Assebmly Election 2024: सपा और कांग्रेस में उत्तर प्रदेश को लेकर विवाद, हरियाणा में फंस रहा पेंच

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली समाजवादी पार्टी ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव तीन से पांच सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है। ये सीटें दक्षिण हरियाणा में हैं और यादव व मुस्लिम बाहुल्य हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरियाणा की इन सीटों पर दावेदारी जताते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से बातचीत की है।

अखिलेश यादव ने हरियाणा में की दावेदारी

अखिलेश यादव ने हरियाणा की इन सीटों पर दावेदारी इसी संदर्भ में की है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने कुछ सीटें मांगी है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने अभी अखिलेश यादव की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ आइएनडीआइए गठबंधन का हिस्सा है।

हरियाणा में राज्य सतर पर ऐसा कोई गठबंधन नहीं है। ऐसे में कांग्रेस राज्य में न तो आम आदमी पार्टी से कोई गठबंधन करेगी और न ही समाजवादी पार्टी को कोई सीट देने की चर्चा है।

हुड्डा ने कहा, सपा से राज्य में कोई गठबंधन नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा में कांग्रेस स्वयं के बूते विधानसभा चुनाव लड़ने में सक्षम है। राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में हैं। बाकी सभी दल वोट काटू दल हैं। इसलिए राज्य के विधानसभा चुनाव में किसी भी वोट काटू दल की कोई भूमिका अथवा जरूरत नहीं है।

हुड्डा ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि हमारा समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन है, लेकिन यह केंद्रीय स्तर का गठबंधन है, राज्य आधारित नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर हमारा बाकी कई दलों के साथ गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर ऐसी कोई चर्चा आज तक नहीं हुई है। इनेलो-बसपा गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने कहा कि लोकसभा के नतीजों ने साफ तौर पर दिखा दिया है कि वोट काटने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।

‘हरियाणा में सपा कमजोर तो यूपी में कांग्रेस भी मजबूत नहीं’

बता दें कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान नौ सीटों पर कांग्रेस और एक सीट कुरुक्षेत्र पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा था। कांग्रेस नौ सीटों में से पांच पर विजयी रही थी, जबकि आम आदमी पार्टी अपने हिस्से की लोकसभा सीट हार गई थी।

दूसरी तरफ, सपा के शीर्ष नेतृत्व ने कांग्रेस नेतृत्व को बता दिया है कि अगर हरियाणा में सपा कमजोर है तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस भी मजबूत नहीं है। उपचुनाव वाली जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, वर्ष 2022 के चुनाव में वहां कांग्रेस की हालत बेहद खराब रही थी। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में तीन से पांच सीटें मांगी हैं, तो समाजवादी पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में दावा ठोंका है।

हरियाणा में 11 सीटें यादव और सात सीटें मुस्लिम बाहुल्य

समाजवादी पार्टी का मानना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव और सात सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं। इनमें से सपा ने पांच सीटें चिह्नित की हैं, जिन पर चुनाव लड़ना चाहती है। सपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि अगर सपा का हरियाणा में दावा नहीं बनता है तो उस आधार पर उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भी कांग्रेस को दावा करने का अधिकार नहीं है।

हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को हमने अपनी बात बता दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीटों पर साझेदारी हरियाणा और महाराष्ट्र पर निर्भर करेगी। अगर इन दो राज्यों में सपा को हिस्सेदारी नहीं मिली तो उत्तर प्रदेश में भी सपा की ओर से कांग्रेस को कोई सीट दिए जाने की संभावना नहीं है।

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