Ayodhya Ram Mandir Update: गर्भगृह में आसन पर आज बिराजेंगे रामलला, प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का तीसरा दिन
अयोध्या, BNM News: Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का गुरुवार को तीसरा दिन है। अयोध्या जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गर्भगृह में श्रीराम यंत्र स्थापित कर दिया गया है। आज 12:45 से विग्रह को गर्भगृह के चबूतरे पर रखने का पूजन शुरू होगा। उसके बाद रामलाल की प्रतिमा आज रख दी जाएगी। इससे पहले 17 जनवरी को गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया था। इस दौरान मूर्ति को परिसर भ्रमण कराना था, लेकिन भारी होने के कारण इसकी जगह रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई। अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे।
देर रात मंदिर में लायी गई मूर्ति
रामलला की मूर्ति को बुधवार देर रात ट्रक से मंदिर के गर्भगृह के पास लाया गया। यह फोटो उसी समय की है। इसमें राम के सिर का कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा है। रामलला की अचल मूर्ति बुधवार की देर शाम विवेक सृष्टि परिसर से भारी सुरक्षा में राम जन्मभूमि परिसर पहुंचाई गई। अचल मूर्ति को बंद ट्रक में विराजमान कर ले जाया गया। इस दौरान सुरक्षा में पीएसी के दो सौ जवान, एटीएस की टीम व अन्य पुलिस अधिकारी शामिल रहे। विवेक सृष्टि से धर्मपथ, लता चौक, मुख्य मार्ग होते हुए क्राॅसिंग 11 से अचल मूर्ति को परिसर में पहुंचाई गई। जहां अचल मूर्ति को भारी सुरक्षा में रखा जाएगा। अचल मूर्ति को सोने के सिंहासन पर विराजित किया जाएगा। गर्भगृह में सिंहासन बनकर तैयार है।
22 जनवरी को 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा
चंपत राय ने बताया, 22 जनवरी को न्यूनतम विधियों की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में दिन के 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान आरंभ होगा। यह पूजा करीब 40 मिनट तक चलेगी। इसके बाद करीब 75 मिनट पीएम मोदी, सीएम योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत संदेश देंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे। समारोह के लिए अतिथियों को 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना होगा। मंदिर परिसर में आठ हजार कुर्सियां लगाई जा रही हैं। महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के 25 वाद्य यंत्रों से रामलला का अभिनंदन किया जाएगा। राय ने बताया, प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है और वाराणसी के आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपूर्ण कर्मकांड विधि संपन्न कराएंगे। महोत्सव में 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य व 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी व जनजातीय लोगों की उपस्थिति होगी। मंदिर निर्माण से जुड़े 500 से अधिक लोग (इंजीनियर ग्रुप) भी शामिल होंगे।