Ayodhya News: अयोध्या से क्यों हारी भाजपा, अखिलेश यादव ने बताई सच्चाई

अयोध्या, बीएनएम न्यूजः लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद केंद्र में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। मोदी के सत्ता में आने से पहले अब कई सीटों पर भाजपा की हार को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इन्हीं सीटों में से एक सीट है फैजाबाद (अयोध्या) की। अयोध्या सीट भाजपा क्यों हारी? अब अखिलेश यादव ने सच्चाई बताई है।

आपको बता दें कि फैजाबाद लोकसभा सीट के तहत ही अयोध्या शहर आता है। वही अयोध्या जहां राम मंदिर का निर्माण कराने के साथ भाजपा को उम्मीद थी कि वह इस बार इस सीट पर बडे़ अंतर से जीत दर्ज करेगी। पर ऐसा हुआ नहीं। इस सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश  प्रसाद ने भाजपा के उस समय के मौजूदा सांसद लल्लू सिंह को हराया है।

पांच विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर भाजपा की हार

सोशल मीडिया पर अब इस हार को लेकर तरह-तरह के कटाक्ष किए जा रहे हैं। अब ऐसे में भाजपा के अंदर ये एक बड़ी बहस बनती दिख रही है कि आखिर राम की नगरी में पार्टी को हार मिली कैसे। खासकर तब जब चुनाव से पहले राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर भाजपा ने देश भर में अभियान भी चलाया था। आपको बता दें कि भाजपा को फैजाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर हार का सामना करना पड़ा है।

अखिलेश यादव ने कहा, गरीबों की जमीन छिनी गई

फैजाबाद (अयोध्या) से समाजवादी पार्टी की जीत और भाजपा की हार पर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई तो ये है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और भी ज्यादा सीटें हारती। मैं अयोध्या की जनता को धन्यवाद देता हूं। अयोध्या का दर्द तो आपने समय-समय पर देखा ही होगा।

अयोध्या के लोगों की जमीन का पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया, उनके साथ अन्याय किया गया, उनकी जमीन बाजार मूल्य के बराबर नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अयोध्या के लोगों पर  झूठे मुकदमे लगाकर उनकी ज़मीन जबरन छीन ली। एक पवित्र चीज के लिए गरीबों को उजाड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि 100-100 साल से रह रहे लोगों को अयोध्या से उजाड़ा गया, इसलिए लोगों ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया।

समाजवादी पार्टी ने खेला बड़ा ‘दाव’

फैजाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के हार के पीछे समाजवादी की रणनीति को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने अपनी पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) रणनीति को इस सीट पर भी मूर्तरूप दिया, यही वजह थी पार्टी ने अवधेश प्रसाद को यहां से टिकट दिया। अवधेश प्रसाद अनुसूचित जाति के पासी समुदाय से आते हैं। अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को 55 हजार वोट से हराया है। इस परिणाम में लल्लू सिंह के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का होना भी एक बड़ा फैक्टर साबित हुआ है।

इस ‘विकास’ से खुश नहीं थे स्थानीय लोग

अयोध्या में जिस तरह से विकास कार्य किए गए उसे लेकर भले देश-दुनिया में ये छवि बनी हो कि राम की नगरी में जो आज तक नहीं हुआ वो अब हो रहा है। लेकिन अगर आप अयोध्या में रहने वाले स्थानीय लोगों से पूछेंगे तो आपको जवाब कुछ और मिलेगा। दरअसल, स्थानीय लोग ये तो मानते हैं कि विकास हुआ है लेकिन इस विकास के लिए उन्हें रोजाना जो कीमत चुकानी पड़ रही है, वो उन्हें शायद बर्दास्त नहीं था।

स्थानीय लोगों के अनुसार राम मंदिर के बनने के बाद पूरे अयोध्या शहर में जिस तरह से जगह-जगह पर बैरिकेडिंग, पुलिस बंदोबस्त, रूट डायवर्जन और वीआईपी कल्चर से काफी परेशान दिखे।
फैजाबाद में भूमि सबसे कीमती संपत्ति बनने के साथ, स्थानीय प्रशासन और विकास प्राधिकरण शहर में संपत्ति लेनदेन को विनियमित कर रहे हैं और आगे के विस्तार के लिए बाहरी इलाके में कृषि भूमि के अधिग्रहण को अधिसूचित कर रहे हैं। इन तमाम चीजों से स्थानीय लोग ज्यादा खुश नहीं दिखे। भाजपा की स्थानीय इकाई को इस बात भनक भी पहले लग चुकी थी।

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