Ayodhya Ram Mandir Prana Pratishtha: गर्भगृह में विराजे प्रभु राम की पहली तस्वीर आई सामने, आज अरणी मंथन से प्रकट होगी अग्नि
अयोध्या, BNM News: Ayodhya Ram Mandir Ramlalla Pran Pratishtha : अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हुए रामलला प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान का शुक्रवार को चौथा दिन है। 22 जनवरी को होने वाले मुख्य अनुष्ठान से पहले रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो चुके हैं। उन्हें गर्भगृह के आसन पर विराजमान किया गया है। घर बैठकर आप भी अपने आराध्य का दर्शन कर सकते हैं। अभी रामलला के मुख पर पट्टी बंधी है। अब देशभर के भक्तों को उस पल का इंतजार है, जब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी और उन्हें भगवान राम के दर्शन होंगे। रामलला की मूर्ति 51 इंच लंबी है और इसका वजन 1.5 टन है। मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है, जो कमल के आसन पर विराजमान हैं।
अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति स्थापित
यह पल उन तमाम श्रमिकों के लिए खास था, जब गर्भगृह में रामलला पहुंचे। मंदिर निर्माण में जुटे श्रमिक हाथ जोड़कर बड़े श्रद्धाभाव से अपने प्रभु को निहारते नजर आए। इस प्रतिमा को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने श्यामशिला से तैयार किया है। अरुण एक ऐसे मूर्तिकार हैं, जिनकी पीएम मोदी खुद सराहना कर चुके हैं। उनके पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार थे। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।
आज क्या-क्या अनुष्ठा होंगे?
आज शुक्रवार, 19 जनवरी को सुबह 9 बजे अरणी मंथन से अग्नि प्रकट की जाएगी। इससे पहले भगवान गणेश एवं अन्य स्थापित देवताओं की पूजा होगी। द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुंड पूजन, पञ्चभूसंस्कार होगा। अरणी मंथन के जरिए प्रकट अग्नि को कुंड में स्थापित किया जाएगा। अन्य गृह, नक्षत्र, देवताओं के पूजन भी विधि विधान से किए जाएंगे। उधर, गुरुवार को वैदिक ब्राह्मणों और आचार्यों ने श्री राम मंदिर के अंदर पूजा कराई। राम मंदिर में हुई पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान 16 जनवरी को शुरू हुए।
पुरानी मूर्ति के दर्शन का आज आखिरी दिन
75 साल से जिस रामलला की मुख्य मूर्ति के तौर पर पूजा हो रही थी आज उनकी पूजा का आखिरी दिन है। आज के बाद से राम मंदिर परिसर में स्थित उनकी मूर्ति के दर्शन बंद हो जाएंगे। अब यह ‘चल मूर्ति’ के तौर पर मुख्य गर्भ गृह में रखी जाएगी। रामलला की यह मूर्ति 1949 में तत्कालीन बाबरी मस्जिद में रखी गई थी और 1990 में विध्वंस के बाद हटाई गई और फिर दोबारा टेंट में स्थापित की गई थी। इसी मूर्ति को रामलला विराजमान कहा गया और उन्होंने खुद अपनी कानूनी लड़ाई भी लड़ी और उसमें जीत भी हासिल की।
आज अयोध्या दौरे पर सीएम योगी
अयोध्या के लिए आस्था स्पेशल ट्रेन
रामलला के दर्शन को सुलभ बनाने के लिए रेलवे भी तैयारियों में जुटा है। उत्तर रेलवे ने अयोध्या के लिए अलग-अलग जगहों से 20 आस्था स्पेशल ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को दिया है। इनमें आठ ट्रेनों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। पहली ट्रेन 25 जनवरी को देहरादून से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगी, जबकि दिल्ली से आठ फरवरी को पहली आस्था स्पेशल ट्रेन चलेगी। अधिकारियों का कहना है कि अभी आठ ट्रेनों का शेड्यूल जारी किया गया है। शेष 12 ट्रेनों का शेड्यूल भी जल्द जारी होगा। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ये ट्रेनें किसी संगठन, संस्था या किसी पार्टी के नेतृत्व में ही बुक कराई जा सकती है। जिसमें लोग सामूहिक यात्रा करेगें। यानी पूरी ट्रेन बुक कराई जाएगी।