है कि ऐसी स्थिति में धारा 19 की व्याख्या क्या होगी? क्या कोर्ट धारा 19 में अभियोजन पर डाली गई जिम्मेदारी को भी उतना ही ऊंचे मानक का मानकर चलेगा, जितना व्यक्ति को दोषी मानने के लिए होता है। कोर्ट ने ईडी से चौथा सवाल कार्यवाही शुरू होने और गिरफ्तारी के बीच के अंतराल को लेकर पूछा है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अगर आप कानून को देखें तो 365 दिनों की सीमा है। पांचवां सवाल गिरफ्तारी के समय को लेकर था। कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है और आप इससे इन्कार नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल की ओर से चुनाव के दौरान गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाया गया है। ऐसे में ईडी गिरफ्तारी के समय पर भी जवाब दे। ईडी की ओर से पेश एएसजी राजू ने कोर्ट से कहा कि वह इन सब पर पक्ष रखेंगे।

 

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