यात्रा को गुवाहाटी में प्रवेश की नहीं मिली अनुमति, झड़प में कई नेता घायल; राहुल गांधी व अन्य के खिलाफ एफआइआर

फोटो- असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी और भूपेन बोरा।

 

गुवाहाटी, एजेंसी: राहुल गांधी की अगुआई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को मंगलवार को गुवाहाटी में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, बैरिकेड तोड़ दिए और नारेबाजी की। बाद में राहुल ने शहर के बाहरी इलाके में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने बैरिकेड तोड़े हैं, लेकिन हम कानून नहीं तोड़ेंगे।’ मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भीड़ को उकसाने के लिए राहुल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।
सोमवार को मेघालय में प्रवेश करने के बाद यात्रा मंगलवार सुबह फिर असम लौटी, जो गुरुवार तक प्रदेश में रहेगी। यात्रा में हिस्सा ले रहे कांग्रेस नेताओं और समर्थकों को गुवाहाटी शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाए थे।

झड़प में भूपेन बोरा और देबब्रत सैकिया घायल हो गए

 

कांग्रेस समर्थकों ने शहर में घुसने की कोशिश की और बैरिकेड्स तोड़ दिए। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया घायल हो गए। अपनी बस की छत से समर्थकों को संबोधित करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी यही रास्ता चुना था, लेकिन उन्हें (राहुल को) यहां यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई। राहुल ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को ‘बब्बर शेर’ बताते हुए कहा, ‘आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कमजोर हैं। हमने बैरिकेड तोड़े हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में मेरा कार्यक्रम रद कर दिया, लेकिन विद्यार्थियों ने मुझे विश्वविद्यालय के बाहर सुना। कांग्रेस कार्यकर्ता किसी से नहीं डरते। हम जल्द ही असम में भाजपा को हराएंगे और कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।’

असम पुलिस की सराहना की

 

राहुल ने अच्छा काम करने के लिए पुलिस की सराहना भी की। उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि पुलिस अधिकारियों ने अच्छा काम किया और आदेशों का पालन किया। एक व्यक्ति आया और बस (यात्रा की) के आगे लेट गया। हम आपके विरुद्ध नहीं हैं। हम उस मुख्यमंत्री के विरुद्ध हैं, जो सबसे भ्रष्ट है। हमारी लड़ाई उनसे है।’ राहुल ने कहा कि पुलिसकर्मी भी उनके भाषण पर तालियां बजा रहे थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। बाद में राहुल गांधी रिंग रोड पर निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ गए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था कि ट्रैफिक जाम से बचने के लिए यात्रा को शहर की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कांग्रेस नेता के वीडियो को साक्ष्य बनाया गया

 

युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बैरिकेड तोड़ते हुए दिखाया गया था। जवाब में मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा कि इस वीडियो को साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस महानिदेशक (जीपी सिंह) को भीड़ को उकसाने के लिए आपके नेता राहुल गांधी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है।’

नक्सलवादी हथकंडे हमारी संस्कृति के विपरीत

 

सरमा ने कहा, ‘यह असम की संस्कृति का हिस्सा नहीं है। हम एक शांतिपूर्ण राज्य हैं। इस तरह के नक्सलवादी हथकंडे हमारी संस्कृति के बिल्कुल विपरीत हैं। आपके गैरजिम्मेदाराना आचरण और सहमति से तय दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की वजह से गुवाहाटी की सड़कों पर भारी जाम लग गया।’ साथ ही कहा कि इस तरह के साक्ष्य सामने आ रहे हैं कि कैसे राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता जितेंद्र सिंह ने असम के पुलिस कर्मियों की हत्या करने के लिए भीड़ को उकसाया। हमारे पुलिसकर्मी जनता के सेवक हैं और किसी राजपरिवार से संबंध नहीं रखते। निश्चिंत रहें, कानून के हाथ लंबे हैं, वह निश्चित ही आप तक पहुंचेंगे।

इसे भी पढ़ें: अपराधियों से दो कदम नहीं, बल्कि दो पीढ़ी आगे रहना होगा ; अमित शाह ने क्यों कहा ऐसा

मेघालय के छात्रों के साथ नहीं मिली संवाद करने की अनुमति

 

वहीं, पुलिस महानिदेशक ने कहा कि झड़प में कुछ पुलिसकर्मी एवं सामान्य जन भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने यात्रा को निर्धारित मार्ग पर लौटने का अनुरोध भी किया था। इससे पहले राहुल ने दावा किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर उन्हें मेघालय के निजी विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ संवाद करने की अनुमति नहीं दी गई। ये निर्देश असम के मुख्यमंत्री कार्यालय के जरिये विश्वविद्यालय को पहुंचाए गए थे। राहुल को असम की सीमा से लगते मेघालय के रि भोई जिले में स्थित यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी में छात्रों, सिविल सोसायटी के सदस्यों एवं पार्टी नेताओं के साथ अलग-अलग संवाद करना था। बाद में इसे रद करना पड़ा और उन्होंने छात्रों एवं अन्य को अंतर-राज्यीय सीमा पर अपनी बस की छत से संबोधित किया।

असम के डोम्डोमा में एक प्रेस कान्फ्रेंस में राहुल ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री यात्रा में बाधाएं खड़ी कर रहे हैं और ऐसी कार्रवाइयों से लाभ ही होगा और ज्यादा प्रचार मिलेगा। उन्होंने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक कार्यक्रम बताते हुए लोगों के बीच किसी तरह की लहर चलने की बात को खारिज कर दिया।

इसे भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, AMU ने अपनी मर्जी से छोड़ा था अल्पसंख्यक दर्जा, जानें क्या है पूरा इतिहास

‘ममता बनर्जी मेरे बेहद निकट’

 

कामरूप में राहुल ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके बेहद निकट हैं। उनसे लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ममता के विरुद्ध तीखी टिप्पणियों के बारे में सवाल किया गया था। राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए बंगाल में सीट बंटवारे पर तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत जारी है और इसमें अधीर रंजन की टिप्पणियां कोई मायने नहीं रखती।

इसे भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पले राजनीतिक पार्टियों के लिए क्यों प्रासंगिक हो गए कर्पूरी ठाकुर, ये है वजह

 

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

You may have missed