Ayodhya Ram Mandir: भक्ति के रंग में रंगी अयोध्या को बस मंदिर में रामलला के दीदार का इंतजार, पर्यटकों की बढ़ी भारी संख्या

अयोध्या, BNM News। Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राजा, भारत है आपका। महज 25 दिन और, महलों में आइए-स्वागत है आपका। इस आह्वान के साथ अपने राम, राजा राम के स्वागत को अयोध्या भक्ति के नए रंग में रंग गई है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव को अभूतपूर्व बनाने के साथ ही अयोध्यावासी अपने घर-आंगन को सजाएंगे। वहीं युवा हों या प्रौढ़, हिल स्टेशनों से अधिक अब राम की अयोध्या में मन रच बस रहा है। यही कारण है कि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। अयोध्या में पहुंचे विदेशी पर्यटक भी कह रहे हैं- अयोध्या के बारे में खूब सुना-पढ़ा पर मोदी-योगी के राज में नव्य अयोध्या की अनुभूति ही हमें अलग प्रतीत हो रही है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। सीएम योगी के नेतृत्व में बदली अयोध्या में पर्यटकों पर राम का रंग चढ़ गया है।

अयोध्यावासियों के सिर चढ़कर बोल रहा ‘अपनत्व’ का रंग

यह अयोध्या है। अपने राम की अयोध्या। अपने ही घर में राम 500 वर्षों बाद जब भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह पल अविस्मरणीय, अकल्पनीय होगा। इस पल के सारथी बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास की नई गंगा बहाने 30 दिसंबर को रामनगरी में होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यहां 30 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं एक साथ चल रही हैं। 30 दिसंबर के कुछ घंटों बाद साल भले ही बदल रहा हो, लेकिन नए साल के पहले अयोध्या को मिलने वाला हजारों करोड़ों का नया उपहार फिर इसकी दशा-दिशा को और मजबूत करेगा। लिहाजा, पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रति अयोध्यावासियों पर ‘अपनत्व’ का नया रंग सिर चढ़कर बोल रहा है।

मानों त्रेता सी लगने लगी अपनी अयोध्या

रामपथ पर जहां तक नजर गई, एक ही रंग में रंगी अयोध्या मानों त्रेता सी लगने लगी। अयोध्या पौराणिक दृष्टिकोण से समृद्ध तो है है, लेकिन कॉमन बिल्डिंग कोड के जरिए एक रंग में नजर आने वाली अयोध्या की सुंदरता रामनगरी को भौतिक रूप से भी भव्य बना रही है। भक्तिपथ हो, धर्मपथ या जन्मभूमि पथ, यहां अलग-अलग रंग में अयोध्या अलग-अलग रूप में निखरी नजर आ रही है, लेकिन इन सब पर चढ़ा सबसे बड़ा रंग है राम का। पूरी अयोध्या राम के रंग में रंगी है।

राजमार्ग पर लगीं मूर्तियां बता रहीं पौराणिकता

लखनऊ-अयोध्या-गोरखपुर हाइवे पर लगीं मूर्तियां अयोध्या की पौराणिकता बयां कर रही हैं। सहादतगंज से लेकर रामघाट तक भगवान राम के बाल स्वरूप से लेकर वनवास और राजा राम तक के विभिन्न रूपों की मूर्तियां विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। रामायण के प्रसंगों से सजी अनेक मूर्तियां त्रेता की परिकल्पना को साकार करती दिख रही हैं। हैदराबाद से आईं जसप्रीत कौर सेखों बताती हैं कि मूर्तियां तो अनेक शहरों और जिलों में लगी हैं, लेकिन यहां लगीं मूर्तियों को देखकर आध्यात्मिक रूप से अलग ही अनुभूति हो रही है।

राम मंदिर निर्माण से पहले ही पर्यटकों की बढ़ी संख्या

दीपोत्सव हो या भव्य राम मंदिर से पहले ही अयोध्या का दीदार, यहां पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। यदि यह कहें कि यहां के पर्यटन में कई गुना वृद्धि हुई तो यह अतिश्योक्ति न होगी। धार्मिक, आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अयोध्या के साथ ही उत्तर प्रदेश में घरेलू व विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई। पिछले वर्ष घरेलू व विदेशी पर्यटकों की कुल संख्या मिलाएं तो यह आंकड़ा दो करोड़ 21 लाख से अधिक का रहा। हर सनातनी की आस्था के केंद्र अयोध्या में अभी कई गुना पर्यटकों के बढ़ने की संभावना है।

 

अयोध्या व आसपास के लोगों को उपलब्ध कराए रोजगार के नए-नए अवसर

22 जनवरी 2024 को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे। आध्यात्मिक रूप से तो अयोध्या का गौरव पुनः लौट आया, लेकिन इन सबके बीच योगी सरकार ने जरूरतमंद हाथों को रोजगार भी दिया। छोटे से छोटे कामों के जरिए योगी सरकार रोजगार के अवसर भी मुहैया करा रही है। राम मंदिर निर्माण हो या विभिन्न पथों पर कार्य, आसपास के युवाओं को रोजगार मिला। फूड कोर्ट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि के जरिए भी रोजगार के नए अवसर सृजित हुए।

 

You may have missed