Ayodhya Ram Mandir: 3 मंजिला…मुख्य गर्भगृह; 20 प्वाइंट में समझें कितना भव्य होगा राम मंदिर
अयोध्या, BNM News। Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के भव्य राम मंदिर की श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विशेषताएं गिनाई हैं। ट्रस्ट ने बताया है कि मंदिर परिसर के सभी क्षेत्रों से लेकर भगवान श्रीराम के गर्भगृह तक की भव्यता रहेगी। 3 मंजिला राम मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है। मुख्य गर्भगृह में श्रीराम लला की मूर्ति है और पहली मंजिल पर श्रीराम दरबार होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, राम मंदिर में 5 मंडप (हॉल) होंगे। इसमें सभा मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप।
रैंप और लिफ्ट की भी व्यवस्था
32 सीढ़ियां चढ़कर श्रद्धालु सिंहद्वार से प्रवेश कर सकेंगे। देवताओं, देवी-देवताओं की मूर्तियां मंदिर के स्तंभों और दीवारों को सुशोभित करती हैं। मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा रहेगा। उसमें दिव्यांग और बुजुर्ग तीर्थयात्री के लिए भी विशेष सुविधाएं रहेंगी। इसमें रैंप और लिफ्ट की भी व्यवस्था है।
25,000 लोगों की क्षमता वाला तीर्थयात्री सुविधा केंद्र
मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। इसके अलावा, 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है। यह तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा। आइये जानते हैं मंदिर की खासियत के बारे में
1. मंदिर का पारंपरिक नागर शैली में निर्माण हो रहा है।
2. मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे हैं। 44 दरवाजे हैं।
3. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है।
4. मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीराम का बचपन का स्वरूप (श्रीराम लला की मूर्ति) है, जबकि पहली मंजिल पर श्रीराम का दरबार होगा।
5. पांच मंडप (हॉल) – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप।
6. राम मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से है, सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर प्रवेश होगा।
7. देवी-देवताओं, देवी-देवताओं की मूर्तियां खंभों और दीवारों पर उकेरी गईं हैं।
8. मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा होगा। इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट है।
9. दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था होगी।
10. राम मंदिर परिसर के चारों कोनों पर 4 मंदिर होंगे। इनमें भगवान शिव सूर्य देव, गणेश भगवान और देवी भगवती को समर्पित होंगे। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर, जबकि दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है।
11. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है।
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, माता शबरी और देवी अहिल्या को समर्पित रहेंगे।
13. मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में कुबेर टीला पर जटायु की स्थापना के साथ-साथ भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।
14. मंदिर को जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का इस्तेमाल कर 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है।
15. मंदिर में कहीं भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
16. मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है।
17. मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है।
18. 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है, यह तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा।
19.परिसर में वॉशबेसिन, स्नान क्षेत्र, वॉशरूम, खुले नल आदि के साथ एक अलग ब्लॉक भी होगा।
20. मंदिर का निर्माण भारत की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक का उपयोग कर किया जा रहा है। इसका निर्माण पर्यावरण-जल संरक्षण पर जोर देते हुए किया जा रहा है और 70 एकड़ क्षेत्र के 70% हिस्से को हरा-भरा रखा गया है।