बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में इन शर्तों पर मिली जमानत

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी और आरोपी बिभव कुमार को जमानत मिल गई है। इस मामले में बिभव कुमार पिछले 100 दिनों से जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को तीन महीने के भीतर सबसे पहले महत्वपूर्ण और कमजोर गवाहों की जांच पूरी करने का प्रयास करना चाहिए।

बिभव  और आप को इन शर्तों का करना होगा पालन

बिभव कुमार को शीर्ष अदालत से सशर्त जमानत मिली है। शर्तों के अनुसार, बिभव कुमार सीएम आवास और सीएम कार्यालय नहीं जा सकेंगे। वहीं इस मामले में बिभव कुमार की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। इस मामले में आम आदमी पार्टी की तरफ से बिभव कुमार को दिल्ली के मुख्यमंत्री के निजी सचिव या सीएम कार्यालय से जुड़ा राजनीतिक पद नहीं दिया जाएगा और आम आदमी पार्टी की तरफ से इस केस की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।

18 मई को गिरफ्तार हुए थे बिभव कुमार

आपको बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि केस में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है। स्वाति मालीवाल को आई चोटें सामान्य हैं। इस केस में जमानत मिलनी चाहिए। आप किसी व्यक्ति को ऐसे केस में जेल में नहीं रख सकते। शिकायतकर्ता स्वाति मालीवाल की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह मामले में अपनी बात रखना चाहती हैं। यह मामला तब का है, जब 13 मई को जब स्वाति मालीवाल केजरीवाल से मुलाकात करने पहुंची थीं। इसके बाद उनकी बिभव कुमार से बहस हुई। बाहर आकर उन्होंने आरोप लगाया कि बिभव ने उनके साथ मारपीट की। जांच के बाद 18 मई को बिभव को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं इससे पहले स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। बिभव कुमार ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।

जमानत के विरोध में दलील, कोर्ट की टिप्पणी

इस मामले में असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले उन गवाहों की जांच हो जानी चाहिए, जो बिभव कुमार के प्रभाव में आते हैं। यह महिला अपराध का मामला है। इसमें सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्हें अभी जमानत दिया जाना ठीक नहीं है।

अदालत ने कहा कि केस में चार्जशीट फाइल कर दी गई है। 100 दिन से वे जेल में हैं। मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि स्वाति मालीवाल को आई चोटें सामान्य हैं। ऐसे केस में जमानत मिलती है। असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल को जमानत का विरोध नहीं करना चाहिए।

वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ बिभव कुमार ने शीर्ष अदालत का रुख किया था। उनका दावा है कि उसके खिलाफ आरोप झूठे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जांच पूरी होने के कारण अब उसकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है। शीर्ष अदालत ने बिभव कुमार की याचिका पर दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया था।

 

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