Assembly Election Result 2023: कांग्रेस का जाति जनगणना कार्ड हुआ बुरी तरह फेल, भाजपा को मिला ओबीसी का साथ

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों के परिणाम आ गए हैं। इसमें भाजपा को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ को बंपर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में जीत हासिल कर सकी। इस दौरान कांग्रेस ने कई कार्ड आजमाए, वो नाकाम साबित हुए। चुनावी भाषणों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार जाति आधारित गणना कराने का जिक्र किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। उल्टा ओबीसी वर्ग भाजपा के पक्ष में लामबंद हो गया। उसने माना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही पिछड़ों के सबसे बड़े नेता हैं।

रैलियों में राहुल गांधी ने उठाया जाति आधारित गणना का मुद्दा

आपको बता दें कि बिहार में दो अक्टूबर को जाति गणना के नतीजों का औपचारिक ऐलान हुआ। ओबीसी की संख्या 1931 की जगणना के वक्त 52 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत होने का पता चलते ही कांग्रेस को खुद के लिए बड़ा मौका दिखा। ओबीसी वर्ग में भाजपा की पैठ की काट के लिए उसने राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना का राग छेड़ दिया। नौ अक्टूबर को जिस दिन विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान हुए, उसी दिन कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) में प्रस्ताव पास हुआ कि अगर हम केंद्र सरकार में आए तो राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना           ( Caste Census ) कराएंगे। चुनावी रैलियों में कांग्रेस के नेता खासकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जाति गणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाने लगे। ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ का नारा बुलंद करने लगे। चुनाव वाले इन चारों राज्यों में ओबीसी आबादी करीब 40 प्रतिशत होने का अनुमान है।

पीएम ने सनातन के अपमान का मुद्दा उठाया

कांग्रेस के इस दांव के जवाब में प्रधानमंत्री और भाजपा ने इस विपक्ष की बांटने वाली मानसिकता करार दिया। इस दौरान पीएम ने देश में सिर्फ चार जातियों के होने की बात कही- गरीब, युवा, महिलाएं और किसान। उन्होंने कहा कि इन जातियों को उबारे बिना देश सशक्त नहीं होगा। कांग्रेस के कार्ड की काट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चुनावी रैलियों में सनातन के अपमान का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A.) में शामिल डीएमके (DMK) और आरजेडी (RJD) जैसी पार्टियों के कई नेताओं के बार-बार सनातन विरोधी बयान का मुद्दा उठाकर कांग्रेस के जाति कार्ड को भोथरा करने की कोशिश की। नतीजे इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस का जाति जनगणना कार्ड ( Caste Census ) बुरी तरह फेल हुआ है। उसे उम्मीद थी कि इसके जरिए वह भाजपा के ओबीसी वोट बैंक (OBC Votebank) में सेंध लगा सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। केंद्र की तरफ से चुनाव के ऐलान से महज एक महीने पहले कारीगर ओबीसी जातियों के लिए विश्वकर्मा योजना को लॉन्च करने का भी भाजपा को फायदा मिला।

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