Bhai Dooj 2024: भाई दूज आज, जानिए तिलक का महत्व, शुभ मुहूर्त और नियम
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Bhai Dooj 2024: कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यम द्वितीया या भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे यमराज से मुक्ति का पर्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत कल 02 नवंबर, 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर हो चुकी है।
वहीं, इस तिथि का समापन 03 नवंबर, 2024 को होगा। पंचांग के आधार पर इस साल भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर पधारे थे और उन्होंने अपनी बहन के प्रेम से प्रसन्न होकर यह वरदान दिया कि इस दिन जो बहन अपने भाई को प्रेमपूर्वक भोजन करवाकर तिलक लगाएगी , उसके भाई को यमराज का भय नहीं रहेगा। इस प्रकार यम द्वितीया भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा और सौहार्द का प्रतीक है।
कब है भाई दूज 2024?
कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर को रात 8:22 बजे हो जाएगा और कार्तिक द्वितीया तिथि 3 नवंबर को रात में 10:06 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 3 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह में 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। इसलिए भाई दूज के दिन पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त 11:45 मिनट तक रहेगा।
भाई दूज तिलक मुहूर्त
इस साल भाई दूज पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 3 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 12 मिनट की है।
थाली में जरूर रखें ये चीजें
भाई दूज के लिए थाली तैयार करते समय सबसे पहले उसमें तिलक करने के लिए रोली ,चंदन,अक्षत यानी चावल भी थाली में जरूर रखें। लाल कलावा, सुपारी, भगवान गणेश का प्रतीक है, एक चांदी का सिक्का रखें। तिलक की थाली में आप भाई को तिलक के बाद पहनाने वाली फूल माला भी जरूर रखें। साथ ही मिठाई भी थाली में रखें। इस थाली में केला जरूर रखें। इसे खिलाने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।
तिलक करने का महत्व
तिलक हिंदू धर्म में शुभता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। तिलक माथे पर लगाया जाता है, जो हमारे शरीर का महत्वपूर्ण स्थान है, इसे आज्ञा चक्र भी कहते हैं। इसे दिव्य ऊर्जा का केंद्र माना जाता है, जो व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है। यम द्वितीया पर तिलक लगाने से भाई को नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है और उसकी आयु में वृद्धि होती है।
भाई दूज पर करें मंत्र का जाप
भाई दूज पर भाई को तिलक करते समय विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए। चौक पर बैठाने के बाद भाई के हाथों पर चावल का घोर लगाकर फूल, पान, सुपारी रखें। इसके उपरांत जल छोड़ते हुए मंत्र का जाप करें… ‘गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़े फूले फलें। ’
भाई दूज तिलक विधि
- भाई दूज के दिन सुबह ही स्नान कर लें और साफ वस्त्रों को धारण करें।
- फिर एक थाली को तैयार कर लें।
- थाली में रोली, अक्षत और गोला रखें।
- इसके बाद भगवान गणेश का नाम लेते हुए पूजा करें।
- अब भाई का तिलक करें और नारियल का गोला भाई को दें।
- फिर भाई को मिठाई खिलाएं और आरती करें।
- भाई को भोजन करवाएं।
- उसके बाद भाई अपनी बहन से आशीर्वाद लें और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ उपहार दें।
तिलक करने के नियम
1. तिलक का समय: भाई दूज का तिलक शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। आमतौर पर यह तिलक सुबह या दोपहर के समय किया जाता है। शुभ मुहूर्त का चयन कर भाई को तिलक करने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है।
2. तिलक के लिए सामग्री: तिलक के लिए हल्दी, चंदन, कुमकुम और अक्षत (चावल) का प्रयोग किया जाता है। चंदन शांति और मानसिक संतुलन का प्रतीक है, हल्दी शुभता और स्वास्थ्य का प्रतीक मानी जाती है, जबकि अक्षत अखंडता और संपूर्णता का प्रतीक होता है।
3. तिलक के बाद आरती: तिलक करने के बाद बहनें भाई की आरती उतारती हैं और भगवान से उसकी रक्षा और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं। आरती के लिए दीपक, कपूर, और फूलों का उपयोग किया जाता है। आरती के समय बहनें भाई के चारों ओर घुमाकर उसे बुरी नजर से बचाने का प्रयास करती हैं।
4. भोजन और मिठाई का महत्व: तिलक और आरती के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं और भोजन करवाती हैं। यह भी यमराज के वरदान का हिस्सा है। बहन द्वारा दिए गए भोजन को ग्रहण करने से भाई के जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है।
5. भाई की रक्षा की कामना करेंः तिलक के दौरान भगवान यमराज और यमुनाजी का ध्यान करें और उनसे भाई की रक्षा की कामना करें।
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