Ayodhya Ram Mandir: राम लला के गर्भगृह से आई नई तस्वीर, नई मूर्ति कैसे पहुंची और क्या है खासियत ?
अयोध्या, BNM News। Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या मे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अरणी मंथन से चौथे दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया है। इस बीच गर्भगृह से रामलला की नई तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। रामलला की इस मूर्ति में एक हाथ में धनुष और दूसरे हाथ में बाण धारण किए हैं। शुक्रवार सुबह नौ बजे अरणी मंथन से अग्नि प्रकट के साथ चौथे दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया है। शुक्रवार से यज्ञ मंडप में हवन की प्रक्रिया भी शुरू होगी। वेद मित्रों से आहुतियां डाली जाएंगी। इसके पहले गणपति आदि देवताओं का पूजन किया गया। इस क्रम में द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, कुंडपूजन, केसराधिवास, औषधाधिवास, घृताधिवास और पञ्चभूसंस्कार होगा।
आज सामने आई पूर्ण तस्वीर
गुरुवार देर रात जो तस्वीर सामने आई थी, उसमें भगवान का चेहरा ढककर रखा गया था। शुक्रवार को मूर्ति की जो नई तस्वीर सामने आई है, उसमें भगवान के नयन ही बंद नजर आ रहे हैं। इसके बाद एक तीसरी पूर्ण फोटो सामने आई है। इस बीच रामलला के अचल विग्रह, गर्भगृह स्थल और यज्ञमंडप का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया। पूजन के क्रम में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का जलाधिवास व गंधाधिवास हुआ।
मंदिर में रामलला की अचल मूर्ति बुधवार को पहुंची थी
अयोध्या बुधवार को भक्ति में डूबती जा रही। इस दौरान रामभक्तों का उल्लास बढ़ता जा रहा है। बुधवार को रामलला की अचल मूर्ति मंदिर में परिसर में पहुंची। यह वही रामलला हैं, जो 23 जनवरी से नए मंदिर में देश-दुनिया के भक्तों को दर्शन देंगे। इस मूर्ति की एक झलक पाने को लेकर अयोध्यावासी दिनभर उत्साहित रहे। अब जैसे-जैसे मूर्ति की तस्वीरें गर्भगृह से सामने आ रही हैं, वैसे-वैसे भक्तों में दर्शन की लालसा बढ़ रही है।
मूर्ति की विशेषताएं
गर्भगृह में रखी गई मूर्ति में कई खूबियां हैं। श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है। यह जल रोधी होती है। चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी। पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है। चयनित मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है। मूर्ति के ऊपर मुकुट और आभामंडल होगा। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी- बड़ी और ललाट भव्य है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष होगा। मूर्ति में 5 साल के बच्चे की कोमलता झलकेगी।
अचल मूर्ति को नहीं कराया गया परिसर भ्रमण
रामलला की मूर्ति को राममंदिर परिसर का भ्रमण कराया गया है। पहले रामलला की अचल मूर्ति को राम जन्मभूमि परिसर में भ्रमण कराने की योजना थी, लेकिन मूर्ति का वजन अधिक होने और सुरक्षा कारणों से इसे निरस्त कर दिया गया था। परिसर भ्रमण की रस्म रामलला की छोटी रजत प्रतिमा को लेकर पूरी कराई गई।