Jaunpur News: इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या में डाक्टर और नर्स बनकर पुलिस ने मां-बेटे को दबोचा, ऐसे पकड़ी गई पत्नी निकिता

जौनपुर/ प्रयागराज/ गुरुग्राम ,  बीएनएम न्यूजः एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में फरार चल रहे चार में से तीन आरोपियों को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से, सास निशा और साला अनुराग को प्रयागराज से दबोचा गया। एक अन्य आरोपी चचेरा ससुर सुशील सिंघानिया अब भी गिरफ्त से दूर है।

अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में वांछित सास निशा और उसके बेटे अनुराग सिंघानिया को पुलिस ने डाक्टर व नर्स बनकर गिरफ्तार किया। बेंगलुरु पुलिस ने रणनीति के तहत उसी होटल में दो कमरे बुक करवाए थे, जहां मां-बेटे ठहरे हुए थे। रातभर उनकी गतिविधि पर नजर रखने के बाद सुबह दबोचा और फिर वाराणसी के रास्ते फ्लाइट से बेंगलुरु पहुंची।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि 11 दिसंबर की रात अतुल सुभाष की सास और साला जौनपुर स्थित घर में ताला लगाकर भाग निकले थे। इसके बाद दोनों झूंसी थाना क्षेत्र में स्थित एक होटल पहुंचे और प्रथम फ्लोर पर एक कमरा लेकर ठहर गए।

इसी बीच जौनपुर से लेकर अन्य स्थानों पर तलाश में जुटी पुलिस को सटीक जानकारी मिली। तब 13 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस की एक महिला व एक पुरुष पुलिसकर्मी होटल पहुंचे। उन्होंने खुद को डाक्टर व नर्स बताते हुए अलग-अलग कमरे बुक किए। रात में मां-बेटे की गतिविधि पर नजर रखी गई और शनिवार सुबह पुलिस टीम आरोपितों के कमरे में दाखिल हो गई।

वाराणसी से फ्लाइट पकड़कर बेंगलुरु पहुंचे

करीब दो घंटे तक पूछताछ के बाद पुलिस टीम कैब के माध्यम से आरोपितों को लेकर वाराणसी के लिए निकल गई। रास्ते में पुलिस टीम के बाकी सदस्य भी मिले और फिर सभी लोग वाराणसी से फ्लाइट पकड़कर बेंगलुरु पहुंच गए। यह भी बताया गया है कि आरोपितों की ओर से 12 दिसंबर को हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी, जिसका सुराग पुलिस को मिला और फिर लोकेशन ट्रेस करते हुए कार्रवाई की। यह भी बताया गया है कि होटल बेंगलुरु के ही एक कारोबारी का है।

पीजी बदलने से पहले पकड़ी गई निकिता

निकिता को बेंगलुरु पुलिस ने शनिवार को गुरुग्राम से पकड़ा। निकिता सेक्टर-57 के एक पीजी में किराये पर रह रही थी। निकिता को मोबाइल लोकेशन के आधार पर पकड़ा है। पुलिस को पता चला कि आईटी कंपनी में वरिष्ठ एआई इंजीनियरिंग सलाहकार के पद पर कार्यरत निकिता सेक्टर-57 में काफी समय से रह रही थी।

बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम में ठिकाना बदलने से पहले दबोच लिया। दरअसल, वह 8 दिसंबर को ही पीजी बदलना चाह रही थी। इसके लिए उसने पीजी संचालक को किराये के कुछ पैसे और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए अपने कागजात जमा करा दिए थे। उसे 9 या 10 दिसंबर को शिफ्ट होने के लिए कहा गया था। इस बीच 9 दिसंबर को ही अतुल सुभाष ने खुदकुशी कर ली और वह दूसरे पीजी में शिफ्ट नहीं हो सकी।

40 हजार किराए वाले पीजी में रहना चाहती थी निकिता

8 दिसंबर को वह हांगकांग बाजार के समीप एक लग्जरी पीजी में पहुंची। पीजी के केयर टेकर सूरज ने बताया कि निकिता को रहने के लिए एक कमरा चाहिए था। निकिता जिस पीजी में रहना चाहती थी उसका किराया करीब 40 हजार रुपये था। एक महीने के किराये के साथ एक महीने की सुरक्षा राशि भी जमा करवाई जाती है।

निकिता ने ऑनलाइन कुछ राशि जमा करा दी थी।  पुलिस वेरिफिकेशन के लिए उसने अपने दस्तावेज भी जमा करवा दिए थे। 9 दिसंबर को ही सूरज ने निकिता के कागजात को वेरीफिकेशन के लिए पुलिस के पास भेज दिया था।

पुलिस वेरिफिकेशन के लिए किया था आवेदन

कयास लगाए जा रहे हैं कि निकिता सिंघानिया की पुलिस वेरिफिकेशन का आवेदन आने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने बेंगलुरु पुलिस को पीजी में शिफ्ट होने के बारे में सूचित किया। यह भी बताया जा रहा है कि गेस्ट हाउस में ऑनलाइन भुगतान होने के बाद बेंगलुरु पुलिस पीजी के आसपास घात लगाकर बैठी थी।

पुलिस ने हांगकांग बाजार के पास से उसे धर दबोचा। पीजी के केयर टेकर सूरज ने बताया कि उनके पीजी के अंदर से निकिता को गिरफ्तार नहीं किया गया।

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